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नवनीत ठाकुर
White जिन्दगी के खेल में जीत जरूरी नहीं, बस हर बाज़ी में अपना ईमान कायम रखो।" चलो दुनिया से अलग अपनी अदाकारी रखो। हर मोड़ पे रास्ते आसान नहीं होते, ज़िंदा रहना है तो दिल में हिम्मत भारी रखो।" जीवन के सफ़र में हरदम हौंसला रखो। लहरें आएंगी पर बाढ़ से डरना नहीं, अगर जीतना है तो हिम्मत की कश्ती सँभाल कर रखो।" ©Navneet Thakur जीवन के सफ़र में हरदम हौंसला रखो। लहरें आएंगी पर बाढ़ से डरना नहीं, अगर जीतना है तो हिम्मत की कश्ती सँभाल कर रखो।"
जीवन के सफ़र में हरदम हौंसला रखो। लहरें आएंगी पर बाढ़ से डरना नहीं, अगर जीतना है तो हिम्मत की कश्ती सँभाल कर रखो।"
read moreअपनी कलम से
White प्रेम में अक्सर हीं आदमी बेचारा हो जाता है || ........... ©अपनी कलम से #love_shayari Kavi Himanshu Pandey silence quotes (सवाल आपके भी मन में विचरण कर रहे होंगे कि कैसे जवाब कुछ पंक्तियों द्वारा Caption में पढ
#love_shayari Kavi Himanshu Pandey silence quotes (सवाल आपके भी मन में विचरण कर रहे होंगे कि कैसे जवाब कुछ पंक्तियों द्वारा Caption में पढ
read moreMAHENDRA SINGH PRAKHAR
मुक्तक :- करके सुख का त्याग , बना देखो वह सैनिक । थाम तिरंगा हाथ , नहीं वह होता पैनिक । इस जीवन में प्यार , नही होगा दोबारा । लेता है यह कौल , देश का सैनिक दैनिक ।। ये भी हैं इंसान , हृदय इनके भी होते । यह मत सोचों आप , चैन से सैनिक सोते । कुछ मत पूछो याद ,उन्हें जब घर की आती- किसी किनारे बैठ , सिसक कर वह भी रोते ।। लिए तिरंगा हाथ , बढ़े सैनिक जब आगे । बढ़े देश की शान , खौफ़ से दुश्मन भागे । ऐसे वीर जवान , देश में मेरे अपने- सुनकर दुश्मन आज, रात भर अपना जागे ।। मुझ सैनिक के पास , बहन की राखी आयी । देख उसे अब आज , याद वैशाखी आयी । बहनों का ही प्रेम , जगत में सबसे ऊपर - यही दिलाने याद , घरों की पाती आयी ।। अब भी है उम्मीद , बहन राखी का तेरी । आ जाये जब याद , भेज दे राखी मेरी । तेरा भैय्या आज , दूर सरहद पर बैठा- क्या है तू मजबूर , हुई जो इतनी देरी ।। जिनको दिया उधार , कहीं न नजर वो आते । जग में ऐसे लोग , तोड़ देते हैं नाते । मानो मेरी बात , दूर अब रहना इनसे- ये है काले नाग , समय पाकर डस जाते ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR मुक्तक :- करके सुख का त्याग , बना देखो वह सैनिक । थाम तिरंगा हाथ , नहीं वह होता पैनिक । इस जीवन में प्यार , नही होगा दोबारा । लेता है यह कौ
मुक्तक :- करके सुख का त्याग , बना देखो वह सैनिक । थाम तिरंगा हाथ , नहीं वह होता पैनिक । इस जीवन में प्यार , नही होगा दोबारा । लेता है यह कौ
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