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Shailendra Anand

#karwachouth Extraterrestrial life ््भावचित्र ््््् में एक जीवंत कलाकृति होती है धन्यवाद् कवि शैलेंद्र आनंद

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White रचना दिनांक ्19््10््2024््
वार ््शनिवार ्
समय सुबह ्््पांच बजे ््
्््निजविचार ््
्््भावचित्र ््््
्््शीर्षक ्््
्््भारतीय संस्कृति में समकालीन परिदृश्य में गुंथी हुई घटनाओं और परम्पराओं में  ,,
चंद्रमा से अपनी रूह में पति पत्नि परमेश्वर से दर्शन करने वाले ,
करवा पूजन चतुर्थी व्रत चन्द्रोदय व्यापिनी चतुर्थी है ्््

झिलमिलाते वस्त्र धारण करना और अपने आप में कुछ सपने बुनते हैं ,
जो खून से लथपथ हो प्यारा सा जीवन में एक दर्शन करने वाले चंन्द् माहौल में मस्त रहते हैं ।।
महिलाएं ही जिंदगी में पतिवृता वृत करने वाली करवा चतुर्थी व्रत चन्द्रोदय व्यापिनी चतुर्थी पर ,
चंद्र दर्शन करने वाले दर्शन में पति का स्वरूप में आंखें खोल कर देखें रही ,,
मनोकामनी दृश्य दृष्टि दृष्टिकोण से सजाया गया जिसे हम कार्तिक कृष्ण पक्ष चतुर्थी व्रत ,
चन्द्रोदय व्यापिनी से अपनी रूह को कंपकंपा देने वाली अग्नि परीक्षा प्रेम श्रद्धा प्यार समर्पण में ,
सिर्फ त्वमेव त्वमेव विद्या से पति और पत्नी दोनों के प्रेम शब्द से जन्मा विचार ही सुन्दर छबि ,
मनोमय प्यारी सी मुस्कान होंठ रख कर मधुर मुस्कान मन्द अधर में लटकी हुई ,
चन्द्रोदय में जीवन यापन कर रही है प्रेम शब्द में प्राणपण लफ्ज़ में समा गई है।।
 प्रेम की अन्तिम समर्पित करिष्यामि,,
 नमन वन्दंनीय ्््
भावचित्र छबि ही सुन्दर और सार्थक और सारगर्भित आलेख में जीवन जरूरी है।।
जो धरती पर साकार लोक में दर्शन भारतीय जनजीवन में कलासाहित्य में,
 मानसिक रूप से धार्मिक तर्क कथन, कथा साहित्य कोश किंवदंतियां प्रचलित है।।
 हमारे समाज सभ्यता संस्कृति में, समकालीन परिदृश्य में नजर आएंगी 
अदृश्य शक्ति दिव्यता कोटीश्यं नमन वन्दंनीय है।।
यही सच्चाई देखकर सहसा रुक गई तस्वीर छपी ,,
मेरे दिल के दरवाजे मन दर्पण दर्शन प्रेम में अटूट आस्था रिश्ते में,
 प्यार हो प्यारा सा जीवन फूलों से सजाया गया है।।
चित्र मानस में शास्त्र में प्रकाशवान में एक जीवंत प्रयास कला संस्कृति में गुंथी हुई धुन में,
 मगन मस्त प्यारा सा जीवन है।।
 अमृत बरसाता है प्रेम शब्द ही जिन्दगी में पहली से आखिरी सांस तक चलायमान है ,,
जीवन सार सार्थक निर्णय स्वप्रयास ही सुन्दर छबि है।।
्््््कवि शैलेंद्र आनंद ््
19,,,10,,2024््

