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Happy India Foundation
जिस तरह से विभिन्न स्रोतों से उत्पन्न धाराएँ अपना जल समुद्र में मिला देती हैं ,उसी प्रकार मनुष्य द्वारा चुना हर मार्ग, चाहे अच्छा हो या बुरा
read moreVibhor VashishthaVs
Meri Diary #Vs❤❤ समस्त देशवासियों को विश्व पर्यावरण दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं..। आइए, आज के अवसर पर हम सभी अपने वातावरण को स्वच्छ रखने, वृक्षों एवं जल स्रोतों के संरक्षण हेतु संकल्पित हों..। पर्यावरण संरक्षण के लिए केवल पेड़ लगाना ही उपयुक्त नहीं है बल्कि पर्यावरण संरक्षण के बिभिन्न आयामों में अपनी भागिदारी को सुनिश्चित करना अनिवार्य है! पेड़ बचाओ, जीवन बचाओ... अगर आप दरख़्तों को काटेंगे, प्रकृति आपको काटेगी..... ✍️Vibhor vashishtha Vs Meri Diary #Vs❤❤ समस्त देशवासियों को विश्व पर्यावरण दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं। आइए, आज के अवसर पर हम सभी अपने वातावरण को स्वच्छ रखने, वृक्ष
Meri Diary Vs❤❤ समस्त देशवासियों को विश्व पर्यावरण दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं। आइए, आज के अवसर पर हम सभी अपने वातावरण को स्वच्छ रखने, वृक्ष
read moreHarshita Dawar
Written by Harshita ✍️✍️ #Jazzbaat एक अधेरी गुफ़ा सी महफ़िल साजी थी इस कहानी में उस प्यास की परछाई रची थी इस ईर्षा द्वेष की भावना में एहसास की डोरी कच्ची थी क्या कहती बहन अब मा यहां गुज़ारा नहीं एक मेली चादर से इज्ज़त ढकी थी कमाल करती है रिश्तों की रस्सी उस पगडंडी की डोरी कच्ची थी भरोसे शब्द के मायने बेमायने होते सच्ची कहानी को भी झूठ की देहलीज लांघने की पर ते सच्ची थी आंखों में नमी अपने में कमी या रिवायतों की चकाचौंध में मुखोटे लगाते दिखते कुछ दिखाते कुछ यहीं बातों में आंखों में नमी थी इज्ज़त दांव पर लगाकर घर की रौनक बनती घुटती क्षीडं भिन्न-भिन्न स्रोतों में आज़ादी की कमी थी एक रोज़ तुलसी की पूजा कर प्राप्त हुई शक्ति क्षमता रखती खेलती मन के भाव व्यक्त करती आज यही ज़िन्दगी उम्मीद की कमी थी जो कमाई थी इज़्ज़त दावा कर मांगनी पड़े तो घर में क्या जगह होगी , शकसियत इंसान की सोच में परिवर्तन की कमी थी अब सिर्फ़ ख़ुद की तलाश में निकालना जो कमी थी राहत भरी सांसे भर्ती अब ज़िन्दगी की तलाश करनी थी ©️ जज़्बात ए हर्षिता #lifequotes #zindagikasafar #realityoflife #restzone #yqbaba #yqdidi Written by Harshita ✍️✍️ #Jazzbaat एक अधेरी गुफ़ा सी महफ़िल साजी थी इस
#lifequotes #zindagikasafar #realityoflife #restzone #yqbaba #yqdidi Written by Harshita ✍️✍️ #jazzbaat एक अधेरी गुफ़ा सी महफ़िल साजी थी इस
read moreRavendra
मुख्य विकास अधिकारी ने विकास भवन में किया पौधरोपण बहराइच विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर विकास भवन सभागार में आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधि
read moreTechnocrat Sanam
