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Sneh Prem Chand
काश कोई योग गुरु ऐसा भी होता जो हमें ऐसा अनुलोम विलोम करना सिखा देता, जिसमें अंदर सांस लेते हुए संग प्रेम,सौहार्द,अपनत्व और स्नेह ले जाएं, और बाहर सांस छोड़ते हुए अपने भीतर के ईर्ष्या,द्वेष, अहंकार,क्रोध,लोभ,काम सब छोड़ देवें।। दिल की कलम से ©Sneh Prem Chand अनुलोम विलोम #Hope
अनुलोम विलोम #Hope
read moreVATSA
नाराज़ हो जाएं लब निगाहें मुस्कुराने दो रूठो यूं दरीचों से थोड़ी धूप आने दो इबादतगाह की चुनरी लपेट अपने जिस्म पर यही सज्दा है उसका मुझको सर झुकाने दो #वत्स #vatsa
प्रशान्त दूबे " वत्स"
मैं उनके हाथ की मेंहदी महकता छोड़ आया हूँ ,, अपनी नन्ही सी कली को चहकता छोड़ आया हूँ ,, मुझे अपने आँचल में छुपा लेना ये भारत माँ मैं अपने माँ को घर पर सिसकते छोड़ आया हूँ प्रशान्त दूबे "वत्स "
प्रशान्त दूबे "वत्स "
read moreBhawani Singh charan
"पिता प्रेम का सागर" पिता प्रेम का सागर है,पिता है खुशियों का भंडार । पिता ही दीपक सा प्रकाश है और पिता ही है घर का आधार।। पिता बेटी का प्यार है तो पिता बेटे का संसार। पिता ही परमेश्वर है और पिता ही आशीर्वाद ।। मां सबकी ममता है ,तो पिता है सबके प्राण । पिता बच्चों कि सुरक्षा है और पिता ही बच्चों का पालनहार।। पिता सबका प्यार है ,पिता ही सबकी पहसान । पिता जग सी मूर्त है और पिता ही जग सा प्रकाश ।। भवानी सिंह चारण #Nature jeevesh yadav यज्ञेश्वर वत्स यज्ञेश्वर वत्स jeevesh yadav
#Nature jeevesh yadav यज्ञेश्वर वत्स यज्ञेश्वर वत्स jeevesh yadav
read moreRakshit S Vatas
मेरे पास रखा ही क्या था क्यों तुम मेरे पास ठहरते तुमको महलों की चाहत थी मेरा टूटा-फूटा घर था तुम फूलों पर चलने वाले मेरा काँटों भरा सफ़र था ऐसे में ओ मेरे हमदम कैसे ना तुम राह बदलते मेरे पास रखा... सबकी तरह तुम्हें भी भाती थी केवल दीनार की भाषा कब तक आख़िर बाँधे रखती तुमको मेरे प्यार की भाषा कैसे भाव तिजारत वाले रिश्तों के साँचों में ढलते मेरे पास रखा... समझ गया सब, नहीं ज़रूरत मुझको कुछ भी समझाने की किसको चाहत नहीं जहाँ में अच्छे से अच्छा पाने की मुझसे अच्छा मिला कोई तो क्यों तुम रूख़ उस ओर न करते मेरे पास रखा... तुम्हें भूल जाने का निश्चय झूठा है, कब सच होना है आँखें दो दिन को रोई हैं मन को जीवन भर रोना है क़िस्मत ने क्या दिन दिखलाए सूखे स्वप्न फूलते-फलते मेरे पास रखा. # रक्षित सिंह वत्स
# रक्षित सिंह वत्स
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खोखली बस्ती हसरतों का मेला बेनाम रास्ते मुसाफिर अकेला #वत्स #vatsa #vatsapoet #hindiquotes
#वत्स #vatsa #vatsapoet #hindiquotes
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