Find the Latest Status about माणसाचे गुण from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, माणसाचे गुण.
ADITYA PAWAR
कदर करायला शिका कोणी पुन्हा पुन्हा नाही येत जीवनात 😢😢 माणसाचे महत्व
माणसाचे महत्व
read moreshriram madhukar sarkate
वांझोट्या लोकशाहीत माझा रंडकी सहानुभुती, दु:खावरीया काय? लावु मी...! गंध टिळा का विभुती ©shriram madhukar sarkate ##सामान्य माणसाचे दु:ख
##सामान्य माणसाचे दु:ख
read morevk motivation
गुण गुणवान में ही गुण होते है वे निर्गुण के पास जाकर दोष बन जाते है जिस प्रकार नदियों का मीठा जल समुद्र में मिलने के बाद पीने के अयोग्य हो जाता है। ©viraj #गुण
Amannn
दहेज़ लेना भी कोई आसान बात नहीं हैं, इसके लिए इंसान के अंदर निर्लज्जता, भिकारी-पन, लालची जैसे गुणों का होना आवश्यक होता हैं... भाई इतने गुण तो मुझमें नहीं है..😅 #गुण
vk motivation
अभिवादन करने वाले व नित्य बड़े बुजुर्गो की सेवा करने वाले मनुष्य के चार गुण वृद्धि को प्राप्त होते है_आयु, विद्या,यश और बल। ©viraj #गुण
देव बाबू ,की कलम से /-/emat ,s
श्रेष्ठ कुल मे जन्म लेने से कोई श्रेष्ठ नहीं होता साहेब_____ श्रेष्ठता तो गुणों से निर्मित होती है जैसे कि - दूध , दही , छाछ , घी , मक्खन सब एक ही कुल के होते हुए भी अलग अलग मूल्य पर बिकते हैं गुण
गुण
read moreDr. Sunil Haridas
प्रत्येक माणसामध्ये एक तरी गुण चांगला असतो. परंतू नम्रता,आदर,स्नेह,विनम्रता हे जे गुण आहेत ते दैवी गुणांचे मुळ आहेत यामुळे ताणतणाव तर कमी होतोच आणि -हदयामधील जो परमेश्वर आहे त्याचा सन्मान पण होतो ©Dr. Sunil Haridas गुण
गुण
read moreSubhash_Rajasthani
गुण गुणों की प्रकृति तीन भागों में बंटी हुई हैं- 1. सत्तोगुण 2. रजोगुण एवं 3. तमोगुण किए गए कार्य की प्रकृति देखकर यह अंदाजा लगाना बिल्कुल आसान हो जाता है कि हमारा कार्य कौनसी श्रेणी में रखा जा सकता है। यदि किए गए कार्य में ईश्वरीय भाव छुपा है तो वह सतोगुण, मानवीय भाव छुपा है तो वह रजोगुण एवं दानवीय भाव छुपा है तो वह तमोगुण कहलाता है। अब यह हम पर निर्भर करता है कि हम कौनसा गुण धारण करें। जन्म से लेकर मृत्यु तक इन गुणों का स्वरूप हमारे जीवन में हर क्षण - हर घड़ी विद्यमान रहता है। ©Subhash Rajasthani #गुण
Thakur Atul Kumar Singh
अष्टौ गुणा पुरुषं दीपयंति प्रज्ञा सुशीलत्वदमौ श्रुतं च। पराक्रमश्चबहुभाषिता च दानं यथाशक्ति कृतज्ञता च॥ अर्थात् : आठ गुण मनुष्य को सुशोभित करते है – बुद्धि, अच्छा चरित्र, आत्म-संयम, शास्त्रों का अध्ययन, वीरता, कम बोलना, क्षमता और कृतज्ञता के अनुसार दान। ©Thakur Atul Kumar Singh #गुण