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Sonal Panwar
ग़मों की काली परछाई को रख हमसे दूर ख़ुद दुःख सहकर भी जो हमें दे ख़ुशी की खनक, वो खुशियों से झिलमिलाती सुनहरी धूप है 'पिता'। ©Sonal Panwar सुनहरी धूप है पिता 🥰❤✨ #father #pita #Poetry #Nojoto कविता कोश कविताएं हिंदी कविता हिंदी कविता
Parasram Arora
White कुछ पलो के लिए ही सही प्यार जहा से भी मिले उसे लेलो अगर उधार भी लेना पड़े तों उससे . परहेज़ मत करना इसके बावजूद भी अगर वो प्यार नही मिलता तुम्हे तों उसे पुकारो वो जहा भी होगा तुम्हारी आवाज़ वो जरूर सुनेगा ©Parasram Arora प्यार के लिए पुकार
प्यार के लिए पुकार
read moreHARSHIT369
मां तेरा लाडला अकेला है यहां, पर बताना नही चाहता तु बुला ना ले घर पर, ये दिखाना नही चाहता होनहार है,काबिल बनना चाहता है अंन्धकार मे सबकि तरह धुमिल होना नहि चाहता आशिर्वाद चाहिये बस तेरा हौसला मै इकट्ठा कर लुंगा अपने आप को कुछ चुनिन्दा करोड़ो लोगो मे शामिल भी कर लुंगा..!! ©HARSHIT369 #navratri मां के लिए प्रेरणादायी कविता हिंदी
#navratri मां के लिए प्रेरणादायी कविता हिंदी
read moreAnil Sapkal
थका हारा जब जब तू दफ्तर से घर आता है मुश्किलोमे, संकटोमें जब जब तू घिर जाता हैं । ऐसे में क्या करे तब कुछ समझ नहीं आता है आंख से आसू बहता हैं और पापा याद आता है।। जिम्मेदारियों का बोझ जब जब सरपें आता हैं कोशिशोंके बावजूद भी तू संभाल नहीं पाता है। अकेलेपनका अहसास जब जब तुझे सताता है आंख से आसू बहता है और पापा याद आता है।। अनिल ©Anil Sapkal #foryoupapa पिता जीवन का संगीत है, पिता हैं तो जित है ll # कविता कोश# प्यार पर कविता# हिंदी कविता# कविताएं# प्रेरणादायी कविता हिंदी
#foryoupapa पिता जीवन का संगीत है, पिता हैं तो जित है ll # कविता कोश# प्यार पर कविता# हिंदी कविता# कविताएं# प्रेरणादायी कविता हिंदी
read moreहिमांशु Kulshreshtha
White बहकते हैं हर रोज़ ये कदम, तुम्हारे पास आने के लिए, न जानें कितने फासले, अभी तय करने हैं तुम्हें पाने के लिए....!! ©हिमांशु Kulshreshtha तुम्हें पाने के लिए..
तुम्हें पाने के लिए..
read moreAkriti Tiwari
White क्या होता है एक वृक्ष का दर्द जब से जन्म हूं एक पैर पर खड़ा हूं , सहकार सारे आंधी तूफान और धूप इंसानों के काम आता हूं। अपने इच्छा से या मानव की इच्छा से उगाया जाता हूं, जरूरत पड़ती जब मेरी मानो को काटकर मेरी शाखों को कभी यज्ञ में तो कभी शमशानों में जलाया जाता हूं। इंसानों के हर जरूरत में काम आता हूं बचपन से लेकर बुढ़ापा तक मेरे साथ समय बीतता है, फिर भी मेरी जरूरत समझ नहीं पता है। बेजुबान हूं देखकर इंसानों की खुशी को अपना दर्द छुपा लेता हूं। इंसानों के हर जरूरत में काम आता है मिले समय तुम मुझ पर भी ध्यान देना, कमी होगी मेरी तो प्रकृति पर संकट गहराएगी। बारिश नहीं होगी तो फैसले बर्बाद हो जाएगी तो तुम भूखे मर जाओगे, उससे भी नहीं तो तुम्हें ऑक्सीजन की जरूरत पड़ जाएगी करोगे मेरी देखभाल तो, प्रकृति में संकट नहीं आएगी l अंत में इंसानों के हर जरूरत में काम आऊंगा l ©Akriti Tiwari वृक्ष के ऊपर कविता। प्रेरणादायी कविता हिंदी
वृक्ष के ऊपर कविता। प्रेरणादायी कविता हिंदी
read moreANSARI ANSARI
White जवानी मे खुन पसीना बहा था परिवार के हर खुशी के लिए। जीवन भर की कमाई लुटा देता है इन्सान बुढ़ापे मे दो वक़्त रोटी के लिए। नासमझ है ओ बुढ़ापे मे ठुकरा देते है मा बाप को दौलत के लिए। ©ANSARI ANSARI दौलत के लिए।
दौलत के लिए।
read moreDeepali Singh
पिता ज़िम्मेदारियों की कसौटी पर वो बैठा ख्वाहिशें अपनी अंदर ही रौंदाता, सर पर मेरेउसके आशीष का पहरा दुःख क्लेश पर उनके प्रेम का परदा, परेशानियाँ खुद की खुद तक छिपाये संकट संतान के वो खुद पर ले आये, जैसे पास कोई उनके रामबाण हो समस्या उनके लिए कोई आम बात हो, जो भी मुसीबत आये चाहे जब भी दिखाये जैसे कुछ हुआ ही नहीं, पता नहीं कैसे करते ये सब अब भी हर पल बिताता होगा बस चिंता में ही, नींद -चैन जो अपने दिन- रात गँवाए तो दर्द कोई हमको कैसे छु पाए..? पिता की उन पावन चरणों की हम तो भाग्यशाली धूल माटी.., प्रणाम है ऐसे संकट मोचन को..! जो मोती बनाया हम धूल कणों को । ©Deepali Singh पिता
पिता
read morepriyanshu
White पल पल तरसे जिस पल के लिए वो पल भी आया कुछ पल के लिए सोचा रोक लू इस पल को कुछ पल के लिए कमबख्त वो पल भी रुका कुछ पल के ही लिए ©priyanshu अपने प्यार के लिए
अपने प्यार के लिए
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