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Avni Saraff
जाने क्या बात है, उद्वेलित रहता है धीर गंभीर सागर इतना औ प्रफुल्लित कल कल, छल छल बहती रहती क्यूं नदियां ©Avni Saraff #जाने क्या बात है Aryan Ved Mugdha's poetry
#जाने क्या बात है Aryan Ved Mugdha's poetry
read moreF M POETRY
White छिप भी जाता है नज़र आता है.. चाँद है हुश्न पे इतराता है.. यूसुफ आर खान... ©F M POETRY #चाँद है हुश्न पे इतराता है....
#चाँद है हुश्न पे इतराता है....
read mores गोल्डी
तुम चाहो तो पूछ लो खैरियत हमारी, कुछ हक़ दिए नही जाते लिए जाते है. ©s गोल्डी तुम चाहो तो पूछ लो खैरियत हमारी, कुछ हक़ दिए नही जाते लिए जाते है.
तुम चाहो तो पूछ लो खैरियत हमारी, कुछ हक़ दिए नही जाते लिए जाते है.
read moreVic@tory
White हर गम निभा रही हूँ ख़ुशी के साथ , फिर भी आंसू आ ही जाते है हंसी के साथ..‼ ©Vic@tory आंसू आ ही जाते है
आंसू आ ही जाते है
read moreComrade PREM
White कितने खुली आंखों से सपने देखने वाले यू ही कहीं खो जाते है किन्हीं को पैसा की तंगी तो किन्हीं को सही दिशा निदेंश नही मिल पाने के कारण लंबे वर्षो तक संघर्ष करना पड़ता है । अंत में सपने यू ही दफन करने पड़ जाते है इन्हीं आंखों के सामने जो चला था आसमान के साथ उड़ने ©prem yadav #Sad_Status कितने सपने यू दफन हो जाते है।
#Sad_Status कितने सपने यू दफन हो जाते है।
read morePoet Kuldeep Singh Ruhela
White जब अपने ही अपनो के दुश्मन बन जाते है ये किस्से भी सरे आम हो जाते है भूल जाते है की तुम भी किसी बहन के भाई हो लेकिन आंखों पर काला कपड़ा डाल के ऐसी बेशर्म हरकत कर जाते है ©Poet Kuldeep Singh Ruhela #जब अपने ही अपनो के दुश्मन बन जाते है ये किस्से भी सरे आम हो जाते है भूल जाते है की तुम भी किसी बहन के भाई हो लेकिन आंखों पर काला कपड़ा ड
#जब अपने ही अपनो के दुश्मन बन जाते है ये किस्से भी सरे आम हो जाते है भूल जाते है की तुम भी किसी बहन के भाई हो लेकिन आंखों पर काला कपड़ा ड
read moreJashvant
White क़रीब मौत खड़ी है ज़रा ठहर जाओ क़ज़ा से आँख लड़ी है ज़रा ठहर जाओ थकी थकी सी फ़ज़ाएँ बुझे बुझे तारे बड़ी उदास घड़ी है ज़रा ठहर जाओ नहीं उमीद कि हम आज की सहर देखें ये रात हम पे कड़ी है ज़रा ठहर जाओ अभी न जाओ कि तारों का दिल धड़कता है तमाम रात पड़ी है ज़रा ठहर जाओ फिर इस के बा'द कभी हम न तुम को रोकेंगे लबों पे साँस अड़ी है ज़रा ठहर जाओ दम-ए-फ़िराक़ मैं जी भर के तुम को देख तो लूँ ये फ़ैसले की घड़ी है ज़रा ठहर जाओ ©Jashvant लबों पे सांस अड़ी है
लबों पे सांस अड़ी है
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