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Aaradhana Anand
रेशा-रेशा बिखरे है, तेरी चाहत में.. हमें क्या मालूम था कि तुमसे यूं धागे-धागे से जुड़े हैं हम..!! रेशे रेशे बिखरे है
रेशे रेशे बिखरे है
read moreRaj Sargam
ये रेशे धड़कनों के,हैं बड़े ही महीन समझते बोली,होगा कौन इनसे ज़हीन रब्ब की नेमत है,जो ये आपस में जुड़े लगता हरसू रिश्ता इनका ताज़ा तरीन। #MeriKalamSeRajSargam#nojotoHindi#रेशे#धड़कन#ज़हीन
Anjali Singhal
चाय ☕ शायरी ✍️ #Tea #tealover #chai #chailover #chaishayari #AnjaliSinghal nojoto "चाय से इश्क़ जैसे, मुझे तुझसे है वैसे; पत्तियाँ तेरे ख़
read more@yaadenyaadaatihain
दांतों में फंसे #आम के रेशे सा है इश्क़ तेरा, रह रह कर ध्यान बस तेरी ओर ही जाता है..! ❤️ #दांतों #में #फंसे #आम #के #रेशे #सा #है #इश्क़ #तेरा, #रह #रह #कर #ध्यान #बस #तेरी ओर #ही #जाता #है..! ❤️
aanand_tale(rudra)
मनमोहक अशी तु आनंदी शण तु जीवन तरंग तु माझ्या संगति तु मनमोहीनी. मनमोहक अशी तु आनंदी शण तु जीवन तरंग तु माझ्या संगति तु मनमोहीनी. #Emotions #feeling #love #memories #seeu #besties
Depak Soni
प्रेम के धागे से ही नहीं बांधा मैंने तुझे ... "मेरे कान्हा" रूह के हर रेशे से जुड़ा है तेरा -मेरा रिश्ता... आपको और आपक
प्रेम के धागे से ही नहीं बांधा मैंने तुझे ... "मेरे कान्हा" रूह के हर रेशे से जुड़ा है तेरा -मेरा रिश्ता... आपको और आपक
read moreJashan fatta
होंठों पर तेरा नाम अब नहीं आता, दिल में तेरी तस्वीर भी अब नज़र नहीं आती। दिल के करीब था तू कभी बिछड़ा हुआ सा रिश्ता हुआ अभी। आंखों में आसूं भी सूख गए सभी शण भर कि पयास बुझ गई अभी। लिखत: जसन सिंह ©Jashan fatta होंठों पर तेरा नाम अब नहीं आता, दिल में तेरी तस्वीर भी अब नज़र नहीं आती। दिल के करीब था तू कभी बिछड़ा हुआ सा रिश्ता हुआ अभी। आंखों में आसूं
होंठों पर तेरा नाम अब नहीं आता, दिल में तेरी तस्वीर भी अब नज़र नहीं आती। दिल के करीब था तू कभी बिछड़ा हुआ सा रिश्ता हुआ अभी। आंखों में आसूं
read moreRimpi chaube
White विभिन्नता से ओत–प्रोत प्रकृति के जैसे है। हर देश में समाज मानवीय संवेदनाओं के रेशे है। जोड़कर रखते है इंसान को इंसान से.... बीते कल से बेहतर आज समाज ऐसे है।। ©Rimpi chaube #समाज_ऐसे_है☺️ विभिन्नता से ओत–प्रोत प्रकृति के जैसे है। हर देश में समाज मानवीय संवेदनाओं के रेशे है। जोड़कर रखते है इंसान को इंसान से.... ब
समाज_ऐसे_है☺️ विभिन्नता से ओत–प्रोत प्रकृति के जैसे है। हर देश में समाज मानवीय संवेदनाओं के रेशे है। जोड़कर रखते है इंसान को इंसान से.... ब
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