©Shailendra Anand #karwachouth  Extraterrestrial life
््भावचित्र ््््् में एक जीवंत कलाकृति होती है धन्यवाद् कवि शैलेंद्र आनंद

seema patidar

आनंद पथ

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बहुत मित्र कभी नहीं होते 
मित्र जीवन में कम ही हो सकते है
पहचान बहुतों से हो सकती है
सहजता बहुतों से हो सकती है
पहचान दुनिया से हो सकती है
उससे कम लोगो से संबंध हो सकते है
उससे और कम लोगो से मित्रता हो सकती है
उससे और कम लोगो पर विश्वास हो सकता है
उससे भी और कम लोगो से प्रेम हो सकता है
ऐसा प्रेम स्थायी और अनंत होता है
जो जीवन की किसी परिस्थिति में समाप्त नहीं होता ।

©seema patidar आनंद पथ

Shailendra Anand

#navratri भक्ति संगीत कवि शैलेंद्र आनंद

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रचना दिनांक छ,,10,,,10,,2024
वार,,, गुरूवार
 समय सुबह ्््पांच बजे
््््निजं। विचार ््््
्््शीर्षक ््््
छायाचित्र में चल और अचल संपत्ति 
मान कर चल सकें,,
अकूत संपत्ति में वृद्धि सम्रद्धि चाहता हो,,
 प्यारा सा जीवन में मिला है,यह अनोखा आनंद
 जो मानवता पर जीना चाहता है ््््
मां का अष्टम भाव में स्थित निश्चल भाव से,
शारदीय नवरात्र पर्व काल में अश्विन मासे शुक्ल पक्ष
अष्टमी तिथि पर शरद रीतु श्रीमुख से निकलने वाली,,
 अग्नि परीक्षा प्रेम श्रद्धा प्यार समर्पण में सिर्फ,
 त्वमेव त्वमेव माता महागौरी शाक्म्बरी दैवीय ,
शक्ति दिव्यता कोटीश्यं नमन वन्दंनीय है।।
मां महागौरी में महालक्ष्मी का दर्शन पा जाऊं यही मेरी कामना है ,
जो धरती पर साकार लोक सेवा भाव समर्पित करिष्यामि,,
 एकादश भाव में निश्चल सत्य अदृश्य शक्ति दिव्यता में ,
एकादशी सुफल दायनी करिष्यामि नमन वन्दंनीय है।।।
मां यशोधरा यश तेजोमय दिव्य ज्योति प्रकट हो,,
अखण्ड दिव्य चक्षु खुल कर देख रही है।।
प्रेम मूर्ति प्रेम भूषण अज अनादि अनंत परिपूर्ण शब्दयोग,
 महान शब्द शिल्पी शिल्पकार मन मोह लेती हैं।।।
तुम जगत में एक स्वर में प्रेम गान में एक स्वर में कहा है,,
सबमें अनूठा प्रभावी है,
जो धरती से अपनी रूह में वक्त और हालात में,,
जिससे हम जीवन में कुछ लगन से कार्य करने वाले ,
अच्छे से अच्छे संबंध से जुड़ा हुआ महसूस होने लगे तो
 एक बार एक सार्थक प्रयास कर रहे हैं।।
मैं मां का स्वरूप में स्थित सोच में खोकर सपनो में,,
 प्यार में डुब चुका हूं अन्तर्मन से मां आप मेरे को सहारा देकर
 आत्म निर्भर बना सकती हो, मैं निर्धन व्यक्ति हूं।।
मां आपके श्रीचरणों में मुझे सीधे से आप अपने आप,
 कोई ऐसा काम कर मेरे कारज पूर्ण करो।।
 तूम मैं निर्रामूर्रख हूं,
 मां आप की शक्ति ही मेरी ताकत बन सके।।
 ऐसा कोई अभिप्राय ईश्वर से प्रार्थना मां मेरी चिंता आप दूर करो ,,
जो भी है वह सब कुछ तुम्हारे हवाले हैं।।
यह कथन सच्चाई है जिसे मैं जानता नहीं यह चुनौती हमारी,
अपनी रूह में गुजर रही है जो राह बनाई है।।
जिसमें मुझे सीधे से कोई राह दिखाई दे नहीं रही है ,,
आप ही जिंदगी में हो मेरी पहचान है यही आज है ,,
कल भी आपके श्रीचरणों में हूं काल के भाल पर जिंदगी है ,,
तुम्हारे हवाले श्री शैलेन्द्र आनंद जो चाहो,,
 वो करो आप मा में तेरा लाल हूं।।
्््भावचित्र ््
्््््कवि शैलेंद्र आनंद
10,,,,10,,,2024,,,

