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Praveen Jain "पल्लव"
White पल्लव की डायरी है अकेला तू,गति कर्मो की है चेतना की सुध भी नही लेता तू मोहपाश में ज्यो ज्यो फ़ँसा तू बन्धनों में ऐसा जकड़ा तू राग द्वेष का व्यापार चलाता तू किसी से प्रीती किसी से दुश्मनी कर भावो की सतत सरिता में बहकर नित पापो से कलुषित आत्मा करता क्यू भोग ही जीवन नही है योग संजोग निज तत्वों में ला भटकावों के सजे है मेले दुनियाँ में तू इनमे फँसने, बार बार जन्म ना पा क्लोज करो यहाँ कर्मो का एकाउंट बार बार के जन्म मरण से आत्मा को मुक्ति करो प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #sad_quotes है अकेला तू,गति कर्मों की है
#sad_quotes है अकेला तू,गति कर्मों की है
read moreSatish Kumar Meena
Maa मुझे ममत्व का पाठ पढ़ा के, वो मुझे हृदय में बसाती है। जब आंखों से ओझल होऊं, नयनों में आंसू ले आती हैं। उस प्रेम के,उन भावों की, मैं कीमत नहीं चुका सकता। तू ही तो है मेरी जन्मदात्री, तेरा हाथ सदा सिर रहता।। ©Satish Kumar Meena तू ही तो है
तू ही तो है
read moreLili Dey
White तन्हा हूं मगर खुश हूं क्योंकि खुश रहना ही जिंदगी है, तुम खुद खुश नहीं रह सकते हो तो तुम्हारी जिंदगी कैसे खुश रह सकती है, जिंदगी को खुशियों से भरना ही हमारा काम है, यह काम छोड़कर हम कैसे और कुछ कर सकते हैं, तुम जिंदगी को खुश नहीं रख सकते हो तो जिंदगी को कैसे कह सकते हो की जिंदगी तुम्हें खुशी दे, इतना खुश रखो जिंदगी को की जिंदगी खुद कहे की हां मुझे भी अब खुश ही रहना है... ©Lili Dey खुश रहना सिखो
खुश रहना सिखो
read moreR.R.K
White उसे तुम से मोहब्बत है ग़लत-फ़हमी में मत रहना ये बस दिल की शरारत है ग़लत-फ़हमी में मत रहना तुम्ही को देख कर वो मुस्कुराता है तो हैरत क्या उसे हँसने की आदत है ग़लत-फ़हमी में मत रहना हुए बर्बाद तो अब आह-ओ-ज़ारी कर रहे हो तुम कहा भी था सियासत है ग़लत-फ़हमी में मत रहना मैं तुझ को चाहता हूँ बात ये सच है मगर फिर भी मुझे तेरी ज़रूरत है ग़लत-फ़हमी में मत रहना ही झुकी नज़रों से तकना और ख़मोशी से गुज़र जाना मोहब्बत की रिवायत है ग़लत-फ़हमी में मत रहना किया करता हूँ 'राही' उस की तारीफ़ें सबब ये है वो मुझ से ख़ूबसूरत है ग़लत-फ़हमी में मत रहना ©R.R.K #love_qoutes उसे तुम से मोहब्बत है ग़लत-फ़हमी में मत रहना ये बस दिल की शरारत है ग़लत-फ़हमी में मत रहना love shayari
#love_qoutes उसे तुम से मोहब्बत है ग़लत-फ़हमी में मत रहना ये बस दिल की शरारत है ग़लत-फ़हमी में मत रहना love shayari
read moreSumit Kumar
White "नदियाँ" स्त्रीलिंग क्यों? "सागर" पुल्लिंग क्यों? ये समझ गए तो स्त्री और पुरुष के मन को समझ जाओगे.. ©Sumit Kumar तू धार है नदियाँ की मैं तेरा किनारा हूँ..
