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Jagatdev Pargi
घर बैठे ऑनलाईन पैसा कमाने के लिए मुझसे संपर्क करे 7043975624 व्हाट्सएप पे एसएमएस करे ओके
read morebrijesh mehta
** आप सिर्फ राजनीति और राजनीतिज्ञों को ही गालियां देते हैं, "उनमें नैतिकता नहीं है!" आज भगत सिंह जी के शहीदी दिवस पर में आपसे पूछना चाहता हूं, "समाज के किस वर्ग और संस्थानों में आपको मानवता और नैतिकता नजर आती है?" .. ©brijesh mehta "समाज के किस वर्ग और संस्थानों में आपको मानवता और नैतिकता नजर आती है?" #मंमाधन ..
"समाज के किस वर्ग और संस्थानों में आपको मानवता और नैतिकता नजर आती है?" #मंमाधन ..
read moreTHE ENTERTAINMENT FACTORY BY SKY
good morning सुप्रभात कहने के लिए एक अच्छे मूड में अच्छे दिन पर अच्छे समय पर अच्छे कारण के लिए अच्छे व्यक्ति के लिए एक अच्छा एसएमएस
good morning सुप्रभात कहने के लिए एक अच्छे मूड में अच्छे दिन पर अच्छे समय पर अच्छे कारण के लिए अच्छे व्यक्ति के लिए एक अच्छा एसएमएस
read moreRavendra
भ्रष्टाचार और नशीले पदार्थ की बिक्री के विरोध में सामाजिक संस्थानों ने की बैठक बहराइच जिले के नेपाल सीमावर्ती रुपैया थाना क्षेत्र में मां रा
read moreAdarsh k Tanmay
कितनी शीतल थी मन की ज्वाला कल, जब खुद पर शोलह श्रृंगार दिखा था नयनन अब तो राह निहारे चाँद से प्यारे मुखड़े को, थे बलखाते बालों के लट निखारे चित हिय में बसे कुछ बातें हैं कुछ बिखरे सिमटे से यादें हैं यादें आती उमस की भांति छलनी हृदय कर के जाती सिसक सिसक कर यादें बहती दृग को गीला कर के जाती काज़ल लगे अब कालिख सा छूट गया वो अपना सा अब मेहंदी और महावर क्या अब चूड़ी कंगन के हैं कर्कश वाणी कानों को ना सुहाते ये कर्कश वाणी टीश भरी कलेजे में लेके किस ओर चलूँ किस ओर लगूँ आँशु भी अब तो सुख गये सिन्दूर भी मांग से रूठ गये छाया ना रही मेरी अपनी अब अपने पर किसका अधिकार समझूँ मैं मैं उन्मुक्त गगन में लहराती अपने मांझे के बल पर इतराती मेरा मांझा मुझसे टूट गया जीवन को नीरस छोड़ गया मैं सरस सलील की एक परी लहरों में खूब मैं विचरण करती अब सौभाग्य मेरा अभाग्य हुआ तिमिर मेरा संसार हुआ अब हो मौसम चाहे सर्दी गर्मी या मेघों का मैं स्तब्ध हुई अब शांत हुई आँशु को पत्थर कर के अब मोह माया के रिश्तों से जग जीवन से विरक्त हुई अपने सांसो का बोझ लिये मैं अपने आप में अंतर्ध्यान हुई। ©Adarsh kumar Tanmay पुलवामा में शहीद हुए भारतीय वीर जवानों के पत्नियों के दर्द पर शब्दों का कुछ समूह।
पुलवामा में शहीद हुए भारतीय वीर जवानों के पत्नियों के दर्द पर शब्दों का कुछ समूह।
read moreVandana
शब्दों का समूह बन जाता है एक सुरीला गीत,,,, पंछियों के स्वरों में भर देता है संगीत,,,, भावनाओं की बांसुरी बन,,, हो जाता मन का मीत,,, किसी कवि के शब्द बन,,, रचना में भर देता प्राण,,,, चित्रकार के रंगों में भिगोयी तस्वीर,,, बन जाता प्रशंसा का स्वर,,, कलाकार की रंगमंच में फूंक देता जान,,, दो प्रेमियों के प्रेम का माध्यम बन जाता,,, ममतामयी शब्दों का आंचल बन जाता,,, शब्दों का समूह जीने की वजह बन जाता,,, भाषा का गूढ़ विज्ञान कहलाता,,,, आदि मानव से सुसंस्कृत मानव बन जाता, "शब्दों का समूह,,, #शब्दों का समूह #शब्दों_की_माला
"शब्दों का समूह,,, #शब्दों का समूह #शब्दों_की_माला
read moreDr.Ashish tripathi ashq
हमारे समूह के तत्वावधान में आनलाइन कवि सम्मेलन सफल घोषित किया गया।
हमारे समूह के तत्वावधान में आनलाइन कवि सम्मेलन सफल घोषित किया गया।
read moreDivyanshu Pathak
अवचेतन मन जीवन को चलाता है। जो कुछ यहां स्मृति में संग्रहीत है, वही कार्यरत होता है। चेतना का जागरण बिना दृढ़ संकल्प के नहीं हो पाता। शिक्षा और तकनीकी विकास ने व्यक्ति के सामने इतने सारे विकल्प और चकाचौंध खड़ी कर दी है कि वह विकल्पों में खो गया। लक्ष्य से भटक गया। पेट भरने के अलावा जीवन में अन्य लक्ष्य ही नहीं रह गया। कर्ता बनकर अपने ही जाल में फंस गया। #preeti dadhich#deepali suyal# ragini jha गुलाब कोठारी लेखक पत्रिका समूह के प्रधान संपादक हैं
#preeti dadhichdeepali suyal# ragini jha गुलाब कोठारी लेखक पत्रिका समूह के प्रधान संपादक हैं
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