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Sup_holster
White The moonlight kissed your skin softly, as if the stars themselves envied the way you illuminated the dark. ©Sup_holster dark #Sad_Status
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read morekavi Abhishek Pathak
फूल मुरझा जाएंगे, यादें रह जाएंगी, खुशबू बिखर जाएगी, पर निशानी रह जाएगी। पंखुड़ियों में जो रंग बसा है, वो धीरे-धीरे फीका पड़ जाएगा। वक़्त की आंधी में, ये गुलशन सूनापन हर ओर भर जाएगा। पर जो खुशबू है, दिल में बसी, वो कैसे मिट पाएगी? फूल मुरझा जाएंगे, पर उनकी यादें दिल में हमेशा मुस्कुराएंगी। खुदा से ये दुआ है हमारी, तुम्हारे दिलों का गुलशन सदा खिला रहे। फूल चाहे मुरझा जाएं, पर रिश्तों की महक बनी रहे। ©kavi Abhishek Pathak #phoolmurjhajayenge #poems #Poetry #kavishala
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read moreMena Ravi
રવિ, કરેલ કર્મના વળી ક્યાં કદી કોઈ કાગળ હોય છે ?? એતો બસ નાભિને જ ખબર કે કોણે કોને દુભાવ્યા હોય છે ©Mena Ravi #Dark
_बेखबर
जीने की फनकारी सीख रहा हूं थोड़ी बहुत मैं भी अदाकारी सीख रहा हूं थोड़ी बहुत इस सादगी से भला किसका काम चलता है यारों मैं भी पुरकारी सीख रहा हूं थोड़ी बहुत ©_बेखबर #poems #Poetry #hindi_poetry #Love #love_shayari
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read moreसाहित्य संजीवनी
White उसके घर में सजे हुए हैं कई कई ईनाम लेकिन उसकी जीभ पर हैं तलवों के निशान। -अशोक जमनानी ©साहित्य संजीवनी #good_night #Poetry #poems
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read moreRAVI PARIHAR
मेरी कलम ✍🏻✍🏻🙏🏻🙏🏻 *(रवि परिहार)* *ना जाने क्यूँ एक वर्ग हमसे जलता है...*✍🏻 शायद वो हमारी ऊंचाई छूने से डरता है... बेशक वो बातें बराबरी की करता हैं... ग़र बराबर बैठेने पर उसे अखरता है.. *ना जाने क्यूँ एक वर्ग हमसे जलता है...*✍🏻 हिंदुत्व कि बातें कर एकता को कहता है... और एक हो जाये तो फ़िर दूरियाँ बढ़ाता है... बैठ ऊँचे पायदान जाति धर्म बतलाता है... जाति तोड़नी नहीं और धर्म का ज्ञान सीखता है *ना जाने क्यूँ एक वर्ग हमसे जलता है..*✍🏻 अपने हित में वो सबको एक बतलाता हैं.. जब हम एक हो तो हीन भाव दिखाता है... अखंडता की बात कर ख़ुद शासित होना चाहता है.. छोटे बड़े का भेद कर बार बार रौब दिखाता है. *ना जाने क्यूँ एक वर्ग हमसे जलता है*✍🏻 भेदभाव कर वो रोड़े बनता जाता हैं... अपना बन छुप -छुपकर भेद दिखाता है.. जाति- जाति कर पानी भी अलग बताता है.. एक टांके के दो भाग कर पानी पीता है.. *ना जाने क्यूँ एक वर्ग हमसे जलता है...*✍🏻 छीनकर जायदाद अपना अंश बढ़ाता है... औरो के लहू से गेहूं वो उगाता है... बैठ अलग वो हिंदू हिंदू चिल्लाता है.. दलित की बात प़र मुह मोड़ जाता हैं... *ना जाने क्यूँ एक वर्ग हमसे जलता जाता हैं...*✍🏻 *ना जाने क्यूँ एक वर्ग हमसे जलता जाता हैं...*✍🏻 रवि परिहार ✍🏻✍🏻✍🏻✍🏻 ©RAVI PARIHAR #Dark