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IG @kavi_neetesh
White *मनहरण घनाक्षरी* ==================== प्रातकाल जागकर रवि को नमन कर, *हृदय आनंद भर सब मुसकाइए* | व्यस्त हैं मनुज सभी सजाने में घर अभी , *उत्सव सुखद रहें देव धरा आइए* | धन धान्य पूर्ण सदा वसुधा हमारी रहे , *ऐसे उपहार कर प्रभु आप लाइए* | भास्कर भुवन रवि दिव्य अरु तेज छवि , *नीतेश नमन करें तिमिर मिटाइए* ||१ 🪷🪷 *रूप चतुर्दशी की सभी को हार्दिक बधाई*🪷🪷 नरक निवारती ये पाप की विमोचनी ये, *कार्तिक चतुर्दशी जप दान कीजिए*| जप व्रत करें नर रमा पति देते वर, *आनंद जगत पर मोक्ष वर लीजिए*| जग का तिमिर हरे दीपक प्रकाश भरे, *दारिद्र मिटाने मात रमा वर दीजिए*| दुष्टता से मुक्ति मिले उर भाव शुभ पलें, *व्रत ले नीतेश आज भक्ति रस पीजिए*||२ ©IG @kavi_neetesh *मनहरण घनाक्षरी* ==================== प्रातकाल जागकर रवि को नमन कर, *हृदय आनंद भर सब मुसकाइए* | व्यस्त हैं मनुज सभी
*मनहरण घनाक्षरी* ==================== प्रातकाल जागकर रवि को नमन कर, *हृदय आनंद भर सब मुसकाइए* | व्यस्त हैं मनुज सभी
read moreवंदना ....
बेजुबान शायर shivkumar
White विषय -" हिंदी " " अ से अनार, आ से आम हिंदी है भारत का अभिमान ।। इ से इमली ,ई से ईख हिंदी देती सबको सीख ।। उ से उल्लू , ऊ से ऊंट हिंदी से है सब अभीभूत ।। ऋ से ऋषि ,ए से एकता हिंदी से है भारत की प्रभुता ।। ऐ से ऐनक ,ओ से ओखली हिंदी है प्यार से भरी पोटली ।। औ से औषधि,अं, अ: हिंदी को उत्तम सब ने कहा ।। धन्यवाद ©बेजुबान शायर shivkumar #hindi_diwas #Hindidiwas #Hindi #14september कविताएं प्रेरणादायी कविता हिंदी हिंदी दिवस पर कविता हिंदी कविता Sethi Ji Kshitija puja udesh
#hindi_diwas #Hindidiwas #Hindi #14september कविताएं प्रेरणादायी कविता हिंदी हिंदी दिवस पर कविता हिंदी कविता Sethi Ji Kshitija puja udesh
read moreBhupendra Rawat
White हम सब है,हिंदी भाषी हिंदी हमारी पहचान है जन - जन की है, जननी हिंदी हिंदी हमारी शान है अ, आ, इ, ई पढ़कर हमने अक्षरों से शब्दों के जोड़े बनाए हिंदी भाषा सीखी हमने तो हिंदुस्तानी कहलाए तू भी हिंदी, मैं भी हिंदी हिंदी हमारी जान है बिन भाषा हम सब अनजान है गर्व से कहो, हिंदी हमारी आन बान शान है ©Bhupendra Rawat #hindi_diwas हम सब है,हिंदी भाषी हिंदी हमारी पहचान है जन - जन की है, जननी हिंदी हिंदी हमारी शान है अ, आ, इ, ई पढ़कर हमने अक्षरों से शब्दों
#hindi_diwas हम सब है,हिंदी भाषी हिंदी हमारी पहचान है जन - जन की है, जननी हिंदी हिंदी हमारी शान है अ, आ, इ, ई पढ़कर हमने अक्षरों से शब्दों
read moreMAHENDRA SINGH PRAKHAR
मुक्तक :- करके सुख का त्याग , बना देखो वह सैनिक । थाम तिरंगा हाथ , नहीं वह होता पैनिक । इस जीवन में प्यार , नही होगा दोबारा । लेता है यह कौल , देश का सैनिक दैनिक ।। ये भी हैं इंसान , हृदय इनके भी होते । यह मत सोचों आप , चैन से सैनिक सोते । कुछ मत पूछो याद ,उन्हें जब घर की आती- किसी किनारे बैठ , सिसक कर वह भी रोते ।। लिए तिरंगा हाथ , बढ़े सैनिक जब आगे । बढ़े देश की शान , खौफ़ से दुश्मन भागे । ऐसे वीर जवान , देश में मेरे अपने- सुनकर दुश्मन आज, रात भर अपना जागे ।। मुझ सैनिक के पास , बहन की राखी आयी । देख उसे अब आज , याद वैशाखी आयी । बहनों का ही प्रेम , जगत में सबसे ऊपर - यही दिलाने याद , घरों की पाती आयी ।। अब भी है उम्मीद , बहन राखी का तेरी । आ जाये जब याद , भेज दे राखी मेरी । तेरा भैय्या आज , दूर सरहद पर बैठा- क्या है तू मजबूर , हुई जो इतनी देरी ।। जिनको दिया उधार , कहीं न नजर वो आते । जग में ऐसे लोग , तोड़ देते हैं नाते । मानो मेरी बात , दूर अब रहना इनसे- ये है काले नाग , समय पाकर डस जाते ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR मुक्तक :- करके सुख का त्याग , बना देखो वह सैनिक । थाम तिरंगा हाथ , नहीं वह होता पैनिक । इस जीवन में प्यार , नही होगा दोबारा । लेता है यह कौ
मुक्तक :- करके सुख का त्याग , बना देखो वह सैनिक । थाम तिरंगा हाथ , नहीं वह होता पैनिक । इस जीवन में प्यार , नही होगा दोबारा । लेता है यह कौ
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