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Uttam Mishra
नदी पर्वत से उतरे तो मैं तेरी चाल लिखता हूँ, तेरे होंठो की लर्जीश पर मैं हर सुर ताल लिखता हूँ। तेरी आँखों के झीलों में है मेरे इश्क़ के आंसू, तो जानेमन मैं तेरे नाम ये भोपाल लिखता हूँ। भोपाल
भोपाल
read moreUrooj Khan
शीर्षक = अनाथ "क्या बात है आशू की माँ? बड़ी गुम सुम बैठी हो, " बरामदे में चाय पी रहे दिवाकर जी ने कहा, अपनी पत्नि से। "कुछ नही बस देख रही हूँ, हमारी बहु सब कुछ कितना अच्छे से कर रही है, हर रिश्ते और उसकी एहमित बखूबी जानती है,लगता ही नही है कि इसकी परवरिश किसी घर में नही बल्कि अनाथ आश्रम में एक अनाथ के रूप में हुई है।" आशना जी ने कहा। "ठीक कहा आपने, रिद्धिमा को देख कर उसके संस्कारो को देख कर कोई भी नही कह सकता कि वो किसी अनाथ आश्रम से आयी है, जो खूबी हमारा बेटा उसके अंदर शुरू दिन से देख पाया था उसे देखने में हमें काफ़ी साल लग गए, यही कारण था कि हम दोनों ही उसके इस फैसले से खुश नही थे, क्यूंकि अनाथ आश्रम से बहु लाने का मतलब पूरे खानदान में बदनामी करवाना, लेकिन अब लगता है कि हमनें इसे अपनाने में बहुत देर कर दी, ये तो हमें शुरू दिन से ही अपना मान बैठी थी, हमारे प्यार और आशीर्वाद को तरसती थी और हम थे कि इससे मूंह फेर लेते थे लेकिन अब रिद्धिमा ने साबित कर दिया कि वो सही थी और हम गलत, जितना रिश्तों और अपनों की एहमित वो जानती है उतनी हम भी नही जानते क्यूंकि जिस परिवेश में उसकी परवरिश हुई है, वहाँ अपना कोई भी नही था शायद इसी लिए उसे हर एक रिश्ते की एहमित बखूबी मालूम है।"दिवाकर जी ने कहा। "एक दम सही बात बोली है, आपने उससे ज्यादा रिश्तों की एहमियत और कोई जान भी नही सकता, भगवान का शुकर है कि वक़्त रहते हमें भी उसका एहसास होने लगा वरना वो इस बार भी माँ बाप के प्यार से वांछित रह जाती, और इस बार कसूर वार हम और हमारी अना होती।भगवान इन दोनों की जोड़ी सदा सलामत रखे अब तो यही दुआ है।"आशना जी ने कहा,अपनी बहु की तरफ देखते हुए जो उनके पोता पोतियों के साथ खेल रही थी। समाप्त... ©Urooj Khan #अनाथ
Chandni Jain
में तेरे साथ बस नाम के लिए नहीं हूं, एक बार तो आंखे बंद करके देख में तेरे आस पास कहीं हूं।। ##ये लम्हे एहसास के #भोपाल #CalmingNature
Gudiya Gupta (kavyatri).....
पकड़ लेता इस चांद को अगर यह सच में मेरा मामा होता। पकड़कर पूछता कहां है मेरी मां? उनके आंचल में आंसू छुपाना होता....। जन्म से पहले और मरण के बाद रहा है हमेशा तू फलक पर... मामा कहता हूं तुझे अगर बता देता कहां है मेरे मां-बाप? तो अनाथ कह कर मुझे ...लोगों का ना यू सताना होता ©Gudiya Gupta (kavyatri)..... #अनाथ
Shilpa Yadav
#ये अनाथ बच्चे मैं क्या लिखूं सबका अलग नजारा है जिसको समझो साहसी है वह तो और बेचारा है कहीं ठंडक भरी छांव कहीं कडकती धूप सबका अलग नजारा है कोई व्यस्त ,कोई मस्त है मुझे न जाने क्यूं लगता ये दुनिया ही भ्रष्ट है मेरा ह्रदय आहत होता न जाने क्यूं देख ये सब पर नजर घुमाती जब उन अनाथ बच्चों पर तब ह्रदय चीखता चिल्लाता है कौन इनका सहारा है क्योंकि इस दुनियां में सबका अलग नजारा है।। ©Shilpa yadav #sunrisesunset #orphan#orphanlife #shilpayadav #अनाथ# अनाथ
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