Nojoto: Largest Storytelling Platform

New कट्यार सारखे एक शस्त्र Quotes, Status, Photo, Video

Find the Latest Status about कट्यार सारखे एक शस्त्र from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, कट्यार सारखे एक शस्त्र.

Stories related to कट्यार सारखे एक शस्त्र

Ekta Singh

एक सदा

read more
White मन पे दस्तक बार बार हो रही 
मानो दूर से कोई सदा आ रही

©Ekta Singh एक सदा

Shashi Bhushan Mishra

#एक-एक कर चले गए#

read more
एक-एक  कर  चले गए,
बारी  बारी    छले   गए,

दो पाटन के बीचों-बीच,
जितने थे  सब दले गये,

गर्म तेल से भरी कराही,
गिरे तो समझो तले गये,

शोक और दुःख से यारों,
फ़ुरसत  लेकर भले गये,

वक्त रेत सा फिसल गया,
हाथ  अंत  में  मले   गये,

अपनी  आंखों  के  आगे,
टूटा  भ्रम  दिलजले  गये,

संभल नहीं पाया 'गुंजन',
दल-दल में  मनचले गये,
-शशि भूषण मिश्र 'गुंजन'
      प्रयागराज उ०प्र०

©Shashi Bhushan Mishra #एक-एक कर चले गए#

gaTTubaba

एक उम्र

read more

Madhusudan Shrivastava

एक खयाल

read more

Ekta Singh

एक प्रसंसा

read more
White कहानी पर आपकी पकड़ बहुत मज़बूत है।
इस बात को मैं शुरू से ही मानता हूं, आपकी कहानी पूर्णतया अर्थपूर्ण होती है।
क्योंकि, इसमें आपको कुदरती महारत हासिल है।
मैंने महसूस किया है कि अगर कहानी में कहीं कुछ कमी रह भी जाती है तो आपका दमदार प्रस्तुतीकरण उस कमी को दबा देता है। सुनने वाले का ध्यान न सिर्फ़ आपकी कहानी पर केंद्रित होता है। बल्कि उसका 50% आपके प्रस्तुतीकरण पर भी स्वत: ही केंद्रित हो जाता है।
भावनाओं से परिपूर्ण कहानी हमेशा हृदय तल को छू जाती है। और हमें हमेशा के लिए याद रह जाती है, कि कहीं कभी हमने कोई कहानी सुनी या पढ़ी थी। जिस से उस व्यक्ति के हृदय में अमर हो जाती है लेखक की याद,, जो कि हमेशा, जीवन भर पढ़ने वाले या सुनने वाले के हृदय में अपना स्थान बनाए रखती है।
मेरा मानना है की कहानी का विषय या प्लाट कुछ भी हो, कैसा भी हो। किंतु, उसमें कोई संदेश अवश्य हो। भावनाओं का हिलोरे लेता एक ऐसा असीम सागर भी महसूस हो, जो श्रोता या पाठक के ह्रदय को तृप्ति प्रदान करता हो। 
कविता रूप में लिखी गई आपकी ये कहानी भी हृदय स्पर्शी है। भावनात्मक है।आप हमेशा अच्छा लिखें, लिखती रहें। ईश्वर से यही प्रार्थना है।

©Ekta Singh एक प्रसंसा

हिमांशु Kulshreshtha

एक दिन..

read more
White एक दिन
जो कभी गुजार पाऊँ
तुम्हारे साथ..
किसी झील के करीब
दूर से आता देख तुम्हें
इंतजार की पीढ़ा भूल
हाथ उठा कर बुला लूँ
तुम्हें नज़दीक
तुम्हारे हाथ बढाने
और मेरा हाथ थाम
देखते रहें एक दूसरे की आँखों में
ख़ामोश रहें होंठ
बातें आँखों से कर लें हम
जी लें उन चंद पलों में
एक पूरा जीवन
इस क़दर ख़ामोशी दिल की
धड़कन सुन पाएं एक दूजे की हम
ख्वाहिश छू लेने की
एक भीगे से चुम्बन की
महज ख्वाहिश, अधूरी, अनुत्तरित

©हिमांशु Kulshreshtha एक दिन..

