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Vedantika
मेरी लेखनी मेरे लिए चिंतन का विषय हैं क्योंकि समाज पर लेखन का गहरा असर पड़ता हैं। हम जो कुछ भी लिखते हैं उसका एक-एक शब्द हमारी विचारधारा को परिलक्षित करता हैं। हमारे लेखन मे किसी के लिए घृणास्पद विचारों का परिलक्षित होना हमारी लेखनी को कलंकित करता है। हमारे पाठक उसी प्रकार की छवि अपने मन में बसा कर हमारा अनुसरण करते हैं। मेरी लेखनी मेरे लिए चिंतन का विषय हैं क्योंकि समाज पर लेखन का गहरा असर पड़ता हैं। हम जो कुछ भी लिखते हैं उसका एक-एक शब्द हमारी विचारधारा को प
मेरी लेखनी मेरे लिए चिंतन का विषय हैं क्योंकि समाज पर लेखन का गहरा असर पड़ता हैं। हम जो कुछ भी लिखते हैं उसका एक-एक शब्द हमारी विचारधारा को प
read moreNisha Thakur
ये इश्क भी बडी अजीब चीज है ना सोने देता , ना जागने देता अब ऐ जिदंगी सब तुझ पे ही छोडा है । जरा उसे भी बता दे मेरा होना किया है और मेरा ना होना किया है..... होना ना होना...
होना ना होना...
read moreNarrenn Raaz
दो बातें हैं होने में और ना होने में, जो साथ है वो हो गया, जो साथ नहीं रहा ,वो हो नही पाया। ©Narrenn Raaz होना न होना# खोना
होना न होना# खोना
read moreसिद्धार्थ गौतम
मैंने पहली बार पतंग उड़ाई उड़ना शुरू करने में इतना तनाव देखा मैंने पतंग के चेहरे पर, और हर बार दिशा बदलने के प्रयास में कितना बोझ उसने अपने कंधे पे ढोया, जिस ओर भी झुकी मोड़ने को। हवा से जंग है, जब भी उसके विपरीत होना हो, आसान नही है। मेरे हाथ से बंधी कितना असहज मालूम पड़ती थी। और एक झटके में सारा द्वन्द गिर गया, छोड़ दी गई डोर, पतंग का सारा तनाव समाप्त, कितना प्रसन्न मुख लिए वो हवा के साथ एक हो गई। अब जहाँ वो ले जाये, जिधर भी मोड़ दे, उठाये या गिराए, कोई आसक्ति ना तो आकाश से ना ही धरा से। जैसे कोई इच्छा ही ना रही हो। मैं आँखों की सीमा से बंधा कुछ दूर तक ही उसे देख पाया लेकिन इस सच को तत्व से जान गया, ऐसा लग रहा था पतंग मुझ को जी कर दिखा रही है। और जीवन का सारा रहस्य खुल गया, वैसे तो दिन ढल रहा था और मेरे जीवन का सूर्य प्रखर पर आ गया। धन्यवाद उस ऊर्जा को सकार होकर मुझमे बह गई। ©RobiinN पानी भी मत होना कुछ होना तो हवा होना।
पानी भी मत होना कुछ होना तो हवा होना।
read moreChitransh Vivek Bhatnagar
कहाँ गये वो दिन जब तु बिना 'Good Night' बोले सोती नही और अब तुझे फर्क नही पड्ता मेरे होने और ना होने का.... मेरा होना और ना होना....
मेरा होना और ना होना....
read moreChitransh Vivek Bhatnagar
कहाँ गये वो दिन जब तु बिना 'Good Night' बोले सोती नही और अब तुझे फर्क नही पड्ता मेरे होने और ना होने का.... मेरा होना और ना होना....
मेरा होना और ना होना....
read moreChitransh Vivek Bhatnagar
कहाँ गये वो दिन जब तु बिना 'Good Night' बोले सोती नही और अब तुझे फर्क नही पड्ता मेरे होने और ना होने का.... मेरा होना और ना होना....
मेरा होना और ना होना....
read moreमिहिर
देख कर भी कहां दिखता है वो जिसे अब भी देखा जाना है सुन कर भी कहां सुनते है वो जिसे अब भी सुना जाना है बोल कर भी कब बोला है वो जिसे अब भी बोला जाना है !! ©मिहिर #होना