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Harshita Dawar
Written by Harshita ✍️✍️ #Jazzbaat अति अति की भी बुरी है फ़ायदे और नुकसान दोनों साथ पडलें पर विराजमान है। अति आधुनिक तकनीक से नहीं बल्कि चेहरे पर मुस्कान लगाएं सीरत से उद्घड मचाएं सीख सके तो सीख जाएं,अच्छे बुरे से पहचान करवाए। #deepthoughts #yqdidi #feelings #Yqbaba #Yqdidi Written by Harshita ✍️✍️ #Jazzbaat अति अति की भी बुरी है फ़ायदे और नुकसान दोनों साथ पडलें प
Divyanshu Pathak
हमारी संस्कृति-खान-पान, वेश-भूषा, त्योहार देवी-देवता आदि का लोक आधार तो भूगोल ही है। व्यावसायिक उत्पाद नहीं है (कॉमर्शियल क्राप्स)। :💕☕😊😊 खेती में भूगोल की भूमिका ही लुप्त हो गई। बाजरा-मक्का-ज्वार का स्थान गेहूं और चावल जैसे विषैले खाद्यान्न ने ले लिया है। गेहूं के नित नए
:💕☕😊😊 खेती में भूगोल की भूमिका ही लुप्त हो गई। बाजरा-मक्का-ज्वार का स्थान गेहूं और चावल जैसे विषैले खाद्यान्न ने ले लिया है। गेहूं के नित नए
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न दिलों में इश्क़ न किसी के लिए प्यार है। ये तो केवल रिज़्क़ तक सीमित बाज़ार है। इन-दिनों घर में किसी की कहाँ बनती है! छोटी-छोटी बातों पे हो जाती तक़रार है। कोई छोटा और न बड़ा रह गया रिश्ता । लिहाज़ रखते नहीं हया भी ज़ार-ज़ार है। वालिद तोड़ता रहा उम्र भर बदन अपना, बच्चों को लगता है कि खज़ाना अपार है। कुछ कमाओं तो पता चले तुम लोगों को । कौन किस चीज़ का कितना हक़दार है ? ये गैजेट्स और गिज़्मो से चिपके रहते हो। समझते हो कि 'पंक्षी' बस यही संसार है। #cinemagraph शीर्षक- बस यही संसार है। ( एक ग़ज़ल ) न दिलों में इश्क़ न किसी के लिए प्यार है। ये तो केवल रिज़्क़ तक सीमित बाज़ार है। इन-दिनों
#cinemagraph शीर्षक- बस यही संसार है। ( एक ग़ज़ल ) न दिलों में इश्क़ न किसी के लिए प्यार है। ये तो केवल रिज़्क़ तक सीमित बाज़ार है। इन-दिनों
read moreDivyanshu Pathak
न दिलों में इश्क़ न किसी के लिए प्यार है। ये तो केवल रिज़्क़ तक सीमित बाज़ार है। इन-दिनों घर में किसी की कहाँ बनती है! छोटी-छोटी बातों पे हो जाती तक़रार है। कोई भी छोटा न बड़ा रह गया आजकल। लिहाज़ रखते नहीं हया भी ज़ार-ज़ार है। वालिद तोड़ता रहा उम्र भर बदन अपना। बच्चों को लगता है कि खज़ाना अपार है। कुछ कमाओं तो पता चले तुम लोगों को। कौन किस चीज़ का कितना हक़दार है ? गैजेट्स-गिज़्मो से चिपके रहते हो तुम । 'पंक्षी' तुम समझते हो कि यही संसार है। #cinemagraph #पाठकपुराण की ओर से #शुभरात्रि साथियो। : न दिलों में इश्क़ न किसी के लिए प्यार है। ये तो केवल रिज़्क़ तक सीमित बाज़ार है। इन-द
#cinemagraph #पाठकपुराण की ओर से #शुभरात्रि साथियो। : न दिलों में इश्क़ न किसी के लिए प्यार है। ये तो केवल रिज़्क़ तक सीमित बाज़ार है। इन-द
read moreDivyanshu Pathak
न दिलों में इश्क़ न किसी के लिए प्यार है। ये तो केवल रिज़्क़ तक सीमित बाज़ार है। इन-दिनों घर में किसी की कहाँ बनती है! छोटी-छोटी बातों पे हो जाती तक़रार है। कोई छोटा और न बड़ा रह गया रिश्ता । लिहाज़ रखते नहीं हया भी ज़ार-ज़ार है। वालिद तोड़ता रहा उम्र भर बदन अपना, बच्चों को लगता है कि खज़ाना अपार है। कुछ कमाओं तो पता चले तुम लोगों को । कौन किस चीज़ का कितना हक़दार है ? ये गैजेट्स और गिज़्मो से चिपके रहते हो। समझते हो कि 'पंक्षी' बस यही संसार है। न दिलों में इश्क़ न किसी के लिए प्यार है। ये तो केवल रिज़्क़ तक सीमित बाज़ार है। इन-दिनों घर में किसी की कहाँ बनती है! छोटी-छोटी बातों पे हो
न दिलों में इश्क़ न किसी के लिए प्यार है। ये तो केवल रिज़्क़ तक सीमित बाज़ार है। इन-दिनों घर में किसी की कहाँ बनती है! छोटी-छोटी बातों पे हो
read moreNisheeth pandey
