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Neema Pawal
जब तक आप, दूसरों के पीछे भागते हो। आपकी अपनी जिंदगी, रुक सी जाती है। पर जब एक बार, आप लोगों के पीछे, भागना छोड़ देते हो। आपकी जिंदगी, सही मायने में, तभी रफ्तार पकड़ती है। और दुनिया की शतरंज, आपको बिल्कुल साफ नजर आती है। अब हर चाल का जवाब, जिंदगी पहले ही ले आती है। ©Neema Pawal #Chess
Bhushan Thakare
आम्ही जोडत जाऊ रोज नवीन पक्ष नवीन आघाडी मित्रपरीवार, नातीगोती तुम्ही तोडत रहा मुर्खांनो.. पक्षनिष्ठा, नेतृत्व ही कळकळ तुम्हालाच भारी आम्ही देऊ ते झेंडे तुम्ही फडकवत रहा मुर्खांनो.. ✍️भुषण ठाकरे ©Bhushan Thakare #Chess
Tarique Usmani
बहुत फ़र्क होता है ज़रूरी और ज़रूरत में... कभी-कभी हम सिर्फ ज़रूरत होते हैं ज़रूरी नहीं...😊 ©Tarique Usmani #Chess
Neha nh
White KARMA SAID Relations are like electric currents. Wrong connections will give you shocks throughout your life But the right ones light up your life ©Neha nh karmas sayings #Karma #Relationships #love❤
karmas sayings #Karma #Relationships love❤
read moreTej Pratap
कल तक जो सुकून से थे, गुस्सा -घृणा के आग आज, दिल में सुलगाए बैठे हैं। अनजाने में ही सही, पर खुद को कष्ट देने के, उपाय किए बैठे हैं। कुछ हासिल नहीं होता, गड़े मुर्दे उखाड़कर, वो बसे रिश्तें बिगाड़ने के, जुगाड किए बैठे है।। ©Tej Pratap #जिंदगी #Jindagi #शायरी #Chess
जिंदगी Jindagi शायरी Chess
read moreJyoti Sharma
शतरंज मे वज़ीर और ज़िंदगी मे ज़मीर, अगर मर जाए तो समझिए खेल ख़त्म..!! ©Jyoti Sharma #Chess #Quotes #Thoughts #Poetry #SAD #Shayari #Chess
Gujrat Diary
بچپن میں جب کوئی اخبار فروش گزرتے ھوئے یہ پکارتا تھا " *وطن* 3 روپے ،" *انقلاب* 2 روپے " *جنگ" 4 روپے ،" *عوام"1 روپے تو میں یہی سمجھتا تھا کہ وہ"اخبار" کی قیمت بتا رہا ہے منقول ۔ ©Gujrat Diary #Chess
HeartfeltWrites_
"Believe you can, and you're halfway there." ©silent_03 #Chess #motivatedthoughts
फिरोज़
जिंदगी का खेल कुछ शतरंज जैसे है चोकन्ना ना रहो तो जिंदगी का खेल समझो खत्म... ©फिरोज़ #Chess #firoz_ki_kalam_se
Ram Yadav
राह-ए-दूर-ए-इश्क़ में रोता है क्या आगे आगे देखिए होता है क्या क़ाफ़िले में सुब्ह के इक शोर है या'नी ग़ाफ़िल हम चले सोता है क्या सब्ज़ होती ही नहीं ये सरज़मीं तुख़्म-ए-ख़्वाहिश दिल में तू बोता है क्या ये निशान-ए-इश्क़ हैं जाते नहीं दाग़ छाती के अबस धोता है क्या ग़ैरत-ए-यूसुफ़ है ये वक़्त-ए-अज़ीज़ 'मीर' उस को राएगाँ खोता है क्या 🙏🏻 मीर तकी मीर🙏🏻 ©Ram Yadav #Chess