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Kavi Swaroop Dewal Kundal
जब दुनिया में हाहाकार हुआ फिर चारों ओर चित्कार हुआ जब कांप उठी ये सारी धरती फिर अंबर भी लाचार हुआ तब भोलेनाथ ने किया उपाय जग में चारण को दिया बिठाय सगर सुत महाराज भागीरथ जब धरा पर गंग ले आए तब माँ की शरण से दूर यहाँ चारण संग चले आए पहला वास किया हिमालय बोले भोले की जय जय फिर तेलंग देश किया आबाद और पाप से किया आजाद फिर आए वो धरा गुजरात जहाँ अनोखी इनकी बात फिर वहाँ गढवी कहलाए राजपूत के मन को भाए फिर आए वो राजस्थान हमने बढाया इसका मान जन्मी शक्ति आवड़ करनल इन्द्र देवल जय लूंग जगदम्ब जग चारों ओर बढ़ाया मान चारण का आपने अम्ब सत्य वचन और हरी सुमिरन है जग में चारण की पहचान कहे ये देवल स्वरूप दान ऐसी मेरी जात महान चारण
चारण
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उनकी हसरतो की मंजीले बनाते बनाते, हमारे अरमानों के घरोंदे बीखरने लगे, सूरते बदल गई हमारी उस मासूम चेहरे की फिक्र में, वरना आईने की औकात जो हमे डराने लगे!! अंकित चारण.... अंकित चारण
अंकित चारण
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नेताजी सुभाष चंद्र बोस की मृत्यु के बारे में सरकारी आंकड़ों का यह कहना है कि उनकी मृत्यु ताइवान में एक प्लेन क्रैश में हुई थी, जहां पर उनका शरीर जलकर झुलस गया था ©ये है इतिहास सुभाष
सुभाष
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1920 में भारतीय सिविल सेवा की परीक्षा उत्तीर्ण करी थी और उन्होंने उस परीक्षा में टॉप किया था। ©ये है इतिहास सुभाष
सुभाष
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सुना है दरिया को बड़ा गुमान आया है, कस्ती उधर ही ले चलो जंहा तूफान आया है,, अंकित चारण.... अंकित चारण
अंकित चारण
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सुभाष चंद्र बोस ने कांग्रेस के गरम दल का प्रतिनिधित्व भी किया था जो कि गांधीवादी गुट के खिलाफ अधिक उग्रवादी स्वभाव की थी। ©ये है इतिहास सुभाष
सुभाष
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19 जनवरी 2021 को भारत सरकार द्वारा घोषणा की गई कि 23 जनवरी सुभाष चंद्र बोस की जयंति को पराक्रम दिवस के रुप में मनाया जाएगा। ©ये है इतिहास सुभाष
सुभाष
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लेकिन सन 1983 में उत्तर प्रदेश के फैजाबाद में एक गुमनामी बाबा को पाया गया जहां ऐसा बताया जा रहा था कि वह नेताजी सुभाष चंद्र बोस ही है ©ये है इतिहास सुभाष
सुभाष
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उन्होंने जेल में रहते हुए भी कोलकाता के मेयर का चुनाव लड़ा और जीत गए। लेकिन कुछ हिंसक कृत्यों के बाद में उन्हें फिर से गिरफ्तार किया गया था, और मेयर बनने के तुरंत बाद ही उन्हें रिहा भी कर दिया गया था। ©ये है इतिहास सुभाष
सुभाष
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