चार लाइन चिकित्सक को समर्पित , जो आधुनिक तकनीक पर पूर्णतः चिकित्सा को दलाली का धंदा में परिवर्तित कर दिए । अगर आपको सहीं लगे तो शेयर करें ।धन्यवाद ! लाशों के मांस के लोथड़े को चीड़ फाड़ कर बेच रहे हैं धरा के भगवान ..... गिद्ध बने पड़े हैं न दया है न धर्म ये कैसा हो गया इंसान ..... रोग ने जिसे लाचार किया उसे लुटा जा रहा बेचा जा रहा , मातम लिख रहा रोगी के माथे पर पहले ....फिर दवा के पुर्ज़ा पर भगवान का ईमान .... चीख रहा है गांव से शहर तक की हर गलियां ....कौन यहां शैतान कहाँ है इंसान .... रुपयों की गड्डी पर अधमरा रोगी साँसे ले रहा यहां .... नोट नहीं जिसके पास वो बस जिंदा है भाग्यभरोसे यहां ........ 🤔 #निशीथ 🤔 ©Nisheeth pandey चार लाइन चिकित्सक को समर्पित , जो आधुनिक तकनीक पर पूर्णतः चिकित्सा को दलाली का धंदा में परिवर्तित कर दिए । अगर आपको सहीं लगे तो शेयर करें ।ध
चार लाइन चिकित्सक को समर्पित , जो आधुनिक तकनीक पर पूर्णतः चिकित्सा को दलाली का धंदा में परिवर्तित कर दिए । अगर आपको सहीं लगे तो शेयर करें ।ध
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आज का दिन,26जनवरी का दिन, हम भारतीयों के लिये गौरव का दिन | इस दिन संविधान लागू हुआ हमारा, जो है शासन का आधार | कानून व्यवस्था इसमें सारी, बतायें गये कर्तव्य-अधिकार | दिल्ली है राजधानी हमारी, सब दिलों पर करती राज | आज राजपथ से आती आवाज़, हम हैं दुनियां के जाबांज| आओ दिखायें हम अपने अंदाज , ऐसे ही नहीं करते,हम दिलों पर राज | राजपथ देता है आवाज, देखो सब भारत को आज | झाँकी दिखाते है ,हिन्दुस्तान की, विविधता नहीं है केवल नाम की | तरह-तरह की पहनें पोशाक, पर मन से सब हैं एक साथ | चाहे हो कश्मीर,चाहे हो बंगाल, आयेगी सब तरफ एक ही आवाज़ | भारत माता की जय,भारत माता की जय | वंदे मातरम,वंदे मातरम | दिखाते हैं दुनियां को , कितना है हम में दम | आजादी मिलने के बाद , हमने क्या-क्या किये करम | तरक्की का हर दृश्य, भारतीय संस्कृति का परिचय | जावानों के बुलंद हौंसले, किसानों के खेत खलिहान | विज्ञान की आधुनिक तकनीक, खेलो में पायी कितनी जीत | जल-थल-वायु सेना का शौर्य, सलाम करता है इन सबको हमारा मौर्य |(राष्ट्रपति) - डॉ ममता सूद ©PustakRatna आज का दिन,26जनवरी का दिन, हम भारतीयों के लिये गौरव का दिन | इस दिन संविधान लागू हुआ हमारा, जो है शासन का आधार | कानून व्यवस्था इसमें सारी,
आज का दिन,26जनवरी का दिन, हम भारतीयों के लिये गौरव का दिन | इस दिन संविधान लागू हुआ हमारा, जो है शासन का आधार | कानून व्यवस्था इसमें सारी,
read morejagruti vagh
विश्व पर्यावरण दिन की सभी को हार्दिक शुभकामनाएं _______________________________________________ _______________________________________________ वसुधा की हर एक धड़कन पर्यावरण की मोहताज है
_______________________________________________ _______________________________________________ वसुधा की हर एक धड़कन पर्यावरण की मोहताज है
read moreKP STORY HD
KP NEWS for the same for me to get ©कंवरपाल प्रजापति टेलर आज पीएम मोदी ने देश में आने वाले दिनों में एक नई योजना 'विश्वकर्मा कौशल सम्मान योजना' (Vishwakarma Kaushal Samman Yojana) भी शुरू करने का
आज पीएम मोदी ने देश में आने वाले दिनों में एक नई योजना 'विश्वकर्मा कौशल सम्मान योजना' (Vishwakarma Kaushal Samman Yojana) भी शुरू करने का
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दिनांक: १० फरवरी २०२१ दिल्ली प्रिय डाकपेटी, विषय : पत्र के माध्यम से सूचना के आदान-प्रदान को याद करते हुए डाकपेटी को पत्र। तुम्हारे कुशल होने की क्या ही आशा करूँ! तुम्हारा चलन तो मानो खत्म होने की चरम बिंदु पर पहुँच गया है। परन्तु फिर भी तुम्हारे बचे हुए अनमोल महत्त्व के संसार में विद्यमान रहने और इस महत्व में बढ़त होने की कामना करती हूँ। (शेष अनुशीर्षक में) दिनांक: १० फरवरी २०२१ दिल्ली प्रिय डाकपेटी, विषय: पत्र के माध्यम से सूचना के आदान-प्रदान को याद करते हुए डाकपेटी को पत्र। तुम्हारे कुशल ह
दिनांक: १० फरवरी २०२१ दिल्ली प्रिय डाकपेटी, विषय: पत्र के माध्यम से सूचना के आदान-प्रदान को याद करते हुए डाकपेटी को पत्र। तुम्हारे कुशल ह
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