©Shailendra Anand #navratri  भक्ति संगीत
कवि शैलेंद्र आनंद

Shailendra Anand

#navratri भक्ति संगीत कवि शैलेंद्र आनंद

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रचना दिनांक,,,,9,,,,,10,,,,2024,,,
वार,,,, बुधवार,,,,
समय,,,, सुबह,,, पांच बजे,,
््््निज विचार ्््
,,,्््भावचित्र ््््
््््््शीर्षक ्््््
छाया चित्र में दिखाया गया शारदीय नवरात्र, के पर्व
  अश्विन मासे शरद काले रीतु में सतम दिवस,,
 मां कालरात्रि श्च चित्र में दिखाया गया,,
 रौद़स्वरुप में अखिल विश्व में,
अदभुद चित्र ही मानव जीवन में भी निखार आ रहा है
मृत्युलोक में कर्मलीला कर्मशील में,
नायक बम्हदेव ने मां भगवती दुर्गा पूजा चरण,
 सातवे दिन में कालरात्रि में आत्माओं का,,
विचरण अनेक निराले अंदाज में वायुमंडल में,,
 वीभत्स रूप से मां कौशकी दैवीय शक्ति,
 दिव्यता में रक्ताम्बरी असूरमंर्दृनी मां शब्द के रुप श्रंगार में,
 स्वर्ण रजत कांस्य प्रतिमा पर माल्यार्पण मुण्डमालाधारणीके,
किया गया ईश्वर दैवीय शक्तियों में कालिकायै नमः
के जयकारे लगाते मय्या तेरे व्दारे व्दारे ्््भावचित्र है
रणभूमि में आंखें तेज प्रचण्ड अग्नि सी ज्वाला सी,,
 सकल जगत में दूरात्माओ के भयमुक्ति में,
संत समागम भक्ति भाव में दर्शन करने वाले,
रुप स्वरुप में आकाश लोक से सप्तम श्रृषी मुनि ,
संन्यासी के तंत्र मंत्र यंत्र तंत्र तंत्रिकाओं से,
 सजाया गया साधक साधना तपस्या खुद से खूद में,
 खोकर हासिल सिध्दियां सिध्दि में मंत्रशक्ति ही,
आनंद करणी माता च पारवती देवी गन्धर्व नगरी,
 मध्यप्रदेश देवास में मां कालरात्रि मां चामुण्डा देवी के रूप में,
 एक जीवंत कलाकृति को परखना ही मां के दर्शन में ,
शैलेंद्र आनंद के निज विचार श्रीचरणों में अर्पित करते हुए,
 जीवन सफल बनाएं।। यही कामना है।।
 मेरी स्वरचित रचनाएं में मानव मात्र में जीवन यापन सफल बनाएं ,,
जीवन फूलों पर जिंदगी में एक स्वर पुकार ,
नाद ऐं क्लीं चामुण्डायै विच्चै नमः।। ््।।
्््््कवि शैलेंद्र आनंद ्््
9,,,10,,,2024,,,

©Shailendra Anand #navratri  भक्ति संगीत
कवि शैलेंद्र आनंद

Prabha Jakhar

जियो आखरी हो ।

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Prabha Jakhar

कहानी , जियो तो हर पल ऐसे जियो जैसे की आखिरी हो

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Shashi Bhushan Mishra

#सुख आनंद भलाई में#

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जज़्बातों   की   खाई में, 
फिसल गए चिकनाई में,

