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Rajshi Raj
एक पंखे से किसी की उम्मिद, किसी का सहारा तो किसी का प्यार लटक रहा हैं । जरा और गौर से देखो, किसी चाँद की ख्वाही में माँ का सितारा लटक रहा हैं। ©Rajshi Raj माँ का सितारा #माँ का सितारा
माँ का सितारा #माँ का सितारा
read moreसूर्य प्रताप सिंह शक्तावत
आँखों से ओझल हो गया टूटा हुआ कोई तारा था, वह भी शायद मेरी तरह मोहब्बत का मारा था । टूट रहा होगा अंदर ही अंदर उसकी दगाबाज़ीयों से.. तो एक बार में ही टूटना इसने मुनासिब समझा । मोहब्बत का मारा एक सितारा....
मोहब्बत का मारा एक सितारा....
read moreShipra Pandey ''Jagriti'
सितारा सुनो..! अभी तुम मेरा साथ दो ना दो कोई बात नहीं, मैं कभी तुमसे शिकवा नहीं करूँगी, ना ही तुम्हारे संग ना होने का अफ़सोस, पर उस वक़्त तुम साथ रहना जब मेरे सितारे फ़लक पर हो, क्या पता अहं के वशिभूत हो गर्दिश में आ जाऊँ...? ज़मी पर संभालना हो तो मैं संभल जाऊँगी पर शिखर पर जाकर फिसलने का भय अत्यधिक रहेगा, तुम मत छोड़ना साथ मेरा, कृष्ण सा साथ देने मेरा मेरे अहं को मारने में..! बोलो तुम बनोगे मेरा सितारा..?? शिप्रा पाण्डेय 'जागृति' ©Kshipra Pandey #सितारा #WForWriters सितारा
#सितारा #WForWriters सितारा
read moreShipra Pandey ''Jagriti'
सितारा टूटते हुए सितारे को देखकर सोचा तेरे वास्ते इक दुआ माँगू फिर ख़्याल आया दे सकता अगर वो कुछ तो ख़ुद क्यूँ टूटता..!! शिप्रा पाण्डेय 'जागृति' ©Kshipra Pandey #सितारा #WForWriters सितारा
#सितारा #WForWriters सितारा
read morepramod malakar
बंजर भूमि का चमकता सितारा - 4 ******************************* डॉ सुनीता चाय पी रही थी और अपने पति रणवीर के बातों को सुन भी रही थी । पति के द्वारा बेटा अनुप के उज्ज्वल भविष्य के लिए नौकरी छोड़ने के लिए कहने पर सुनीता का हंसमुख चेहरा मुर्झा जाता है । रणबीर अपने पत्नी के चेहरे को ध्यान से देख रहा था , वह काफी बेचैन नज़र आ रही थी । यह सब देखकर रणबीर अपने बातों को बदलते हुए मजाकिया मूड में आ गया ........ और बोला ..... क्या बात है आज तुम बहुत खूबसूरत लग रही हो ! तुम्हारे काले - काले जुल्फें और सितारों सा चमकता तुम्हारे दोनो नैन .......ठंढ़ हवा , बरसात का मौसम ..............यह सब सुन कर सुनीता खिलखिला कर हंस देती है । बारिश भी धीरे - धीरे कम हो रही थी , हवा भी शांत हो चुका था । इधर बेटा अनुप अपने मां से बोलता है.....मम्मी खाना खाएंगे....यह सुनकर सुनीता पति से बोलती है....सुनिए न ......आज कहीं बाहर किसी रेस्टोरेंट में खाना खा लेते हैं ,अनुप को भी भुख लगी है...समय भी ज्यादा हो चुका है। अब खाना बनाने का भी दिल नहीं कर रहा है । डाक्टर रणबीर कहता है ....कहां चलना है...सुनीता .........किसी अच्छे रेस्टोरेंट में चलो......भगवान इन्द्रदेव हम दोनों पर मेहरबान हैं.........यह कहते हुए पति पत्नी दोनों आसमान कि ओर देखते हुए हाथ जोड़कर प्रणाम करते हैं । फिर दोनों पति-पत्नी एक साथ बोल पड़ते हैं.....इन्द्र देव जी आज हम दोनों पति - पत्नी फुर्सत में हैं......इसके लिए आप को बहुत - बहुत धन्यवाद । इतना कहकर गैरेज से कार निकालता है और दोनों अपने बेटे अनुप के साथ कार में बैठ कर शहर कि ओर खाना खाने के लिए चला जाता हैं । ************************ प्रमोद मालाकार की कलम से *************************** कहानी लगातार पेज -5 ©pramod malakar #बंजर भूमि का चमकता सितारा - 4
#बंजर भूमि का चमकता सितारा - 4
read moreKiran Tribhuvan
उम्मिद के सितारें पर घने काले बादल छा रहे हैं, एक आस थी उनकी मिलने की जो धीरे धीरे कम हो रही हैं || ©Kiran Tribhuvan उम्मिद का सितारा... #nojohindi #Hobby #Poet
उम्मिद का सितारा... #nojohindi #Hobby #Poet
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