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Diwan G
रात भर इक चाँद का साया रहा, कि बनके वह मेरा हमसाया रहा। मैंने दीदार किया अपने चाँद का, मेरा चाँद मुझसे ही लज्जाया रहा। ©Diwan G #साया #हमसाया #चाँद #दीदार #लज्जा
writer Sunita.
*मणिपुर पर लिखी गई कविता* त्रस्त हो रही है, तू मौन साधे, देख स्वयं तू ही हथियार है। नाव की तेरी पतवार नहीं, कश्ती का तू ही कर्ण है। भारत मां को तूने ललकारा, मणिपुर में नंगा नाच नचाया। मर्द है तू महिषासुर मत बन, तेरे घर में भी महिषासुरमर्दिनी है। मर्द है तो मर्दानगी दिखा, वीरता की फतेह लहरा। बेटी का जन्म अभी श्राप नहीं, बेटी तो राक्षसों का संहार है। पद्मावती हूं, लज्जा को ना बेचती, सदियों से युद्ध पर जय पाई हूं। नारी जाति को ललकारता तू, नपुंसकता की पहचान है। बेटी हूं, मां हूं, बहन हूं, तेरे आंगन की लक्ष्मी हूं, खामोशी को ओढ़े ज्वालामुखी का सैलाब हूं। मैं झांसी की रानी, काली का अवतार हूं, अग्नि परीक्षा मैंने दी, मैं सत्यानंदस्वरुपिणी हूं। कभी तूने मन को नौंचा, कभी आबरू को तहस-नहस कर दिया। आज फिर तूने मणिपुर के भरे बाजार में मुझे नंगा कर दिया। ना समझ तू, मैं खामोश हूं, देख तेरा विनाश हूं। ललकार रहा है, तू बार-बार, आबरू नौचने वाला तू हैवान है। सदियों से हारता आ रहा है, आज भी तू हारेगा। नारी सशक्तिकरण कमजोर नहीं, आदिशक्ति नारी को प्रदान है। Writer Sunita D/o MLA ©writer Sunita. #Navraatra #Nojoto writer Sunita नारी लज्जा का गहना नहीं, आदि शक्ति है।
#Navraatra writer Sunita नारी लज्जा का गहना नहीं, आदि शक्ति है।
read moreMurari Shekhar
*शेष नीचे पढें 👇 जहां खजुराहो मंदिर में प्रेमपूर्ण वासना के चित्रकला को खुली आंखों के द्वारा देखी जाती है । वहां लिंग के साथ भेदभाव व जबरद
read moreNiraj Srivastava
लज्जा #NirajKiKalamSe #नीरज_श्रीवास्तव #niraj_srivastava_motihari #niraj #niraj_srivastava #niraj_motihari #niraj_kavi thoughts saumya Jain
read moreAjit Kumar
# मणिपुर हिंसा-कल तक केवल अँधा राजा,अब गूंगा बहरा भी है स्वयं जो लज्जा हीन पड़े हैं वे क्या लाज बचायेंगे सुनो द्रौपदी शस्त्र उठालो अब गोविंद
read moreshamawritesBebaak_शमीम अख्तर
White *मुखलिस सनम की अदना हसरत लिए हुए, बालो मे चांदी आ गई कसरत लिए हुए//१ मै जी रही खुद्दारी मे हिकमत लिए हुए, हाजिर हुं*हक़ बात की हुज्जत लिए हुए//२. अपनों के फरेबो की अजियत लिए हुए, के जी रहे हो जैसे गुरबत लिए हुए//३. उस तलखिया के*तलख आघात लिए हुए, वो भी न खुश रहा के*मसररत लिए हुए//४ बेशुमार दिलबरा,खुदकशी की हरकत लिए हुए, मुन्तज़िर है एक मुखलिस*माजरत लिए हुए//५ दिल थक गया बहुत सी हैरत लिए हुए, "शमा"हो गई हैरा मुखलिसे*गैरत लिए हुए//६ #shamawritesbebaak ©shamawritesBebaak_शमीम अख्तर मुखलिस*माजरत लिए हुए//५... *माफी दिल थक गया बहुत सी हैरत लिए हुए,"शमा"हो गई हैरा मुखलिसे*गैरत लिए हुए//६.... *लज्जा #shamawritesbebaak #wri
मुखलिस*माजरत लिए हुए//५... *माफी दिल थक गया बहुत सी हैरत लिए हुए,"शमा"हो गई हैरा मुखलिसे*गैरत लिए हुए//६.... *लज्जा #shamawritesBebaak wri
read morePreety
#MyFavouritePoetrySeries #Part1 #pushpyamitraUpadhyay सुनो द्रौपदी शस्त्र उठा लो Ab गोविंद ना आयेंगे छोड़ो मेहंदी खड़ग सम्भालो खुद ही अपन
read moremithiladarshini
प्रस्तुत है जयशंकर प्रसाद जी की कालजयी रचना या यूं कहें मानव जाति के उद्भव एवं विकास का विश्लेषण करती रचना "कामायनी" के लज्जा सर्ग का अंश "न
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