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Bipul Prajapati
मेरे नसीब में आंखो के ऐसी चीजे ही क्यों पसंद आता है दोस्त जिसे मिलना नसीब में नहीं होता । क्यों पसंद आता है?
क्यों पसंद आता है?
read moreParasram Arora
अब पसीना क्यों बहाये मेहनत भी क्यों करें. जबकि कुर्सी मिलते ही हर शै मुफ्त में मिल रही है ख्वाहिशों का वज़ूद अपना क्षेत्रफल रोज़ बढ़ाता जा रहा है एक पूरी होती नही की दूसरी सिर उठा रही है ज़ुल्मों की धूप में तप चुकी है ये बुझी हुई जिंदगी अब तो ये जिंदगी भी ठंडी फुहारो की तमन्ना कर रही है मै जानता हूं दिल तुम्हारा आईने की तरह. सवच्छ है. तभी तो उसमे अपनी झलक देखने की तमन्ना बार बार उठ रही है ©Parasram Arora सब पसीना क्यों बहाये...... #alone
सब पसीना क्यों बहाये...... #alone
read moreShankar Thapa
हमें गुस्सा क्यों आता है? क्रोध या गुस्सा, किसी चीज को नापसंद करने पर स्वाभाविक रूप से होने वाली प्रतिक्रिया है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक लोगों में क्रोध और गुस्से की भावना के कारण भिन्न-भिन्न हो सकते हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, क्रोध केवल भावनाओं या शक्ति का शारीरिक प्रदर्शन नहीं है, इसके कई रूप हो सकते हैं। लोग अपनी आक्रामकता को अलग-अलग तरीकों से व्यक्त कर सकते हैं। अमेरिकन साइकोलॉजिकल एसोसिएशन, क्रोध या गुस्से की भावना को मानसिक शांति के लिए अच्छा मानता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, यह आपको नकारात्मक भावनाओं को व्यक्त करने का एक तरीका देता है। लेकिन यदि आपको बार-बार या बहुत अधिक क्रोध आता है, जो आपके नियंत्रण की सीमा से बाहर चला जाता हो तो इसे नुकसानदायक माना जाता है। मनोचिकित्सक कहते हैं, क्रोध के कारण बढ़ा हुआ ब्लड-प्रेशर और इससे जुड़े अन्य शारीरिक परिवर्तन सोचने की क्षमता को प्रभावित करने के साथ कई प्रकार से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकते हैं। पर आखिर लोगों में बहुत ज्यादा या बार-बार गुस्सा आता क्यों है? मस्तिष्क में ऐसे कौन से परिवर्तन हैं जो लोगों को गुस्सैल बना देते हैं, आइए इस बारे में विस्तार से जानने की कोशिश करते हैं। विज्ञापन 2 of 5 कई कारणों से आ सकता है ज्यादा गुस्सा - फोटो : getty images क्यों आता है बार-बार गुस्सा? मनोचिकित्सक कहते हैं, गुस्सा किसी को भी, किसी भी बात के खिलाफ आ सकता है। हर किसी में इसके कारण भिन्न हो सकते हैं। कुछ लोगों में पारिवारिक समस्याएं, वित्तीय संकट, काम से संबंधित तनाव या रिश्तों में चल रही मुश्किलें भी गुस्से को ट्रिगर कर सकती हैं। जबकि कुछ लोगों में तमाम तरह के मानसिक विकारों के कारण भी अक्सर गुस्से की भावना आ सकती है। यदि आपको बार-बार गुस्सा आ रहा है, तो इस बारे में किसी मनोचिकित्सक से सलाह लेना आवश्यक है। 3 of 5 कई स्थितियां गुस्से को बढ़ा सकती हैं - फोटो : Pixabay गुस्से को बढ़ाने वाले कारक मनोचिकित्सक बताते हैं, स्वास्थ्य संबंधी कई तरह की समस्याएं भी अनियंत्रित और बार-बार होने वाले गुस्से का कारण बन सकती हैं। अक्सर अवसाद यानी कि डिप्रेशन के शिकार लोगों में छोटी से छोटी स्थिति में निराशा और क्रोध आने की समस्या देखी जा सकती है। कुछ मामलों में मिर्गी की समस्याएं भी गुस्से को बढ़ावा दे सकती हैं। ऑब्सेसिव कंपल्सिव डिसऑर्डर (ओसीडी) एक प्रकार का चिंता विकार है जो व्यक्ति के व्यवहार पर असर डालती है। ऑब्सेसिव विचारों के कारण भी लोग अत्यधिक गुस्से का शिकार हो सकते हैं। ध्यान रखें, इन सभी मानसिक स्वास्थ्य संबंधी स्थितियों का समय रहते निदान