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Stories related to स से

Health Is Wealth DK

#अगर स से समस्या है तो स से समाधान भी है##motivation Thoughts ##

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Health Is Wealth DK

##जीवन में स से समस्या है,तो स से समाधान भी है##

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देवांग

स से साहित्य, स से ही सुकून। #Hindi #Shayar Shayari #hindi_poetry #poem Poetry #Quote #thought #thought_of_the_day #Quotes

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jyoti rashmi ntl

स से सोनू ,स से समाज , स से सूद ,स से सेवा । तेरे नाम से छल्के सच्चाई, जैसा नाम वैसा काम। अच्छी सूरत सच्ची सीरत, है नेक तेरा काम , तू बना

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हीरो नहीं,असली हीरा है तू,

मां का प्यारा पूत है तू।

लोगों के लिये इस सन्सार में,

भगवान का भेजा,

सच्चा दूत है तू।

©jyoti rashmi ntl
  स से सोनू ,स से समाज ,
स से सूद ,स से सेवा । 
तेरे नाम से छल्के सच्चाई, 
जैसा नाम वैसा काम। 
अच्छी सूरत सच्ची सीरत,
है नेक तेरा काम ,
तू बना

Akshay Kumar

स से समस्याएं है के सुलझती नहीं है

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स से समस्याएं है के सुलझती नहीं है हाल यह ही 
स से स्वयं को समाप्त कर रहे है स से समस्याएं है के सुलझती नहीं है

Only "SAM"

*अगर "स" से #समस्या होती है,* *तो उसी "स" से #समाधान भी होता है..!* *यह हम पर निर्भर करता है, कि हम कौन से "#स" पर ज्यादा ध्यान देते हैं..!

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Alok Kumar

“ स ” से बना शब्द संसार बना है जहाँ हम सभी आपस में मिलकर रहा करते है । “ क ” से बना शब्द कफ़न बना है जिसे ओढ़ लेने के बाद ये दुनिया विरान

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“ स ” से बना शब्द संसार बना है
जहाँ हम सभी आपस में मिलकर रहा करते है ।

“ क ” से बना शब्द कफ़न बना है
जिसे ओढ़ लेने के बाद 
ये दुनिया विरान सा लगता है ।

©Alok Kumar “ स ” से बना शब्द संसार बना है
जहाँ हम सभी आपस में मिलकर रहा करते है ।

“ क ” से बना शब्द कफ़न बना है
जिसे ओढ़ लेने के बाद 
ये दुनिया विरान

Shree

दूरियों में "र" के रास्ते हो तुम। पास में "स" से साथ भी तुम। Shree #a_journey_of_thoughts #unboundeddesires #lovepoemsarebest

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बस, कभी यह मत पूछना 
कि कौन हो तुम, 
क्या वजूद है तुम्हारा,
किस हक़ से 
हक़ है जताया, ना पूछो।
दुनिया से जो वैरागन 
बना दे वो हो तुम,
मोह-सा, कुछ अपना सा, 
कुछ सहमा-सा,
नव जीवन के प्रष्फुटन 
की सौभाग्य निधी, 
हृदय संधि की 
नित चेतना हो तुम।
दूरियों में "र" के रास्ते हो तुम।
पास में "स" से साथ भी तुम। दूरियों में "र" के रास्ते हो तुम।
पास में "स" से साथ भी तुम।

Shree 
#a_journey_of_thoughts
#unboundeddesires
#lovepoemsarebest

Harshita Dawar

H- ह से हारी नहीं हूं मैं A- ए से एकता की ऐठन में चलती नही हूं मैं R- र से रोती हुई आंखों में रुसवाई नहीं हूं मैं S - स से सहमा सिमटा सुलगता

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H- ह से हारी नहीं हूं मैं
A- ए से एकता की ऐठन में चलती नही हूं मैं
R- र से रोती हुई आंखों में रुसवाई नहीं हूं मैं
S - स से सहमा सिमटा सुलगता साया नहीं हूं मैं
H- ह से हैरान हैरत में हिमाकत नहीं हूं मैं
I - अ आई से आईने में अक्स आंखों से ओझल नहीं मैं
T - टी ट से टटोलती टेहलती ठहराव नहीं हूं मैं
A- अ से अंदर आग से आगारों में लिपटी वहीं हूं मैं
हर्षिता हिम की हराई हिरासत में हताश नहीं हूं मै
हौसलों में हस्ताक्षर सी हठी वहीं हूं मैं
जज़्बात ए हर्षिता H- ह से हारी नहीं हूं मैं
A- ए से एकता की ऐठन में चलती नही हूं मैं
R- र से रोती हुई आंखों में रुसवाई नहीं हूं मैं
S - स से सहमा सिमटा सुलगता

Ashraf Fani

क से कबूतर, ख से खरगोश । ग से गमला, घ से घर डर से वो हो गया बेहोश । पानी बिन मछली गई मर अब देखो तुम ड. है ख़ाली । च से चरखा, छ से छत

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क से कबूतर, ख से खरगोश		। ग से गमला, घ से घर	
डर से वो हो गया बेहोश		। पानी बिन मछली गई मर	
			
अब देखो तुम ड. है ख़ाली		। च से चरखा, छ से छतरी	
ज़ोर से खिंचा टूटी डाली		। धोबी लेकर जाता गठरी	
			
ज से जहाज, झ से झंडा		। फिर से देखो  )-। है ख़ाली	
पानी पियो खा के अंडा		। कभी न देना किसी को गाली	
			
ट से टमाटर, ठ से ठठेरा		। ड से डमरू, ढ से ढक्कन	
बिस्तर छोड़ो हुआ सबेरा		। चीनी के संग खाओ मक्खन	
			
इसके आगे ण है ख़ाली		। त से तलवार, थ से थन	
ख़ूब मनेगी ईद- दीवाली		। साफ़ रखो तुम अपना मन	
			
द से दवात, ध से धनुष		। और देख लो न से नल	
चुहिया बिल में गई है घुस		। बरफ गले तो होवे जल	
			
प से पतंग, फ से फल		। ब से बकरी, भ से भवन	
देर न कर स्कूल को चल		। मात-पिता को करो नमन	
			
और हो गया म से मगर		। य से यज्ञ , र से रथ	
डांट पड़ी तो गये सुधर		। घी निकलेगा दही को मथ	
			
ल से लट्टू, व से वकील		। श से शलगम, ष से षटकोण	
पतंग को खींचो फिर दो ढील		। अपनों से नाता ना तोड़	
			
स से सरौता, ह से हल		। क्ष से क्षत्रिय, त्र से त्रिशूल	
पेड़ लगाओ पाओ फल		। मन को प्यारे लगते फूल	




			
ज्ञ से ज्ञानी हुए महान			
जग करता उनका गुनगान।।।			

		...अशरफ फ़ानी कबीर क से कबूतर, ख से खरगोश		। ग से गमला, घ से घर	
डर से वो हो गया बेहोश		। पानी बिन मछली गई मर	
			
अब देखो तुम ड. है ख़ाली		। च से चरखा, छ से छत
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