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Anant Nag Chandan
मुस्कान का कोई मोल नहीं होता, हादसों की जद में हैं तो क्या मुस्कुराना छोड़ दें जलजलों के ख़ौफ़ से क्या घर बनाना छोड़ दें ©Anant Nag Chandan हादसों की जद में हैं तो क्या मुस्कुराना छोड़ दें जलजलों के ख़ौफ़ से क्या घर बनाना छोड़ दें #muskaan
हादसों की जद में हैं तो क्या मुस्कुराना छोड़ दें जलजलों के ख़ौफ़ से क्या घर बनाना छोड़ दें #muskaan
read moreप्रभाकर अजय शिवा सेन
हादसों की जद पे हैं तो क्या मुस्कुराना छोड़ दें,जलजलों के डर से क्या घर बनाना छोड़ दें?✍️✍️✍️ ©प्रभाकर अजय शिवा सेन हादसों की जद पे हैं तो क्या मुस्कुराना छोड़ दें। #Rose
हादसों की जद पे हैं तो क्या मुस्कुराना छोड़ दें। #Rose
read moreTHE SILENT LOVE NH
हादसों की जद पे हैं तो क्या मुस्कराना छोड़ दें । जलजलों के ख़ौफ़ से क्या घर बनाना छोड़ दें । The silent love nh. हादसों की जद पे हैं तो क्या मुस्कराना छोड़ दें । The silent love nh.
हादसों की जद पे हैं तो क्या मुस्कराना छोड़ दें । The silent love nh.
read moreलेखक ओझा
नशे की जद में है वो इसलिए अब उसे सारा जहां ज़ाहिल लगता हैं।। ©लेखक ओझा नशे की जद में है वो
नशे की जद में है वो
read moreAshi Saxena
जो जलजला मेरी जिद का उठ गया, हादसों की जद भी ख़ामोश रह गयी। #NojotoQuote जो जलजला मेरी जिद का उठ गया, हादसों की जद भी ख़ामोश रह गयी।
जो जलजला मेरी जिद का उठ गया, हादसों की जद भी ख़ामोश रह गयी।
read moreBakroliya Parvin
हादसों की जद में है तो क्या मुस्कुराना छोड़ दें, जलजलो के खौफ से क्या घर बनाना छोड़ दें
हादसों की जद में है तो क्या मुस्कुराना छोड़ दें, जलजलो के खौफ से क्या घर बनाना छोड़ दें
read more"Kumar शायर"
तुझ से बिछड़ने का ग़म जब जब सताता है. कसम ख़ुदा की हर आँसू भी ज़ख्म बन जाता है, साहिलो पर ही मरहमो का मंजर ढूंढते है लोग, जब कुछ लहरों की जद में, हर सपना ही समंदर में डूब जाता है. ✍️✍️✍️ "Written:-By @ Umesh Kumar" #लहरों की जद
#लहरों की जद
read morePraveen Jain "पल्लव"
पल्लव की डायरी हाथों की सफाई,करिश्मा दिखा रही है बदलते वक्त की तस्वीर दिखा रही है डॉलरों की जद में फंसा है रुपया बे वजह मेहनत की कमाई,जा रही है ये डीजल पेट्रोल ये इम्पोर्ट आयटमों में रुपया की भद्र पीटी जा रही है एक रुपये की चीज अस्सी में खरीदी जा रही है हम गरीबी में,विदेशो में खुशहाली आ रही है उसी पैसे से कर्ज देकर,बेतुकी शर्ते थोपी जा रही फ़ोरन इन्वेस्ट के नाम पर,सरकारे मूर्ख बना रही है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #Currency डॉलरों की जद में फंसा है रुपया
#Currency डॉलरों की जद में फंसा है रुपया
read moreSK Poetic
हादसों की ज़द हैं तो मुस्कुराना छोड़ दे, ज़लज़लों के खौफ से क्या घर बनाना छोड़ दें, यूं तो दिल के टुकड़े हुए हज़ार तो, क्या इन हज़ार टुकड़ों में किसी को बसाना छोड़ दें, ©S Talks with Shubham Kumar हादसों की ज़द हैं तो मुस्कुराना छोड़ दे, #Sea
हादसों की ज़द हैं तो मुस्कुराना छोड़ दे, #Sea
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