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chahat

मुस्करा देती हूं

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White  अपने आंसुओ को,छिपाने मुस्करा देती हूं।
दिल में चुभती कोई बात,उसे छिपा लेती हूं।।
किसी का दर्द ना बनूँ,सबको विश्वास बना लेती हूं।
टूट जाती हूं कांच सी,बिखर के फिर सिमट जाती हूं।।
कोई राह नहीं क्युकी,इसलिए बस निभाती हूँ।
अपनी मंजिल तो पता है,पर ठहर जाती हूं।।
ठहर जाती क्युकी कर्तव्यों से, बंधा पाती हूं।
में वो डोर हूं,जो बस काट दी जाती हूं।।
कभी अच्छी कभी बुरी की परिभाषा बन जाती हूं।
कभी बातों में कभी सोच में लिख दी जाती हूं।।
मैं कहाँ खुद को खुद सा पाती हूं। 
अनपढ़ सी मै कहाँ किसी को पढ़ पाती हूं।
शिल्पी हूं खुद मूर्ती बन गढ़ दी जाती हूं।
आकार देकर कल्पनाओ का रंग दी जाती हूं।।  
                    शिल्पी जैन सतना

©chahat मुस्करा देती हूं

IG @kavi_neetesh

कितने तीर लगे हैं मुझको, कितने जख्म लिए बैठा हूं कोई क्या जानेगा मुझको, कितने विष पिए बैठा हूं। दोस्ती शायरी शायरी लव 'दर्द भरी शायरी' '15

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Satish Kumar Meena

मैं कसम खाती हूं

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chandeshwar sada

कितनी चाहत छुपाए बैठा हूँ #Love # wlove status

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chandeshwar sada

दिल गलती कर बैठा है wlove" class="text-blue-400" target="_blank">wlove" title="Best wlove" class="text-blue-400" target="_blank">wlove Shayari, Status, Quotes, Stories">#wlove" class="text-blue-400" target="_blank">wlove # wlove" class="text-blue-400" target="_blank">wlove

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मिहिर

लिख देता हूं

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White जब कभी कुछ कह नहीं पाता 
उसे लिख देता हूं
जब बेचैनियां बातों से आंखों से बह नही जाता 
जो रह जाता है उसे लिख देता हूं 
भागती दुनिया में कभी लगता है पहाड़ या पेड़ हो गया हूं
अपनी जड़ता लिख देता हूं 
या फिर कभी लगता है नदी या हवा सा बह रहा हूं 
तो उस बहाव को लिख देता हू
जब अंदर और बाहर सिर्फ खामोशी हो
तो उस खामोशी के शून्य को लिख देता हूं
जब खोने पाने की बीच कही उलझा होता हूं 
तो उलझन को कही लिख देता हूं
खुद से खुद को समझता रहूं समझाता रहूं 
इसलिए सब कुछ लिख देता हूं ।।

©मिहिर लिख देता हूं

Poet Maddy

कुछ इस तरह से थाम कर, बैठा हूं शाम को इक रोज़ से....... #Hold#sit#evening#say#comeback#soon#wait......

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कुछ इस तरह से थाम कर,
बैठे हैं शाम को इक रोज़ से........
जब से वो कहकर गया है,
जल्द लौटेंगे इंतज़ार करना........

©Poet Maddy कुछ इस तरह से थाम कर,
बैठा हूं शाम को इक रोज़ से.......
#Hold#Sit#Evening#Say#ComeBack#Soon#Wait......

Saddam

मैं भी इंसान हूं

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रोते रोते कब तक मुस्कुराऊंगी 
कब में रातों में सुरक्षित रास्तों पर चल पाऊंगी।
कब अपने हक के लिए अपने घर में बोल पाऊंगी। मैं भी इंसान हूं 
कब तक दुनिया को समझा पाऊंगी।

©Saddam मैं भी इंसान हूं

SK Naim Ali

मैं कोन हूं मैं कहां हूं।#love_shayari #sknaimali 'दर्द भरी शायरी'

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Heer

#women_equality_day #नारी हूं मैं

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White 
नारी हूं मैं......

जननी मैं, जीवन भी मैं, करूणा का सागर भी मैं,
माना जज्बातों पर जोर नहीं, मगर सशक्त हूं तलवार हूं मैं। 
हा नारी हूं मैं कमज़ोर नहीं मैं।

दर्पण मैं और अक्स भी मैं, झुक जाऊं ऐसी डाल नहीं मैं,
स्वाभिमान मुझे है प्यारा, आंखो का हूं में तारा। 
ऐसा कोई शख्स नहीं, जो टूट कर बिखर जाऊं मैं। 
हा नारी हूं मै आत्मनिर्भर भी हूं मैं। 

समझना ना मुझको अधूरी, मैं तो हूं खुद में पूरी, 
साथ अगर जो चलना हो तो, हाथ तभी तुम थामना,
पीछे हटना मुझे नहीं गवारा, एक बार पकड़ा हाथ जो। 
हा नारी हूं मैं अकेली नहीं।

©Heer #women_equality_day #नारी हूं मैं
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