सर्वप्रथम आप सभी को गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं..🇮🇳🙏 हमेशा की तरह आज भी कुछ सवाल मेरे ज़हन में कुलबुलाते रहे, जिन्हें मैं आप सभी के समक्ष प्रस्तुत करना चाहता हूँ.. 1. क्या अर्ध रात्रि उठकर देशभक्ति स्टेट्स लगा देना ही देशभक्ति है? 2. या फिर नहा धो कर तिरंगा फहरा देना ही क्या देश भक्ति है? 3. या फिर देशभक्ति गीत बजा कर डीजे पर थिरक लेना ही देशभक्ति है..? सुनने में अज़ीब लगेगा मगर कटु सत्य तो यही है कि ऐसा ज़रूरी नहीं है? हमें यह आजादी एक दिन में नहीं मिली तो एक दिन show off करके देशभक्ति कैसे जताई जा सकती है? देश की आजादी और अखंडता के लिए हजारों लाखों ने कुर्बानी दी है, तब जाकर हमें ये दिन देखने को मिला है, हमारा दायित्व बस इतना है कि हमें इस आजादी, अखंडता, स्रोतों को सहेजकर, संजोकर सुरक्षित रखना है और उसके लिए हमें साल के प्रत्येक दिन और रात तैयार रहना है, न कि एक दिन बस! हमें ये प्रण लेना है कि कोई भी बाहरी या आपसी मनमुटाव हमारी विभिन्नताओं का फ़ायदा उठाकर हमें अलग न कर सकें। अलग अलग जाति - धर्म और राज्यों के बावजूद हम सभी एक हैं, एक नागरिक हैं, महान भारत देश के वासी। एक दूसरे की भावनाओं का सम्मान करते हुए हम दुनिया में अपनी इस एक अलग पहचान को हमेशा बरकार रखेंगे.. जय हिंद 🧡🤍💚 सर्वप्रथम आप सभी को गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं..🇮🇳🙏 हमेशा की तरह आज भी कुछ सवाल मेरे ज़हन में कुलबुलाते रहे, जिन्हें मैं आप सभी के
सर्वप्रथम आप सभी को गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं..🇮🇳🙏 हमेशा की तरह आज भी कुछ सवाल मेरे ज़हन में कुलबुलाते रहे, जिन्हें मैं आप सभी के
read moreRavendra
जल ज्ञान यात्रा’’ का जिलाधिकारी ने किया शुभारम्भ बहराइच । राज्य सरकार की अभिनव पहल पर देश की भावी पीढ़ी को जल जीवन मिशन की परियोजनाओं का सहभ
read moreDr Upama Singh
रचना नंबर – 1 “भारतीय साहित्य में स्त्रीयों का योगदान” निबंध– अनुशीर्षक में भारत में विभिन्न भाषा साहित्य के क्षेत्र में जिस तरह पुरुषों ने प्राचीन काल से ही उत्कृष्ट योगदान दिया है ठीक स्त्रीयों की भूमिका भी बराबर क
भारत में विभिन्न भाषा साहित्य के क्षेत्र में जिस तरह पुरुषों ने प्राचीन काल से ही उत्कृष्ट योगदान दिया है ठीक स्त्रीयों की भूमिका भी बराबर क
read moreJALAJ KUMAR RATHOUR
कहानियाँ और किस्से, पार्ट-२ विभिन्न विश्वस्नीय स्रोतों की सहायता से लगभग एक हफ्ते बाद मैंने और मेरे दोस्त अर्चित ने पता किया कि, उसका नाम "सांझ"है । वो बंसल जी की नातिन है और बंसल जी व अपनी नानी के साथ रहती है। वैसे मोहल्ले के प्रत्येक युवा में एक नई ऊर्जा आ गयी थी, सभी युवाओं ने सुबह सुबह टहलना शुरू कर दिया था ये संपूर्ण असर सांझ की वजह से था। वो थी ही इतनी आकर्षित कि लोग उसके दीवाने हो जाते थे। मैं भी उसके इन आशिको में शामिल था । १जुलाई को मेरे स्कूल खुलने वाले थे। इसलिए नई किताबो और कॉपियों पर नेमप्लेट और कवर चढ़ाने के लिए मैं राजू पुस्तक भंडार की दुकान पर गया था। हमारे छोटे से शहर में किताबो और पुस्तको के लिए यही एक प्रसिद्ध दुकान थी। राजू भैया की इतनी बिक्री होती देख मेरे मन में कई बार इसी धंधे में जुड़ने का प्लान आया पर वक्त से साथ सब धीरे-धीरे बदलता चला गया। १जुलाई के दिन आज नौवी क्लास में मेरा पहला दिन था। विज्ञान वर्ग में गणित का मिलना हमारे