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Dinesh Paliwal
पत्थर कितने भी हों राह पड़े , नदिया तो बहती ही है रहती , धन्यवाद देती हर पत्थर का , जो इनसे वो नियंत्रण में रहती । दुःख ना हो जो जीवन में तो , कुछ सुख का मोल नहीं होता , जिनको सब मिलता रहा विरासत , उनके अनुभव का तोल नहीं होता । ©Dinesh Paliwal #नदिया
Vinod Rd
नदिया किनारे को छुरही है और मुझे तू बहुत याद आ रही है यह बारिश भी गजब सितम ढा रही है ,💜💜♈🅰️❤️❤️ नदिया
नदिया
read moreVivek
गाँव, शहर, पर्वत, झरने सब तुम्हारे हैं तुम कलकल बहती नदिया हो...!!! ©Vivek #नदिया
Rao Rishu Yadav
नदिया के दिल की जुबां, न किसी ने सुनी, न जानी; झरने से शुरू कर, सागर में कर दी खत्म कहानी #नदिया
shalini jha
यह बाँध जो तोड़े नदिया, महाप्रलय आ जाए । सागर न समाए तो सोचो, उफ़ान किधर को जाए? लहर लहर लहराता सागर , खारेपन में गहराया । दो कूल बँधी नदिया संग, मौन रेत- रेत समाया । ©shalini jha यह बाँध जो तोड़े नदिया महाप्रलय आ जाए सागर न समाए तो फिर उफ़ान किधर बौराए लहर लहर लहराता सागर , खारेपन में गहराया दो कूल बँधी नदिया संग मौन
यह बाँध जो तोड़े नदिया महाप्रलय आ जाए सागर न समाए तो फिर उफ़ान किधर बौराए लहर लहर लहराता सागर , खारेपन में गहराया दो कूल बँधी नदिया संग मौन
read moresonia
मै नदिया मैं बहती जाती मुहाने पर नव मिट्टी हरिदूब सुंदर सुर्ख लाल फूल नम धरती में पलता जीवन मैं देती जाती मैं नदिया मैं बहती जाती विश्व की प्रत्येक समर्पण भाव से परिपूर्ण नारी को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर सूर्य प्रभा का सलाम # मैं नदिया
# मैं नदिया
read moreParasram Arora
पहले सैलानी नदियों का अस्तित्व सुरक्षित्त. था.. ज़ब तक उन्हे वनो का संरक्षण प्राप्त था. l जबकि. नदियों संग चलते चलते वन भी उदास हो चुके है क्योंकि वृक्षों के कटने से वे भी अपना अस्तित्व खोते जा रहे है अब वे नदिया उदास मैदानों से गुजरने लगी थीं. l. जबकि मैदानी इलाको की बस्तियों के नागरिको ने उन नदीयौ क़ो मैल और गंदगी के ज़हर से प्रदूषित कर दिया हैl और अब उनकी रुग्नता के उपचार के लिये उन नदियों क़ो सुयोग्य चिकतसको के हाथ में सौपना j लाज़मी. हो गया .है ©Parasram Arora सैलानी नदिया.....
सैलानी नदिया.....
read morePawan Tripathi
परिचय जो हममें कहना वो नदिया मैं इक मरुथल हूँ रिश्ता है हममें जितना वो ख़ुशबू मैं इक संदल हूँ अंतर क्या हममें गिनना वो बस्ती मैं इक जंगल हूँ प्रेम अगर हममें लिखना वो नलिनी मैं इक दलदल हूँ दर्द तुम्हारा हममें सुनना वो गीत मैं इक नर्म गजल हूँ जीवन बहता हममें इतना वो युग मैं इक गुजरा पल हूँ वो नदिया...
वो नदिया...
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