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Sudipta Mazumdar
सूर के बंधन में बंध कर मैं खींची चली जाती हूं ©Sudipta Mazumdar #चंद्रकांता शायरी
#चंद्रकांता शायरी
read moreBINDAASBOY118
Anuj Jain
सूरज अपने प्रयास में होगा सफल ओस को वर्षा में देगा बदल # चंद्रकांता- की- कलम -से#yq hindi #yq poerty- दोहा-life #collab #yq didi and mine #YourQuoteAndMine Collaborating with Chandra kanta Jain
# चंद्रकांता- की- कलम -से#yq hindi #yq poerty- दोहा-life #Collab #yq didi and mine #YourQuoteAndMine Collaborating with Chandra kanta Jain
read morePoonam Suyal
ओंस के अनगिनत रंगों से सर्वत्र हो जाएगा खुशनुमा। धूल की साजिश हो जाएगी विफल।। # चंद्रकांता- की- कलम -से#yq hindi #yq poerty- दोहा-life #collab #yq didi and mine #YourQuoteAndMine Collaborating with Chandra kanta Jain
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read morebrijesh mehta
बच्चों से भरपूर प्यार पड़ोसियों का खास खयाल बेटियों से ज्यादा बहू की इज्जत मायके-ससुराल के सभी रिश्तेदारों का समान सम्मान ना कोई जात ना कोई धर्म ना कोई पंथ ना कोई संप्रदाय ना हिंदू ना मुसलमान सिर्फ और सिर्फ संतोष और ज्ञान ना कोई ग्रह ना कोई नक्षत्र ना कोई गोत्र ना कोई राशिफल ना कोई सच ना कोई झूठ सिर्फ और सिर्फ मन की आवाज ना कोई चुगली ना कोई निंदा ना कोई खुशा
ना कोई ग्रह ना कोई नक्षत्र ना कोई गोत्र ना कोई राशिफल ना कोई सच ना कोई झूठ सिर्फ और सिर्फ मन की आवाज ना कोई चुगली ना कोई निंदा ना कोई खुशा
read morelaj love
1.संडे को सुबह-सुबह नहा-धोकर टीवी के सामने बैठ जाना.. 2."रंगोली"में शुरू में पुराने फिर नए गानों का इंतज़ार करना.. 3."जंगल-बुक"देखने के लिए
1.संडे को सुबह-सुबह नहा-धोकर टीवी के सामने बैठ जाना.. 2."रंगोली"में शुरू में पुराने फिर नए गानों का इंतज़ार करना.. 3."जंगल-बुक"देखने के लिए
read moreGovind Meena
1990 का दूरदर्शन और हम *बचपन वाला वो रविवार अब नहीं आता* 1.सन्डे को सुबह-2 नहा-धो कर टीवी के सामने बैठ जाना और "रामायण" "महाभारत" और "कृष्णा" के वक्त पर सड़क का वीरान होना 2."रंगोली"में शुरू में पुराने फिर नए गानों का इंतज़ार करना 3."जंगल-बुक"देखने के लिए जिन दोस्तों के पास टीवी नहीं था उनका घर पर आना 4."चंद्रकांता"की कास्टिंग से ले कर अंत तक देखना 5.हर बार सस्पेंस बना कर छोड़ना चंद्रकांता में और हमारा अगले हफ्ते तक सोचना 6.शनिवार और रविवार की शाम को फिल्मों का इंतजार करना 7.किसी नेता के मरने पर कोई सीरियल ना आए तो उस नेता को और गालियाँ देना 8.सचिन के आउट होते ही टीवी बंद कर के खुद बैट-बॉल ले कर खेलने निकल जाना 9."मूक-बधिर"समाचार में टीवी एंकर के इशारों की नक़ल करना 10.