Nojoto: Largest Storytelling Platform

New चाहता हूँ देश की धरती Quotes, Status, Photo, Video

Find the Latest Status about चाहता हूँ देश की धरती from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, चाहता हूँ देश की धरती.

Stories related to चाहता हूँ देश की धरती

ANJANA MALI

#Sad_Status दिल चाहता हैं

read more

cldeewana

#love_shayari गंदी हो गई देश की नदिया

read more

PHQuotes

#good_night Title - "मैं एक दिन सिर्फ अपने लिए खुशी से जीना चाहता हूँ। # 'दर्द भरी शायरी'

read more
White "मैं एक दिन सिर्फ अपने लिए खुशी से जीना चाहता हूँ।
मैं एक दिन खुद से बात करना चाहता हूँ।
मैं एक दिन अपनी शिकायतें खुद से करना चाहता हूँ और खुद के साथ जोर से हंसना चाहता हूँ।
मैं एक दिन जोर से खुद के सामने रोना चाहता हूँ।
मैं अपने दर्द को खुद से साझा करना चाहता हूँ।
मैं एक दिन सिर्फ अपने लिए जीना चाहता हूँ।"

©PHQuotes #good_night Title - "मैं एक दिन सिर्फ अपने लिए खुशी से जीना चाहता हूँ।
# 'दर्द भरी शायरी'

Sumit Kumar

अपना देश..

read more

Jansurajharnaut

देश की राजनीति की निडिल घुमाकर बिहार की तरफ कर देंगे | Prashant Kishor | JanSuraaj | Shorts #jansuraaj #prashantkishor #digitalyoddha

read more

Jansurajharnaut

देश की राजनीति की निडिल घुमाकर बिहार की तरफ कर देंगे | Prashant Kishor | JanSuraaj | Shorts #jansuraaj #prashantkishor #digitalyoddha

read more

Sumit Kumar

तू धार है नदियाँ की मैं तेरा किनारा हूँ..

read more
White "नदियाँ" स्त्रीलिंग क्यों?

"सागर" पुल्लिंग क्यों?

ये समझ गए तो

 स्त्री और पुरुष के मन को समझ जाओगे..

©Sumit Kumar तू धार है नदियाँ की मैं तेरा किनारा हूँ..

MAHENDRA SINGH PRAKHAR

ग़ज़ल :- माँग तेरी मैं सज़ाना चाहता हूँ  हाँ तुझे अपना बनाना चाहता हूँ  राह उल्फ़त की बनाना चाहता हूँ  प्यार हर दिल में बसाना चाहता हूँ  आप बिन

read more
ग़ज़ल :-
माँग तेरी मैं सज़ाना चाहता हूँ 
हाँ तुझे अपना बनाना चाहता हूँ 
राह उल्फ़त की बनाना चाहता हूँ 
प्यार हर दिल में बसाना चाहता हूँ 
आप बिन तो इस जहाँ में कुछ नही है 
बात मिलकर ये बताना चाहता हूँ 
दो कदम जो साथ मेरे तुम चलो तो 
इक़ नई दुनिया दिखाना चाहता हूँ 
रोते-रोते रात सारी कट गई यह 
भोर तक तुमको हँसाना चाहता हूँ 
ख़्वाब में आकर करोगे तुम परेशां
नींद पलको से हटाना चाहता हूँ 
बिन तुम्हारे जो गुजारी है यहाँ पर
उसकी हर कीमत चुकाना चाहता हूँ 
भूलकर बातें पुरानी आज तुमको
मैं गले अपने लगाना चाहता हूँ 
फिर न तोड़े कोई ये बंधन वफ़ा का
इस तरह रिश्ते निभाना चाहता हूँ ।
महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR ग़ज़ल :-
माँग तेरी मैं सज़ाना चाहता हूँ 
हाँ तुझे अपना बनाना चाहता हूँ 
राह उल्फ़त की बनाना चाहता हूँ 
प्यार हर दिल में बसाना चाहता हूँ 
आप बिन

nishu dubey

देश भक्ति

read more

पूजा सक्सेना ‘पलक’

#happy_independence_day नमन देश की मिट्टी को किसलिए.... तो इसलिए कि आज देश से हम हैं। भारत हमारी आन बान मान शान सब कुछ हैं जय हिंद की धरती आ

read more
loader
Home
Explore
Events
Notification
Profile