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Jayesh gulati
सोलह शृंगार । (Read in caption) ©Jayesh gulati *सोलह शृंगार* मैं नासमझ, कहां समझता था, किसी शृंगार को । वो जिसने किए मेरे लिए सोलह शृंगार ।। पहले पहना माथे उन्होंने, माँग–टिका । जैसे बा
*सोलह शृंगार* मैं नासमझ, कहां समझता था, किसी शृंगार को । वो जिसने किए मेरे लिए सोलह शृंगार ।। पहले पहना माथे उन्होंने, माँग–टिका । जैसे बा
read moreबेजुबान शायर shivkumar
White मेहंदी लगी है हाथों पर, माथे पर सजाया है पिया के नाम का सिंदूर हाथों में पहनी हैं प्यार की चूड़ियां लाल जोड़े ने भी निखारा है नूर सात जन्मों तक रहेंगे साथ यही वादा निभाएंगे हमेशा एक साथ हर साल मनाएंगे करवा चौथ का त्योहार खास ©बेजुबान शायर shivkumar #karwachouth #Karwachauth #मेहंदी लगी है हाथों पर, माथे पर सजाया है #पिया के नाम का #सिंदूर हाथों में पहनी हैं प्यार की #चूड़ियां ला
#karwachouth #Karwachauth #मेहंदी लगी है हाथों पर, माथे पर सजाया है #पिया के नाम का #सिंदूर हाथों में पहनी हैं प्यार की #चूड़ियां ला
read morePrerna Singh
कुछ लोगों का नाम पवित्र और कर्म दुश्चरित्र वाला होता हैं। जैसे #इन्द्र नाम देवता का हैं और कर्महीन मनुष्य रख लेता हैं.... ©Prerna Singh लाइफ कोट्स जिंदा लाशों के बारे में पढ़ते पढ़ते बड़ी हो गई और इतनी बड़ी हो गई कि वक्त ही कम पड़ गया। इतनी बड़ी कैसे हो गई????? पता ही नही
लाइफ कोट्स जिंदा लाशों के बारे में पढ़ते पढ़ते बड़ी हो गई और इतनी बड़ी हो गई कि वक्त ही कम पड़ गया। इतनी बड़ी कैसे हो गई????? पता ही नही
read moreRimpi chaube
ये जो माथे की शिकन है,ये बता रही है। उम्र,अनुभव,ज्ञान,सबक और संघर्ष आपका।। ये कांपते हाथों की उंगलियां बता रही है। ताकत तो नहीं है अब पर.... दुआओं में है असर आपका।। ©Rimpi chaube #माथेकीशिकनहै 😊 ये जो माथे की शिकन है,ये बता रही है। उम्र,अनुभव,ज्ञान,सबक और संघर्ष आपका।। ये कांपते हाथों की उंगलियां बता रही है। ताकत तो न
#माथेकीशिकनहै 😊 ये जो माथे की शिकन है,ये बता रही है। उम्र,अनुभव,ज्ञान,सबक और संघर्ष आपका।। ये कांपते हाथों की उंगलियां बता रही है। ताकत तो न
read moreSawan Sharma
White जब सवेरा हो, तो दिखे चेहरा तेरा तस्वीर में नहीं, अपने पास में तेरी आवाज़ जाए सबसे पहले कानो में जागू तो मिले उंगलियां तेरे बालो में उलझी हुई जिन्हें सहलाते हुए रात मुझे नींद आ गई थी जीवन की कुछ इच्छाओं में एक इच्छा ये भी है। बाहर निकल कर कमरे से तेरे हाथ की चाय मिले चीनी हो उसमें थोड़ी थोड़ी प्रेम की मिठास हो संवरने लगे जाने को ऑफिस मैं देखु तुझे संवरते हुए दराज़ से निकाले तू झुमके मैं पहना दु अपने हाथों से जीवन की कुछ इच्छाओं में एक इच्छा ये भी है। मैं सारा दिन घर रहकर प्रेम की किताबें लिखू शाम को घर आते ही चाय तुझे तैयार मिले थकान मिटाने दिन भर की घर आते ही गले लगे फ़िर हम दोनों साथ बैठकर वो प्यार से बनी चाय पीये जीवन की कुछ इच्छाओं में एक इच्छा ये भी है। ©Sawan Sharma जब सवेरा हो, तो दिखे चेहरा तेरा तस्वीर में नहीं, अपने पास में तेरी आवाज़ जाए सबसे पहले कानो में जागू तो मिले उंगलियां तेरे बालो में उलझी हु