कॉलेज में जैकपॉट के लगने जैसा था और ये जैकपॉट मेरे हाथ भी लगा था। के. के इंटर कॉलेज के रूम नंबर 9 में हमारे क्लासटीचर बैठे हुए थे। मेरे पास आये एक लड़के ने कान के पास फुसफुसाते हुए कहा "बडे खतरनाक है नागेंद्र सर मेरा भाई बता रहा था", उसने बताया की उसका भाई दसवी क्लास में है और पिछली साल नागेंद्र सर उसी के क्लासटीचर थे। गणित विषय के ज्ञाता और कविताओं के शौकीन है। नागेंद्र सर, मैं और मेरे साथ जो लड़का आया था इतेंद्र चौहान , ने सर से अपना नाम क्रमांक पंजिका में दर्ज करवाया और पंखे की नीचे वाली सीट पर बैठ गए।बाये तरफ लड़के और दाहिने तरफ लड़कियो के लिए जगह थी। समझ नही आता कि जब हम बराबरी की बात करते है,लड़के और लड़कियो में फिर उनके लिए जगह अलग अलग क्यूँ, क्या उन्हे हम एहसासे कराते है कि तुम लड़की हो,या हम उनके हिस्से पर भी अपना हक समझते है,तभी नागेंद्र सर ने कहा" आज मैं अटेंडेंस ले रहा हूँ कल से गणित शुरू करेंगे और सर ने बोलना शुरू किया, "रोल न. 1-पूजा, फिर रुककर बोले नाम सिर्फ आज ही बोल रहा हूँ आगे से सिर्फ रोल न. बोलूँगा........ रोल न. -9 खुशी...... रोल न. - 15 दीक्षा... रोल न. -18 आराध्या, रोल न. 19- साँझ , क्लास के दरवाजे से आवाज आयी "प्रेजेंट सर", सुबह के दस बजे थे उस वक्त इस वजह से सूरज की सीधी रोशनी दरवाजे से होते हुए मेरी आँखों, मेरे लक्ष्य देखने से बाधित कर रही थी। दरवाजे पर हाँफती और अपनी जुल्फो को कानो का रास्ता मुकम्मल कराती स्लेटी कलर के कुर्ते और सफेद दुपट्टे में वो बिल्कुल, दिन में सूर्य के कम प्रकाश में नजर आने वाले चाँद के समान लग रही थी,जिसे देखने के लिए सूर्य की रोशनी से तुमको लड़ना पड़ता है और सूर्य की रोशनी से मेरा लड़ना सफल भी हो गया था क्युकी ये सांझ, मेरी वाली ही सांझ थी , सर रोल न. बोलते जा रहे थे और सर ने रजिस्टर बन्द कर दिया, मैं सर के पास गया और बोला सर मेरा नाम नही बुला, उन्होंने नाम पूछा और बोला रोल न. 20,सो रहे थे क्या जब में बोल रहा था। पहला घण्टा बजा और सर चले गए और छोड़ गए मेरा उपहास मेरा क्लास के सभी चेहरो पर, ... #जलज राठौर कहानियाँ और किस्से, पार्ट-२ विभिन्न विश्वस्नीय स्रोतों की सहायता से लगभग एक हफ्ते बाद मैंने और मेरे दोस्त अर्चित ने पता किया कि, उसका नाम
कहानियाँ और किस्से, पार्ट-२ विभिन्न विश्वस्नीय स्रोतों की सहायता से लगभग एक हफ्ते बाद मैंने और मेरे दोस्त अर्चित ने पता किया कि, उसका नाम
read moreJALAJ KUMAR RATHOUR
कहानियाँ और किस्से, पार्ट-२ विभिन्न विश्वस्नीय स्रोतों की सहायता से लगभग एक हफ्ते बाद मैंने और मेरे दोस्त अर्चित ने पता किया कि, उसका नाम "सांझ"है । वो बंसल जी की नातिन है और बंसल जी व अपनी नानी के साथ रहती है। वैसे मोहल्ले के प्रत्येक युवा में एक नई ऊर्जा आ गयी थी, सभी युवाओं ने सुबह सुबह टहलना शुरू कर दिया था ये संपूर्ण असर सांझ की वजह से था। वो थी ही इतनी आकर्षित कि लोग उसके दीवाने हो जाते थे। मैं भी उसके इन आशिको में शामिल था । १जुलाई को मेरे स्कूल खुलने वाले थे। इसलिए नई किताबो और कॉपियों पर नेमप्लेट और कवर चढ़ाने के लिए मैं राजू पुस्तक भंडार की दुकान पर गया था। हमारे छोटे से शहर में किताबो और