और इलाज कराना आवश्यक माना जाता है। विज्ञापन 4 of 5 बार-बार गुस्सा आना सही नहीं (प्रतीकात्मक तस्वीर) - फोटो : pixabay क्या कहते हैं विशेषज्ञ? मनोवैज्ञानिक और एंगर मैनेजमेंट विशेषज्ञ डॉ जेरी डेफेनबैकर कहते हैं, जिस तरह से शरीर की संरचना एक से दूसरे व्यक्ति में अलग होती है, उसी तरह से गुस्से की भावना भी लोगों में भिन्न कारणों, आवृति और आक्रमकता वाली हो सकती है। कुछ लोग गुस्से की भावना को ज्यादा आक्रमक तरीके से नहीं दिखाते हैं जबकि कुछ लोगों में यह आसानी से पता चल जाता है। यदि आपको भी सामान्य से अधिक या बार-बार गुस्सा आता है तो इसके पीछे की असल समस्या के निदान के लिए किसी मनोचिकित्सक से जरूर मिलें। समय से कारणों का पता चल जाने से स्थिति को ठीक करना आसान हो जाता है। 5 of 5 गुस्से को नियंत्रित करने वाले उपाय करें - फोटो : getty images गुस्से को नियंत्रित करने के क्या तरीके हैं? मनोचिकित्सक डॉ सत्यकांत त्रिवेदी बताते हैं, गुस्से को शांत करने का सबसे आसान तरीका है लंबी और गहरी सांस लेना। जब भी आपको गुस्सा आए तो लंबी सांस लें, इससे मस्तिष्क को ऑक्सीजन मिलता है जिससे गुस्से की समस्या को कम किया जा सकता है। शारीरिक गतिविधि या व्यायाम, तनाव को कम करने में मदद करते हैं, जिसे क्रोध का मुख्य कारण माना जाता है। अगर आपको लगता है कि गुस्सा बढ़ रहा है तो तेजी से चलना शुरू कर दें, ऐसा करने से ध्यान दूसरी चीजों पर चला जाता है और इससे भी गुस्से को कम किया जा सकता है। योग और मेडिटेशन को गुस्से को कम करने का स्थाई समाधान माना जाता है। हालांकि यदि आपको गुस्सा बहुत ज्यादा और बार-बार आता है तो इस बारे में किसी मनोचिकित्सक से सलाह जरूर ले लें। ----------------- नोट: यह लेख तमाम अध्ययनों की रिपोर्ट और स्वास्थ्य विशेषज्ञों की सलाह के आधार पर तैयार किया गया है। अस्वीकरण: अमर उजाला की हेल्थ एवं फिटनेस कैटेगरी में प्रकाशित सभी लेख डॉक्टर, विशेषज्ञों व अकादमिक संस्थानों से बातचीत के आधार पर तैयार किए जाते हैं। लेख में उल्लेखित तथ्यों व सूचनाओं को अमर उजाला के पेशेवर पत्रकारों द्वारा जांचा व परखा गया है। इस लेख को तैयार करते समय सभी तरह के निर्देशों का पालन किया गया है। संबंधित लेख पाठक की जानकारी व जागरूकता बढ़ाने के लिए तैयार किया गया है। अमर उजाला लेख में प्रदत्त जानकारी व सूचना को लेकर किसी तरह का दावा नहीं करता है और न ही जिम्मेदारी लेता है। उपरोक्त लेख में उल्लेखित संबंधित बीमारी के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श लें। ©Shankar Thapa हमें गुस्सा क्यों आता है!
हमें गुस्सा क्यों आता है!
read morePraveen Jain "पल्लव"
पल्लव की डायरी धूप में तड़पा,मेहनत कर करके तब दौर छाव में सुस्ताने का आया है वायदा तो कर आया था उसकी मां से मगर निभाने में पसीना उतर आता है उसे छाव तले रखने में,जोखिम उठाता हूँ लेकिन जीवन सुलगता है मेरा तब उसे प्यार की छाव, दे पाता हूं प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #Twowords उसे छाव तले रखने में पसीना उतर आता है #Twowords
RAVI PRAKASH
White मुझे ही क्यों ख्याल आता है की किसी को बुरा लग जायेगा.. किसी को यह ख्याल क्यों नहीं आता मुझे भी बुरा लग ©RAVI PRAKASH #Emotional_Shayari मुझे ही क्यों ख्याल आता है
#Emotional_Shayari मुझे ही क्यों ख्याल आता है
read moreSmarty Khan
#violin जाने क्यों हमें आंसू बहाना है आता जाने क्यों हालेदिल बताना नहीं आता क्यों साथी बिछड़ जाते है हमसे शायद हमें ही साथ निभाना नहीं आता
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