उऋण  नहीं  हो  पायेंगे,
उम्र    कटी   भरपाई में,

अपनापन  का   अंदेशा, 
फिसलन है इस काई में,

प्रेम प्यार सब भूल गए,  
झूठी   मान   बड़ाई में,

फैशन  के  युग में यारों, 
फर्क़  न  चाचा ताई में,

लालच लोभ बढ़े इतने, 
प्रेम  न   भाई  भाई में,

'गुंजन' ये महसूस हुआ, 
सुख आनंद  भलाई में, 
   --शशि भूषण मिश्र
     'गुंजन' प्रयागराज

©Shashi Bhushan Mishra #सुख आनंद भलाई में#

Shailendra Anand

#navratri भक्ति में लीन हैं ्््कवि््शैलेन्द़ आनंद

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रचना दिनांक26,,,,4,,,10,,,,2024
वार,,,,,,,,, शुक्रवार
समय,,,, दोपहर तीन बजे
््््निज विचार ्््
्््शीर्षक ्््
््भाव चित्र ््मैं छाया चित्र है शारदीय नवरात्र में मां के व्दितीय स्वरूप में मां का ब़म्ह चारिणी यानी आचरण में विचरण में,,
 देवत्व कलाओं में पारंगत विदूषीयो के सतत प्रवाह,
 मंत्र शक्ति दिव्यता कोटीश्यं नमन करते हैं।।
 प्रमाणितं ब़म्हकर्मसाक्ष्य श्रीविश्वामित्र अतुलतेजस्वी,
 चतुर्थ भाव भंगिमा इच्छा शक्ति से अर्जित किया गया,,
 मां गायत्री का स्वरूप और संरचना प्रयोग आराध्य देवी में ,
सम्पूर्ण जीवन में, बीजशक्ति मंत्र शक्ति अखण्ड दिव्य चक्षु संवरचना
निर्राकारंओकारं आत्मज्योतिनवपिण्ड धर्मश्रंखला में ,
महान् कार्य मां गायत्री मंत्र शक्ति सजृन धरा पर अवतरित मंत्र शक्ति से
 अर्जित किया गया ।।
ईश्वरीय वरदान से जन्मा विचार सच में अखिल विश्व में ,
गायत्री मंत्र जाप करने वाली शक्ति पात में ,
अनंत परिपूर्ण शब्दयोग ही सुन्दर छबि मनोमय प्यारी सी ,
मुस्कान होंठ पर रख दिया अमिट प्रेम शब्द से ,
जन्मा विचार ही मां शब्द का स्वरूप सौंदर्य ही आनंद है ।।
जो धरती पर साकार लोक में भ़मण करते हुए जीवन में मां का ब़म्हचारिणींतृतीयं स्कंद षष्ठी तिथि पर जिंदगी को बेहतर समझना जरूरी है ,,
क्योंकि धड़कनों में गुंथी हुई धुन पर जनमानस में ,
एकात्मकता समरुपता से सजाया गया है ।।
मां चामुण्डा देवी गन्धर्व नगरी मध्यप्रदेश देवास में,
 खुशहाली और उसके भाव भंगिमा दीप प्रज्जवलित,
 आत्मज्योतिनवपिण्डसाधक आनंद से सजाया गया है ।।
तुलजा भवानीविराजितं से जन्मा आत्म मंथन चिन्तन में,
 साधक साधना तपस्या में लीन रहते भक्ति से सजाया गया है।।
 मां महाकाली देवीय चमत्कारों से भरा हुआ,
 क्षैत्रपाल भैरव और बटुकभैरव क्षैत्रपाल,
 हनुमंत कपीसा क्षैत्रपालाय नमः ।।
यही सच्चाई देखकर सहसा जगत में ,
बिन ज्ञान सब कुछ अधुरा है ।।
जीवन सार सार्थक निर्णय स्वप्रयास ही सुन्दर छबि को,
 परखना सदगुरू बिना सब अधुरा है।।
्््््कवि शैलेंद्र आनंद ्््
4,,,,,10,,,,2024,,,,

©Shailendra Anand #navratri  भक्ति में लीन हैं
्््कवि््शैलेन्द़ आनंद

Shailendra Anand

#gandhi_jayanti अनमोल विचारक कवि शैलेंद्र आनंद

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White रचना दिनांक,,, 02,,, अक्टूबर,,,,2024,,,,
वार।  ,,, बुधवार,,,,
समय   काल   सुबह   पांच    बजे,,,,