पुस्तको के लिए यही एक प्रसिद्ध दुकान थी। राजू भैया की इतनी बिक्री होती देख मेरे मन में कई बार इसी धंधे में जुड़ने का प्लान आया पर वक्त से साथ सब धीरे-धीरे बदलता चला गया। १जुलाई के दिन आज नौवी क्लास में मेरा पहला दिन था। विज्ञान वर्ग में गणित का मिलना हमारे कॉलेज में जैकपॉट के लगने जैसा था और ये जैकपॉट मेरे हाथ भी लगा था। के. के इंटर कॉलेज के रूम नंबर 9 में हमारे क्लासटीचर बैठे हुए थे। मेरे पास आये एक लड़के ने कान के पास फुसफुसाते हुए कहा "बडे खतरनाक है नागेंद्र सर मेरा भाई बता रहा था", उसने बताया की उसका भाई दसवी क्लास में है और पिछली साल नागेंद्र सर उसी के क्लासटीचर थे। गणित विषय के ज्ञाता और कविताओं के शौकीन है। नागेंद्र सर, मैं और मेरे साथ जो लड़का आया था इतेंद्र चौहान , ने सर से अपना नाम क्रमांक पंजिका में दर्ज करवाया और पंखे की नीचे वाली सीट पर बैठ गए।बाये तरफ लड़के और दाहिने तरफ लड़कियो के लिए जगह थी। समझ नही आता कि जब हम बराबरी की बात करते है,लड़के और लड़कियो में फिर उनके लिए जगह अलग अलग क्यूँ, क्या उन्हे हम एहसासे कराते है कि तुम लड़की हो,या हम उनके हिस्से पर भी अपना हक समझते है,तभी नागेंद्र सर ने कहा" आज मैं अटेंडेंस ले रहा हूँ कल से गणित शुरू करेंगे और सर ने बोलना शुरू किया, "रोल न. 1-पूजा, फिर रुककर बोले नाम सिर्फ आज ही बोल रहा हूँ आगे से सिर्फ रोल न. बोलूँगा........ रोल न. -9 खुशी...... रोल न. - 15 दीक्षा... रोल न. -18 आराध्या, रोल न. 19- साँझ , क्लास के दरवाजे से आवाज आयी "प्रेजेंट सर", सुबह के दस बजे थे उस वक्त इस वजह से सूरज की सीधी रोशनी दरवाजे से होते हुए मेरी आँखों, मेरे लक्ष्य देखने से बाधित कर रही थी। दरवाजे पर हाँफती और अपनी जुल्फो को कानो का रास्ता मुकम्मल कराती स्लेटी कलर के कुर्ते और सफेद दुपट्टे में वो बिल्कुल, दिन में सूर्य के कम प्रकाश में नजर आने वाले चाँद के समान लग रही थी,जिसे देखने के लिए सूर्य की रोशनी से तुमको लड़ना पड़ता है और सूर्य की रोशनी से मेरा लड़ना सफल भी हो गया था क्युकी ये सांझ, मेरी वाली ही सांझ थी , सर रोल न. बोलते जा रहे थे और सर ने रजिस्टर बन्द कर दिया, मैं सर के पास गया और बोला सर मेरा नाम नही बुला, उन्होंने नाम पूछा और बोला रोल न.20, सो रहे थे क्या जब में बोल रहा था। पहला घण्टा बजा और सर चले गए और छोड़ गए मेरा उपहास मेरा क्लास के सभी चेहरो पर, ... #जलज राठौर कहानियाँ और किस्से, पार्ट-२ विभिन्न विश्वस्नीय स्रोतों की सहायता से लगभग एक हफ्ते बाद मैंने और मेरे दोस्त अर्चित ने पता किया कि, उसका नाम
कहानियाँ और किस्से, पार्ट-२ विभिन्न विश्वस्नीय स्रोतों की सहायता से लगभग एक हफ्ते बाद मैंने और मेरे दोस्त अर्चित ने पता किया कि, उसका नाम
read moreयशवंत कुमार
5 जून - पर्यावरण- दिवस #environmentday 5 जून - पर्यावरण- दिवस. कभी-कभी लोग पर्यावरण बचाने का मतलब यह समझते हैं कि पेड़-पौधों का संरक्षण करना है,और इसके लिए वो पर्
#environmentday 5 जून - पर्यावरण- दिवस. कभी-कभी लोग पर्यावरण बचाने का मतलब यह समझते हैं कि पेड़-पौधों का संरक्षण करना है,और इसके लिए वो पर्
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