जब सवेरा हो, तो दिखे चेहरा तेरा तस्वीर में नहीं, अपने पास में तेरी आवाज़ जाए सबसे पहले कानो में जागू तो मिले उंगलियां तेरे बालो में उलझी हु
read morePrakash writer05
White सुनो द्रोपदी शस्त्र उठा लो, अब गोविंद ना आएंगे...l छोड़ो मेहंदी खड़ग संभालो खुद ही अपना चीर बचा लो द्यूत बिछाए बैठे शकुनि, मस्तक सब बिक जाएंगे सुनो द्रोपदी शस्त्र उठालो, अब गोविंद ना आएंगे...| कब तक आस लगाओगी तुम, बिक़े हुए अखबारों से, कैसी रक्षा मांग रही हो दुशासन दरबारों से स्वयं जो लज्जा हीन पड़े हैं वे क्या लाज बचाएंगे सुनो द्रोपदी शस्त्र उठालो अब गोविंद ना आएंग...l कल तक केवल अंधा राजा, अब गूंगा-बहरा भी है होंठ सिल दिए हैं जनता के, कानों पर पहरा भी है तुम ही कहो ये अश्रु तुम्हारे, किसको क्या समझाएँगे सुनो द्रोपदी शस्त्र उठालो, अब गोविंद ना आएंगे...l ©Prakash writer05 सुनो द्रोपदी शस्त्र उठा लो, अब गोविंद ना आएंगे...l छोड़ो मेहंदी खड़ग संभालो खुद ही अपना चीर बचा लो द्यूत बिछाए बैठे शकुनि, मस्तक सब बिक जा
सुनो द्रोपदी शस्त्र उठा लो, अब गोविंद ना आएंगे...l छोड़ो मेहंदी खड़ग संभालो खुद ही अपना चीर बचा लो द्यूत बिछाए बैठे शकुनि, मस्तक सब बिक जा
read moreDevesh Dixit
White स्वतंत्रता दिवस स्वतंत्रता पाने की खातिर कितनों के दिमाग लगे शातिर अंग्रेजों ने जब तक राज़ किया था देशवासियों का अपने अपमान किया था क्रांतिकारी भी जोश में थे नेता अपने होश में थे अंग्रेजों की सत्ता हिलाई थी दांतों तले उंगलियां दबवाई थी शासन अंग्रेजों का डोल गया था धीरज उनका बोल गया था क्रांतिकारियों से थर्राने लगे थे नेताओं से वो घबराने लगे थे बोरिया बिस्तरा अपना बांध लिया था एक एक अंग्रेज देश छोड़ कर भाग लिया था देश अपना तब आजाद हुआ हिंदुस्तानी अपना आबाद हुआ ध्वजारोहण तब से हुआ है 15 अगस्त विख्यात हुआ है यह राष्ट्र दिवस हमारा है हमको जां से प्यारा है ........................................................... देवेश दीक्षित ©Devesh Dixit #happy_independence_day स्वतंत्रता दिवस स्वतंत्रता पाने की खातिर कितनों के दिमाग लगे शातिर अंग्रेजों ने जब तक राज़ किया था
#happy_independence_day स्वतंत्रता दिवस स्वतंत्रता पाने की खातिर कितनों के दिमाग लगे शातिर अंग्रेजों ने जब तक राज़ किया था
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