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New आसमान को फिर जमी Quotes, Status, Photo, Video

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Urmeela Raikwar (parihar)

#Sad_Status आसमान

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White आसमान मैं लाखो, karodo sitaare है,
मैरे जीवन रूपी आसमान मैं बस तुम ,,

by Urmee ki Dairy

©Urmeela Raikwar (parihar) #Sad_Status आसमान

Shiv Narayan Saxena

फिर मुलाकात

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फिर मुलाकात

©Shiv Narayan Saxena फिर मुलाकात

Praveen Jain "पल्लव"

#love_shayari कमीशन खाकर तू,आसमान पर चढ़ी है #nojotohindi

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White पल्लव की डायरी
अरे महंगाई तू पैदा खेतो में ना हुयी
ना सूखा पड़ा ना ओला गिरा
सफ्लाई में ना आयी कमी
फिर डायन तेरे डसने की
 अदावत कहॉ से आई
सुना है तू पेशेवरों की बन गयीं डार्लिग
कमीशन खाकर तू आसमान पर चढ़ी
सियासतों के हाथों में तेरी नब्ज
इतराकर तू भी गरीबो को मिटाने चली
खिलाड़ियों के हाथों में आकर
सताने की आदत तेरी पड़ी है
खा गयी जनता की सारी मेहनत
सत्ता की तू चेरी बनी है
                                         प्रवीण जैन पल्लव

©Praveen Jain "पल्लव" #love_shayari कमीशन खाकर तू,आसमान पर चढ़ी है
#nojotohindi

unique writer

इस खुले आसमान में उड़ना चाहते है।

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Karan Koram

White आसमाँ इतनी बुलंदी पे जो इतराता है 
भूल जाता है ज़मीं से ही नज़र आता है

©Karan Koram #Couple #सायरी_दिल_से #shayeri आसमान #आसमान

Shashi Bhushan Mishra

#आसमान छू लेने को#

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उल्फ़त के गलियारों में,
घूम  रहे  थे   तारों  में,

आसमान  छू  लेने  को,
भटके खूब  पहाड़ों  में,

रेज़ा-रेज़ा  बिखर  गये,
नाम है अब  बंजारों में,

छपते  रहते  हैं  किस्से,
आए दिन अख़बारों में,

प्रेम  गीत  के  पन्नों पर,
लिक्खे नाम सितारों में,

रात-रात भर  बातें  की,
गुपचुप सिर्फ़ इशारों में,

गुंजन के मन की पीड़ा,
शायद  एक  हज़ारों में,
         -शशि भूषण मिश्र 'गुंजन'           
  प्रयागराज उ०प्र०

©Shashi Bhushan Mishra #आसमान छू लेने को#

Kulvant Kumar

जो मोहब्बत ,अल्फ़ाज़ को सीने से चिपकाए फिरते है फिर आराम उन्हें कहां मिलता

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रिपुदमन झा 'पिनाकी'

#फिर

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White फिर उसी राह से हम गुज़रे हैं
फिर वही दर्द है तनहाई है
फिर वही आँसू है तड़प है वही 
फिर वही याद की परछाई है
फिर मेरी रुह है छलनी छलनी
फिर मेरी साँस पे बन आई है
फिर मेरी जान जान जाती है
फिर मेरी आँख ये भर आई है
फिर मेरे रात दिन उदास हुए
फिर मेरे वक्त मुझसे रुठे गए
फिर मेरे जख्म हरे होने लगे
फिर मेरे अपने मुझसे खोने लगे।

रिपुदमन झा 'पिनाकी'
धनबाद (झारखण्ड)
स्वरचित एवं मौलिक

©रिपुदमन झा 'पिनाकी' #फिर

vishwas

White ऊपर है नीला नीला आसमान
नीचे ढूंढ रहे है हम अपना जहां
न जाने वो खो गया है कहाँ
न चैन है न सुकून है न है आराम
अब जाए तो जाए हम कहाँ।

©vishwas #good_night #आसमान #शायरी #shayri #mere_shabdansh #vkhanswar

कवि आलोक मिश्र "दीपक"

जो सपूतों ने गढ़े उन रास्तों को फिर सजा दें....#कवि_आलोक_मिश्र_दीपक hindi poetry

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