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Mon🎼oon Nayak🥀
"I am no Bird; and no net ensnares me; I am free human being with a free will" - Jane Eyre A book that I am glad that I read🌸🌌 Book- Jane Eyre Author- Charlotte Bronte #monreads
A book that I am glad that I read🌸🌌 Book- Jane Eyre Author- Charlotte Bronte #monreads
read moreindefinite_mirage
Emily supremacy #Emily #Bronte #poem #Poet #poetcommunity #Video #Reels #Instagram #Love Bhagyashree Jena Dristi Dash UnHeardकवि
read moreChandana💓 Trisha💫
BUT HE WHO DARES NOT GRASP THE THORN SHOULD NEVER CRAVE THE ROSE . ANNE BRONTE.. ## ANNE BRONTE ## She is an English novelist and poet ,and the youngest member of the bronte literacy family.( born 17 January 1820 - 28 May
## ANNE BRONTE ## She is an English novelist and poet ,and the youngest member of the bronte literacy family.( born 17 January 1820 - 28 May
read moreAshish Dwivedi
क्षण क्षण बदल तू एक दिशा में बढ तू एक समय ना गवा तू चल बढ़ चल आगे तू ©Ashish Dwivedi #Life #poem #poem
Shoban___28_11_
Main koi Shyar Nahi Bass Apne Jajbaat likhta Hoon Padho Toh janoge Me Apke Dil Ki Bhi Baat Likhta hoon 👑 ŠH__Ø__ßÄÑ__WŘ_Ï_ŤËŠ 👑 #writers #author #poet #essayist #novelist #bronte #burroughs #literature #scriptwriter #journalist
👑 ŠH__Ø__ßÄÑ__WŘ_Ï_ŤËŠ 👑 #writers #author #Poet #essayist #novelist #Bronte #burroughs #literature #scriptwriter #Journalist
read morePreeti Naveen Makwana
दलदल पर खड़े हैं, हम सभी, और ज़मीं तलाशते हैं। अंधे इतने हो चुके हैं - दुनिया की चकाचौंध में, कि सुंदर जीवन में भी , कमी तलाशते हैं। ©Preeti Naveen Makwana #Life #poem
Life #poem
read morePreeti Naveen Makwana
कितनी सुंदर थीं वो कहानियां, जो कभी दादी तो कभी नानी हमको सुनाया करती थीं। अब यही बातें, किस्से और कहानियां हो गई हैं । समय ऐसे रंग बदलेगा, सोचा न था कभी, अब तो mobile में व्यस्त बचपन और जवानियां हो गई हैं। ©Preeti Naveen Makwana #Life #poem
Life #poem
read moreअज्ञात
"रावण" मन के मैल ना धोए तुमने और कुचलने आए नाम मेरा हाँ मैं रावण ही सही पर क्या तुम्हारे अन्दर है राम बता मन में पाले दुःशासन को पुतला मेरा जलाते हो है शर्म बची क्या तुममे है जो मुझ रावन को बुरा बताते हो था गलत मैं जो माँ सीता को ले आया था हाँ था गलत मैं जो माँ सीता को ले आया था पर सच बताओ क्या मैंने उनको हाँथ तक लगाया था नारी हरण के जुर्म में हर साल मुझे जलाते हो नारी हरण के जुर्म में हर साल मुझे जलाते हो अरे खुद के अन्दर झाक कर देखो तुम उन्हें कितना इज्जत दे पाते हो ॥ ॥ विराज ॥ ©viraj #poem #Life