तू धार है नदियाँ की मैं तेरा किनारा हूँ..
read moreDevesh Dixit
जिन्दगी जिन्दगी तू एक पहेली है जिसको लिया तूने आगोश में उसी के साथ तू खेली है जिन्दगी तू एक पहेली है किसी को कांटे तो किसी को गुलाब दिए हैं तूने अपने दामन में कई राज़ दफन किए हैं तुझे बनाना चाहता हर कोई सहेली है जिंदगी तू एक पहेली है अदभुत तेरे नज़ारे हैं उन नज़ारों में तेरे बहाने हैं ऐसे खेल तू खेली है जिंदगी तू एक पहेली है किसी को तेरी चाह है तो किसी से तू कहीं रूठी है जीवन में रात उसके घनेरी है जिन्दगी तू एक पहेली है तेरी भी एक सीमा है तू भी समय से बंधी है क्या कहूं ये क्या पहेली है जिन्दगी तू एक पहेली है .............................................. देवेश दीक्षित ©Devesh Dixit #जिन्दगी #nojotohindi #nojotohindipoetry जिन्दगी जिन्दगी तू एक पहेली है जिसको लिया तूने आगोश में उसी के साथ तू खेली है जिन्दगी तू एक पहेल
#जिन्दगी #nojotohindi #nojotohindipoetry जिन्दगी जिन्दगी तू एक पहेली है जिसको लिया तूने आगोश में उसी के साथ तू खेली है जिन्दगी तू एक पहेल
read moreRahul Ranjan
White हां अकेले रहना पसंद है मुझे, पर लोग इस मेरी ego समझ लेते हैं, अब क्या कहूं इन्हें मैं अकेले तो कोई रहना नहीं चाहता, पर जमाने की रुख़ ही ऐसा है कि अकेले रहना खुद-ब-खुद आ जाता है, कहने को तो यहां हर कोई साथ हैं लेकिन जिंदगी के हर मोड़ पर हमें चलना अकेले ही है, ये बात भी इस दुनिया ने ही सिखाई है कि, आप सबके जरूरत पर खड़े रहते हो, मगर आपको जरूरत पड़ने पर सब मुंह फेर लेते हैं, इसलिए मैं अपनी जरूरत खुद बनना चाहता हूं लोगों का क्या है, वो तो छोड़ जाते हैं बीच रास्तों पर अकेले. क्योंकि, उन्हें सिर्फ हक जताना आता है, रिश्ता निभाना नहीं. और फिर जब हर बार खुद को अपने साथ अकेले ही पाना है, हर रास्ते पर खुद को मुझे अकेले ही चलना है, तो क्यों ना अकेले ही रहा जाए. वैसे भी सबके करीब जाकर देख लिया है, मुझे, मुझसा सुकून कहीं नहीं मिला. हां, इन समझदारों की दुनियां में जहां रिश्ते सिर्फ मतलब से निभाये जातें हैं, वहां मैं अकेले ही ठीक हूं बेमतलब से. जिन्हें कोई वास्ता ही नहीं उनके साथ क्यूं रहूं मैं, कम से कम झूठे सहारे से तो अच्छा है मैं खुद के साथ अपने तरीके से जियूं. अब ऐसा नहीं है कि मुझे किसी से मिलना-जुलना, बातें करना, दोस्ती-यारी रखना पसंद नहीं है, पसंद सब है मुझे. मगर उन जैसे formality करके नहीं जुड़ना चाहता मैं किसी से, यही वजह है कि ओरों से ज्यादा खुद के साथ वक्त बिताता हूं. कुछ बातें खुद से कहना, खुद की सुनना, थोड़ा खुद को समझाना, थोड़ा खुद समझा लेना अच्छा लगता है मुझको. फर्क नहीं पड़ता कौन क्या कहता है मेरे बारे में, बस अपनी आवाज़ को सुन सकूं इसलिए दुनिया के शोर से दूर रहता हूं. क्योंकि नहीं चाहता उस भीड़ का हिस्सा बनना, जिस भीड़ में मैं ही खो जाऊं, फिर चाहे कोई मुझे समझे या ना समझे, इस बात की भी कोई उम्मीद नहीं रखता किसी से. क्योंकि अब सारी बातें खुद से ही होती है, और यही फायदा है अकेले रहने का की मेरे जैसे इंसान दिखावे का नहीं हक़ीक़त की जिंदगी जीता है. क्योंकि हमें खुद से बेहतर कोई नहीं समझ सकता. ©Rahul Ranjan #Sad_Status अकेले रहना अच्छा लगता है
#Sad_Status अकेले रहना अच्छा लगता है
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