mehar

#एक मुलाकात

read more
आज की ख्वाहिश की बस तुमसे मुलाकात हो जाए।
बस एक नजर का दीदार नसीब हो जाए
बस देख लू ,मै तेरी आंखों में वो सब जो, तुम लबों से कह न पाए।
बस तुम से एक मुलाकात हो जाए
चाहे तुम कुछ कहो न  कहो ,
खामोश ही सही बस नजरो से नजरो 
की बात हो जाए ।
आज बस तुम से एक मुलाकात हो जाए।।

©mehar #एक मुलाकात

Anju Dubey

एक यात्रा

read more
कुछ ही देर में प्रयागराज के पुल के ऊपर ट्रेन  गुजरने वाली थी
मैं भी खिड़की पर नज़रें टिकाए नीचे संगम नदी का इंतजार कर रही थी मेरे बगल में एक दस साल की लड़की बैठी हुई थी वो भी खिड़की की तरफ ही देखती जा रही थी
इतनी देर में उसके पापा एक पांच का सिक्का निकालते हैं उसे देते हुए कहते हैं बेटा नदी आएगी उसमें डाल देना अब नदी आने वाली होती  ही  है 
हमारी बोगी एक में महिला आती है उसके बाद छोटा बच्चा होता है और वह कहती है मां कुछ दे दो बाबा दे दो यह नजारा बहुत ही अद्भुत था मैं इसका इसका शब्दों में बयां नहीं कर सकती  ऊपर ट्रेन गुजर रही है नीचे हमारी संगम नदी बह रही है और एक महिला  छोटे से बच्चे के साथ कुछ जो चलने में असमर्थ थी दस साल की बच्ची के हाथों में पांच का सिक्का
जैसे ही उसने फेंकने के लिए हाथ बढ़ाया  उस महीला ने बोला कुछ दे दो बेटा दुआ लगेगी
  उस बच्ची ने  सिक्का उस महिला को दे दिया और चुपचाप बैठ गई वह महिला खुश होकर इतनी सारी दुआएं देकर चली गई उसे बोगी में बैठे लोग उस लड़की को गर्व की नजरों से देखने लगे और उनसे मैं भी एक थी

©Anju Dubey एक यात्रा

हिमांशु Kulshreshtha

एक दिन...

read more
White एक दिन
शायद …
खत्म होगा इंतजार…
बहु प्रतीक्षित इंतजार.!!!!

©हिमांशु Kulshreshtha एक दिन...

Prakash writer05

सुनो द्रोपदी शस्त्र उठा लो, अब गोविंद ना आएंगे...l छोड़ो मेहंदी खड़ग संभालो खुद ही अपना चीर बचा लो द्यूत बिछाए बैठे शकुनि, मस्तक सब बिक जा

read more
White सुनो द्रोपदी शस्त्र उठा लो, 
अब गोविंद ना आएंगे...l

छोड़ो मेहंदी खड़ग संभालो
खुद ही अपना चीर बचा लो
द्यूत बिछाए बैठे शकुनि,
मस्तक सब बिक जाएंगे

सुनो द्रोपदी शस्त्र उठालो, 
अब गोविंद ना आएंगे...|

कब तक आस लगाओगी तुम, 
बिक़े हुए अखबारों से,

कैसी रक्षा मांग रही हो दुशासन दरबारों से
स्वयं जो लज्जा हीन पड़े हैं

वे क्या लाज बचाएंगे
सुनो द्रोपदी शस्त्र उठालो अब गोविंद ना आएंग...l

कल तक केवल अंधा राजा, अब गूंगा-बहरा भी है
होंठ सिल दिए हैं जनता के, कानों पर पहरा भी है

तुम ही कहो ये अश्रु तुम्हारे,
किसको क्या समझाएँगे
सुनो द्रोपदी शस्त्र उठालो, अब गोविंद ना आएंगे...l

©Prakash writer05 सुनो द्रोपदी शस्त्र उठा लो, 
अब गोविंद ना आएंगे...l

छोड़ो मेहंदी खड़ग संभालो
खुद ही अपना चीर बचा लो
द्यूत बिछाए बैठे शकुनि,
मस्तक सब बिक जा
loader
Home
Explore
Events
Notification
Profile