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Stories related to subah ko sham likhti hu shayri 0

Alamsingh Choungad

subah ka najara

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Anil gupta

White 
"सवेरा हुआ, जैसे आसमान ने सुनहरे रंगों की चादर ओढ़ ली हो। हर बूँद में बसी है उम्मीद, हर किरण में छुपा है नया सपना। चलो, इस नयी सुबह की बाहों में खुद को समर्पित करें, जहाँ हर पल एक नई कहानी लिखने का अवसर है।"
शुभ प्रभात ।

©Anil gupta #GoodMorning 
#Subah

PAWAN GUPTA

#Dhalti Hui Sham

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White Aa Beth Mere Pass Kuchh Der Dhalti Hui Sham Ko Dekhte Huye 
Hamara Rishta Bhi Kuch Aisa Hi Ho Dhalti Hui Sham Ki Tarah 
Fir Ek Nai Subha Hogi
Naya Din Hoga Nai Bat Hogi 
Hamare Jeevan Ki Tarhe....

©PAWAN GUPTA #Dhalti Hui Sham

faizan mansoori

me kisi ko Bata nahi sakta hu #sadsahayari

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White Mera waqt is kadar karab chal raha Hai me kisi ko Bata nahi sakta

©faizan mansoori me kisi ko Bata nahi sakta hu
#sadsahayari

Anushka

0$(_(&($

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*#_@_#*

#Ek sham

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White हर दिन इंतज़ार एक शाम का... 
हर रात पैरहन, उलझन, वेदना और भी बहुत कुछ, 
फिर हर सुबह सबकुछ रखकर किनारे 
चल देना किसी ऐसे सफर पर, 
जिसकी मंज़िल फिर से वही अनमनी शाम है, 
जिसके पहलू में वक्त है, लेकिन जरा सा, 
आंखें हैं थोड़ी बुझी सी, स्मृतियाँ हैं कुछ धुंधली - सी
स्वप्न नहीं है लेकिन राख है, 
बात नहीं है लेकिन याद है, 
उम्मीद है या नही, ठीक से नहीं कह सकते
लेकिन जैसे हैं उम्र भर ऐसे भी नहीं रह सकते, 
फिर भी अब स्वप्न की चाह नहीं, 
सच कहें तो, कोई राह नहीं, 
आंसू बहते हैं तो पोंछ लेती हूँ, 
सांसों से बगावत कर लूँ यहाँ तक सोच लेती हूँ, 
लेकिन फिर.... 
कुछ नहीं... 
कहीं कुछ भी नहीं... 
न आस, न विश्वास न इच्छा न प्रयास 
अब डर भी 1[ लगता,
न कुछ कहने की इच्छा ही है 
अपनों से नहीं तो गैरों से क्या शिकायत हो, 
मन के थक जाने के बाद कैसे बगावत हो, 
विरोध के लिए सामर्थ्य चाहिए, 
बहस के लिए शब्द, और तर्क 
भावना का कहीं कोई महत्व नहीं, 
वह सर्वत्र तिरस्कृत ही होती है, 
और मुझमें तो सदैव से भावना ही प्रधान है
फिर तर्क कहाँ से लाऊँ, 
इसलिए मैने चुन लिया है अश्रुओं से सिंचित मौन को 
बोलने दो इस संसार को, 
होता है तो होने दो परिहास 
प्राणों का, मन का, और अंततः आत्मा का भी....





_sneh 




..................

©*#_@_#* #ek sham

RJ VAIRAGYA

#sad_quotes #sham #rjharshsharma sad poetry

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White सुब्ह बिछड़ कर शाम का व'अदा शाम का होना सहल नहीं
उन की तमन्ना फिर कर लेना सुब्ह को पहले शाम करो

©RJ VAIRAGYA #sad_quotes #sham #rjharshsharma sad poetry

Dr. Nishi Ras (Nawabi kudi)

Upcoming Book #EscapeEvening #Gum #sham #Din #mehnat

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Mohd aslam

Dil ko chulene wali shayri 🔥💯

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R. Mohani

#Ek Sham bazaar

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