Find the Latest Status about कड़ियाँ from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, कड़ियाँ.
Mithilesh Rai
आज भी मुझको तेरी चाहते-दीदार है। आज भी मेरी नज़र को तेरा इंतज़ार है। मैं जोड़ लेता हूँ तेरी यादों की कड़ियाँ- आज भी मुझको तमन्ना तेरी बार-बा
आज भी मुझको तेरी चाहते-दीदार है। आज भी मेरी नज़र को तेरा इंतज़ार है। मैं जोड़ लेता हूँ तेरी यादों की कड़ियाँ- आज भी मुझको तमन्ना तेरी बार-बा
read moreMithilesh Rai
आज भी मुझको तेरा हसरत-ए-दीदार है। आज भी मेरी नज़र को तेरा इन्तिज़ार है। मैं जोड़ लेता हूँ हमेशा यादों की कड़ियाँ- आज भी मुझको तमन्ना तेरी बा
आज भी मुझको तेरा हसरत-ए-दीदार है। आज भी मेरी नज़र को तेरा इन्तिज़ार है। मैं जोड़ लेता हूँ हमेशा यादों की कड़ियाँ- आज भी मुझको तमन्ना तेरी बा
read morealex akash
तेरी हर बुरी बात भी सही लगती है, मुझे तुझमें खुदा की परछाई दिखती है, कितना भी मोड़ लूं रुख अपना तुमसे, मुझे तुझमें मेरी हर बात दिखती है, इश्क़ की कहानियों पर यकीं नहीं, मुझे तुझमें हर एक कड़ियाँ मिलती है, तेरा छोड़ जाना भी कितना अजीब लगता है, मुझे इसमें भी एक बिखरी तक़दीर दिखती है, मेरा-तेरा होना मुकम्मल ना हुआ, मुझे तुझसे ये दूरियां भी बहुत अजीज़ लगती है। तेरी हर बुरी बात भी सही लगती है, मुझे तुझमें खुदा की परछाई दिखती है, कितना भी मोड़ लूं रुख अपना तुमसे, मुझे तुझमें मेरी हर बात दिखती है, इ
तेरी हर बुरी बात भी सही लगती है, मुझे तुझमें खुदा की परछाई दिखती है, कितना भी मोड़ लूं रुख अपना तुमसे, मुझे तुझमें मेरी हर बात दिखती है, इ
read moreUnavailable A
चुरा रहे हैं कुछ लोग मेरे अल्फ़ाज़ तक , उनकी सोच ठंडी हैं या लिखावट गन्दी हैं।। read Full caption : ...... It's my 2nd account. Check first ID 👉🏻👉🏻 Md writer yourquote पर जब आप कोई post करते हैं तो आपसे image/walpaper
read Full caption : ...... It's my 2nd account. Check first ID 👉🏻👉🏻 Md writer yourquote पर जब आप कोई post करते हैं तो आपसे image/walpaper
read moreAprasil mishra
" हम और अहमियत " """हम और अहमियत """ हमारी निरस स्थितप्रज्ञता हमारी परिस्थितिमूलक साधना का प्रवर परिणाम है, हमसे एकांश सरसता की प्राप्
"""हम और अहमियत """ हमारी निरस स्थितप्रज्ञता हमारी परिस्थितिमूलक साधना का प्रवर परिणाम है, हमसे एकांश सरसता की प्राप्
read moreAprasil mishra
"वैश्विक समाज की शवाधान प्रणालियों में अन्तर एवं उनकी ऐतिहसिक पृष्ठभूमियाँ : जमींन-जिहाद के आलोक में।" **************************************** वैश्विक समाज में जनगत मानसिकता आज जिस तरह साम्प्रदायिक चरमपंथ में वैमनस्य का शिकार हो
**************************************** वैश्विक समाज में जनगत मानसिकता आज जिस तरह साम्प्रदायिक चरमपंथ में वैमनस्य का शिकार हो
read more