कभी हवा से ऐन्टेना घूम जाये तो छत पर जा कर ठीक करना बचपन वाला वो 'रविवार' अब नहीं आता, दोस्त पर अब वो प्यार नहीं आता। जब वो कहता था तो निकल पड़ते थे बिना घडी देखे, अब घडी में वो समय वो वार नहीं आता। बचपन वाला वो 'रविवार' अब नहीं आता...।।। वो साईकिल अब भी मुझे बहुत याद आती है, जिसपे मैं उसके पीछे बैठ कर खुश हो जाया करता था। अब कार में भी वो आराम नहीं आता...।।। जीवन की राहों में कुछ ऐसी उलझी है गुथियाँ, उसके घर के सामने से गुजर कर भी मिलना नहीं हो पाता...।।। वो 'मोगली' वो 'अंकल Scrooz', 'ये जो है जिंदगी' 'सुरभि' 'रंगोली' और 'चित्रहार' अब नहीं आता...।।। रामायण, महाभारत, चाणक्य का वो चाव अब नहीं आता, बचपन वाला वो 'रविवार' अब नहीं आता...।।। वो एक रुपये किराए की साईकिल लेके, दोस्तों के साथ गलियों में रेस लगाना! अब हर वार 'सोमवार' है काम, ऑफिस, बॉस, बीवी, बच्चे; बस ये जिंदगी है। दोस्त से दिल की बात का इज़हार नहीं हो पाता। बचपन वाला वो 'रविवार' अब नहीं आता...।।। बचपन वाला वो 'रविवार' अब नहीं आता...।।। ©Govind Meena #1990 का दूरदर्शन और हम *बचपन वाला वो रविवार अब नहीं आता* 1.सन्डे को सुबह-2 नहा-धो कर टीवी के सामने बैठ जाना और "रामायण" "महाभारत" और "कृष
1990 का दूरदर्शन और हम *बचपन वाला वो रविवार अब नहीं आता* 1.सन्डे को सुबह-2 नहा-धो कर टीवी के सामने बैठ जाना और "रामायण" "महाभारत" और "कृष
read moreVandana
वो नाव की पतवार संभाले वो जीवन की बागडोर संभाले वो नटखटपन लड़कपन वो शौक आजमाइश वह दौर था ना समझी का ये दौर है समझदारी का कभी लौट आना तुम उस गली में पलके बिछाए बैठे हैं,,, दरिया में कमल के खिले दल महक रहे सब मिलकर तुम्हारी बाट जुटाए बैठे,,,, तुम आना संग कश्ती
कभी लौट आना तुम उस गली में पलके बिछाए बैठे हैं,,, दरिया में कमल के खिले दल महक रहे सब मिलकर तुम्हारी बाट जुटाए बैठे,,,, तुम आना संग कश्ती
read moreDivyanshu Pathak
मुक़द्दर में तेरे क्या है सितारे क्या बताएंगे ! भंवर में जोर कितना है किनारे क्या बताएंगे ! 'हार-जीत' की बातें किनसे पूछता है तू "पाठक" जो 'खुद' को जीत नहीं सकते वो हारे हुए क्या बताएंगे ! :🍫☕🍀🌱☘Good evening ji ☕☕☕☕☕🍫🍎🍎☕☕🍀🌱☘🍧🙋 चंद्रकांता की कहानी में जो तिलिस्म आपने पढ़ा या देखा होगा कुछ कुछ वैसा ही लगा मुझे मेरे राजस्थान का "जू
:🍫☕🍀🌱☘Good evening ji ☕☕☕☕☕🍫🍎🍎☕☕🍀🌱☘🍧🙋 चंद्रकांता की कहानी में जो तिलिस्म आपने पढ़ा या देखा होगा कुछ कुछ वैसा ही लगा मुझे मेरे राजस्थान का "जू
read moreAK__Alfaaz..
साँझ ढ़ले, सूरज ने ली अँगड़ाई, किरणों की, सिंदूरी चूनर बुनकर, चाँद ने दी, चाँदनी संग बधाई, ममतामयी सरिता, जब नेह से अपना, आँचल लहरायी, सम्मुख माँ नर्मदा सी, छवि लिए, एक दैवीय ममता मुस्कायी, साँझ ढ़ले, सूरज ने ली अँगड़ाई, किरणों की, सिंदूरी चूनर बुनकर, चाँद ने दी, चाँदनी संग बधाई, ममतामयी सरिता, जब नेह से अपना,
साँझ ढ़ले, सूरज ने ली अँगड़ाई, किरणों की, सिंदूरी चूनर बुनकर, चाँद ने दी, चाँदनी संग बधाई, ममतामयी सरिता, जब नेह से अपना,
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