Find the Latest Status about सुधारणा आवश्यक from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, सुधारणा आवश्यक.
संस्कृतलेखिकातरुणाशर्मा-तरु
स्वलिखित संस्कृत रचना हिन्दी अनुवाद सहित शीर्षक बस अब कुछ नहीं . . विधा विचार . .
read moreMangeshsinh SolankeyMumbai GhisadiGadiyaloharMahasabha
सामजिक सुधारणा व्हावी यासाठी प्रयत्न केला आहे तरी आपण आपल्या परीवार नातेवाईक आणि समाज यांच्या सोबतीने प्रशासन अधिकारी यांच्या लक्षात आणू
read moreN S Yadav GoldMine
White {Bolo Ji Radhey Radhey} समाज में जीवन जीने के लिए, परिवार को चलाने के लिए, व्यापार सम्बन्धित कार्य करना परम् आवश्यक है, लेकिन धर्म विरुद्ध बिल्कुल नहीं होना चाहिए, सदा सुख व शांति बनी रहती है। N S Yadav GoldMine. ©N S Yadav GoldMine #love_shayari {Bolo Ji Radhey Radhey} समाज में जीवन जीने के लिए, परिवार को चलाने के लिए, व्यापार सम्बन्धित कार्य करना परम् आवश्यक है, लेकिन
#love_shayari {Bolo Ji Radhey Radhey} समाज में जीवन जीने के लिए, परिवार को चलाने के लिए, व्यापार सम्बन्धित कार्य करना परम् आवश्यक है, लेकिन
read moreperson
भक्ति के लिए कोई आयु सीमा नहीं होती। बचपन से ही प्रभु सिमरन करना चाहिए। जिससे संकट में भक्तों की नैया परमात्मा पार लगा दें। यह सब हमें भागवत सत्संग सुनने से प्राप्त होता है। देखिए भक्ति मार्ग पर चलने के लिए कोई निश्चित आयु-सीमा नहीं होती। जब भी किसी व्यक्ति को आध्यात्मिक ज्ञान समझ आ जाता है तब ही तुरंत सच्चे संत से नाम दीक्षा ले लेनी चाहिए क्योंकि मानव जीवन का कोई भरोसा नहीं इसलिए इस मनुष्य जीवन के अवसर का लाभ उठाना चाहिए। मनुष्य में कौन से 5 गुण होने आवश्यक हैं? मनुष्य के 5 सबसे आवश्यक गुण है। कर्तव्यनिष्ठा, विनम्रता, चरित्रवान, उदारता, परिश्रमी ©person भक्ति में हैं शक्ति 🙏 ✝️🕉️☪️🪯☯️☮️☸️🕎 सकारात्मक सोच और गुण सही मार्ग पर ले जाता हैं मनुष्य में कौन से 5 गुण होने आवश्यक हैं? मनुष्य के 5 सब
भक्ति में हैं शक्ति 🙏 ✝️🕉️☪️🪯☯️☮️☸️🕎 सकारात्मक सोच और गुण सही मार्ग पर ले जाता हैं मनुष्य में कौन से 5 गुण होने आवश्यक हैं? मनुष्य के 5 सब
read moreRavendra
अपर पुलिस महानिदेशक, गोरखपुर जोन महोदय द्वारा जनपद में भेड़ियों के आतंक की घटनाओं की गंभीरता को देखते हुए प्रभावित क्षेत्रों तथा घटनास्थल का
read moreVikas Sahni
White आज कविता जुल्मत-ए-सुबह से जग रही है पर सुंदर नहीं लग रही है न नहाने-खाने के कारण स्वतंत्रता के पुराने गाने गाने के कारण चिढ भी रही है वह। होकर नाराज़ नभ देख रही है और मैं उसकी आँखों में देखते-देखते दस बजे सजे पुस्तक-पन्नों के शब्दाें को फेसबुक; व्हाट्सएप; इंस्टाग्रामादि पर सजा रहा हूँ, "प्रसन्न बच्चों की आवाज़ें सर्वत्र गूँज रही हैं; सभी के लिए यह दिवा मेहमान है, पतंगों से सजा आसमान है, जिसकी ओर कविता का भी ध्यान है और उसकी ओर मेरा ध्यान है। लाल-पीली; हरी-नीली-पतंगें युद्ध-खेल खेल रही हैं अनंत आसमानी पानी और बादलों के बगीचे में मैंने देखा उन्हें कविता की आँखों से भरी पड़ी प्रत्येक छत है, प्रत्येक पतंग प्रतिस्पर्धा में रत है, कई किन्हीं इशारों पर नाच रही हैं, कई मुक्ति पाने-जाने के लिए छटपटा रहीं हैं, पिन्नी वाली फटी फटफटा रही हैं, कई मुक्त हुए जा रही हैं पश्चिम से पूर्व की ओर मस्ती में ठुमका लगाते हुए जा रही हैं अपने लक्ष्य की ओर तो कई कैदी बने रो रही हैं पक्के धागे के पिंजरे में, जिस प्रकार पक्षी (पतंग) अपने अंग-अंग को पटकते हैं पिजरे में बड़ी बेरहमी से फिर कविता की आँखों की नमी से पूछा मैंने कि क्या हुआ इससे आगे, क्या टूट गये वे सारे धागे? कविता ने कहा, "टूट ही जायेंगे कभी-न-कभी पतंगों के धागे, टूट ही जायेंगे कभी-न-कभी भिन्न-भिन्न रंगों के धागे। है आवश्यक अभी कि काश टूट जाते बुराई के धागे!!" . ...✍️विकास साहनी ©Vikas Sahni #पतंगों_के_प्रति आज कविता जुल्मत-ए-सुबह से जग रही है पर सुंदर नहीं लग रही है न नहाने-खाने के कारण स्वतंत्रता के पुराने गाने गाने के कारण चिढ
#पतंगों_के_प्रति आज कविता जुल्मत-ए-सुबह से जग रही है पर सुंदर नहीं लग रही है न नहाने-खाने के कारण स्वतंत्रता के पुराने गाने गाने के कारण चिढ
read more