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Shaikh Wajid Bin Aziz
Subha Subha Uthna Parta Hai Kamanay K Liye Sahab... Araam Kamanay Nikalta Hu Araam Chod Kar... Hunar Sardkan Par Tamasha Karta Rehta Hai.. Aur Kismat Mehlon Mai Raj Karti Hai... Mr_Writes_Wajid loh
loh
read moreRohit Sapra
Safar Pyar hai toh hamesha mere paas rehna, warna tumhari marzi mujse door hi raho. Nafrath karni hai yah pyar, soch loh tum. Soch Loh
Soch Loh
read moreSharma
भगवानजी को प्राप्त करना का सबसे सरल तरीका हैं की खुद को मन्दिर में रखे हुए दिये की लौह कि तरह बनाओ जो आपकी भगती को पुरा करने के लिए अपने आपको जला देती हैं। ©Sharma #bhagwaanji #mandir #diyaa #loh
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read moreSHOBHA GAHLOT
जल्द नाराज़ हो जाने वाले पुरुष वंचित रह गए स्त्री के आमोद और प्रमोद से.. बेहद हिदायती पुरुषों ने नही देखा स्त्री का जश्न.. आवश्यकता से अधिक मितव्ययी पुरुष जान ही न पाए स्त्री का उल्लास और उमंग .. पुरुषों का अहं बंधा रहा उनकी आंखों पर पट्टी बन वे नहीं देख पाए स्त्री की अनुपम कलाएं.. पुरुषों की उदासीनता ने राग की स्रोतस्विनी पर उदासी का बांध बनाया.. अपनी हर इच्छा को बलात् थोपने वाले पुरुष अनुभूत नहीं कर पाए स्त्री प्रेम की प्रगाढ़ता... समय निरा शोर रहा बहता गया अनन्त संभावनाओं और सपनों के आवरण में ढकी एक अनोखी नदी यूँ ही सूखती गई.. ❤️❤️ ©Shobha Gahlot #Purush
Rishabh Srivastava
Khud k andar dukh ka maikhana sajaye betha hu,ha me purush hu me ghum bhulaye betha hu. Kisi ka kaccha pakka dost kisi ka aadha sacha pyar kisi ka bhai to kisi ka raja beta hu,ha me purush hu me duniya lutaye betha hu. purush
purush
read moreSHOBHA GAHLOT
White जब पुरूष प्रेम में होता है तो उसके अंदर की स्त्री जाग्रत हो जाती है वो कोमल स्वभाव का हो जाता है। मंद मंद मुस्कराता हैं कभी कभी शरमा भी जाता है कहते कहते मुझे मोहब्बत है तुमसे..! अर्थो को लपेट कुछ ओर ही शब्दों में अपने मन का हाल जताता है कोरे भी उसकी आँखो की भीग जाती है..! कल्पना मैं खोया रहता है समंदर को आंखो से पी जाता है गीत गुनगुनाता है। उसके माथे पर पडती धूप को अपने हाथों का दुशाला ओढाता है सहारा की तपती रेत में कही दूर से बचा बचा कर अपनी हथेली में पानी की चंद बूँदे ले आता है। अपनी प्रियतमा में उस परम देवी के शक्ति के दर्शन पा जाता है अर्धनारीश्वर हो जाता है। खत्म कर अपना पुरुषत्व, अंह, शिव के जैसे अपने सीने में उसका सारा क्रोध पी जाता है शांत हो जाता है सरल हो जाता है बात बात में फिर ना ही घृणा कर पाता है और बच्चे सा हो जाता है..!! ✍️❣️❣️❣️❣️❣️ ©SHOBHA GAHLOT #Purush