््््निजविचार ्््
्््््शीर्षक ्््
््््छाया चित्र में दिखाया गया है आज चेहरे पर जिंदगी को बेहतर समझना जरूरी है ्््
रहा सवाल इन्सान का जो मानवता पर जिंदगी में जन्म दिवस और सर्व पितृ पक्ष मोक्ष अमावस्या की उपस्थिति होना आज के दिन 00,,,2 ,,,, 0,,,अक्टूम्बर,,,0,,,2024,,,
अपने आप में महत्वपूर्ण भूमिका में आ गया है ्््््
्््््भावचित्र ्््््
मानवता   का  पूजारी  एवं   लोकतंत्र  का  प्रहरी   का  जन्म   दिवस 
 सर्वश्री लाल बहादुर शास्त्री जी और  राष्ट्र पिता महात्मा गांधी जी का
 जन्म दिवस 0 2 देश की विभुतियों का 
जन्म चरित्र सत्य और अहिंसा के रूप में
 पूज्य से पूज्यनीय बना दिया गया है ।।
देश की दो ऐसी शख्सियत को परखना समझना आज के परिवेश माहौल में ््
देश में अवाम में खुशहाली और सपना पूरा करना और
 देश में धर्म और जाति सम्प्रदाय पर जिंदगी में ,
जाति और धर्म से प्रेम को बाटना और काटने का, 
 दूर्लभ कृत्य को परखना समझना बहुत जरूरी है।। 
महात्माओ  का जीवन दर्शन मार्गदर्शन करें ,
जनसेवा ही मानव सेवा में नज़र आ रही प्राणपण लफ्ज़ और उसकी उत्पत्ति में ,,
अवतार जन्म मृत्यु सत्य असत्य पर जिंदगी का आयना मजमा लगा हुआ,,
 सर्व धर्म समभाव निष्ठ का स्वरूप सर्व पितृ अमावस्या में ,
आंखें डालकर देख रहा आज का वास्ता उसका वर्तमान समय का परिवार ,
राष्ट्रभक्त संस्कारित परिवार शास्त्री और महात्मा गांधी का परिवार ,
और सकलराष्ट्र  ही सुन्दर मेरा परिवार जिंदगी है।।
चित्र में भाव सुझाव श्रद्धा सूमन हर्ष और उल्लास और,,
खादी ग्रामोद्योग और खादी का वास्ता राजतंत्र के खिलाफ ,
जन आंदोलन का वास्ता हैवान और शैतान को समझना ही सच्चा गांधी दर्शन है।।
यही सब धर्मों में समरुपता और जन्म दिवस और स्वतंत्रता सेनानीयों का स्वरूप ही लोकनायक गांधीजी का अलख जगाने वाले अच्छे लगते है कथन सच्चाई और ईमानदारी कर्म सिपाही महापुरुष को पढ़कर अभ्यास कर नवपीढी में ,
का दोहन शोषण हीसूविचार का प्रणेता ही आनंद है ।।
यही आज का दौर है और महामना श्री शास्त्रीजी और महात्मा गांधीजी का मौलिक सिद्धांत का स्मरण समर्पण भाव देवत्व प्राप्त कलात्मक अभिव्यक्ति श्रद्धांजलि अर्पित सर्व पितृ मोक्ष कारकं अमावस्या पर गंगा स्नान अंजलि तर्पण विधि करहु अजपा श्रैष्ठ अस्थि कलश में जल प्रवाहित करें जनसेवा ही मानव सेवा है।।
््््भावचित्र ्््््
्््््कवि शैलेंद्र आनंद ्््
,,02,, अक्टूबर 2024,,,

©Shailendra Anand #gandhi_jayanti  अनमोल विचारक कवि शैलेंद्र आनंद

anku rwt

#आनंद वहा नही जहां धन मिले

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