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Satish Kumar Meena
हमारे ज़माने में तो हमारे जमाने में तो बिमारियों को जानते भी नहीं थे जो अभी किसी भी समय में आपात कालीन स्थिति को उत्पन्न करती है, खानपान और आचार विचार और व्यवहार ये सब बीमारियों की दवा थे जो अब नहीं है। ©Satish Kumar Meena हमारे जमाने में
हमारे जमाने में
read moreJansurajharnaut
हम बिहारी अपमान का बदला आदर से लेंगे #jansuraaj #prashantkishor #digitalyoddha
read moregaTTubaba
White सियासतें तबाह करते हैं गद्दार अक्सर वरना दुश्मनों से वाकिफ तो हर कोई होता हैं ©gaTTubaba #Hope सियासतें तबाह करते हैं गद्दार अक्सर वरना दुश्मनों से वाकिफ तो हर कोई होता हैं
#Hope सियासतें तबाह करते हैं गद्दार अक्सर वरना दुश्मनों से वाकिफ तो हर कोई होता हैं
read morePraveen Jain "पल्लव"
White पल्लव की डायरी हँसी झिठौली बचपन की लोरी कहानी दादी की गायब है मन की मस्ती,आंगन की मिट्टी बेसिक खेल परवान नही अब चढ़ते है मन भारी स्कूलों के बस्तों से चौखट तीन साल से उनकी चढ़ते है है सिर्फ किताबी ज्ञान नैतिकता संस्कार किसी पे नही चढ़ते है सिर्फ एक नॉकरी पाने,होड़ लगी है सर्टिफिकेट गले लगते है रिश्ते नाते धर्म कर्म सब स्वाहा जंग ऐसी जीवन से हम सब लड़ते है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #fathers_day जंग ऐसी हम जीवन से लड़ते है #nojotohindi
#fathers_day जंग ऐसी हम जीवन से लड़ते है #nojotohindi
read moreबेजुबान शायर shivkumar
किसी कि महफ़िल में लूटे हम भी हैं किसी कि कहानी में झूटे हम भी हैं, ये ना सोचो कि सिर्फ़ बर्बाद तुम्हीं हो इस हादसे से तो न छूटे हम भी हैं, मुस्कुरा रहे हैं तो दिख रहें खुश सभी को वरना अंदर से टुकड़े टुकड़े टूटे हम भी हैं, आज तक चुप थे उनके डर से मगर आज मगर खुल कर फूटे हम भी हैं, भले ही कद्र ना हो आज उन्हें हमारी किसी के बंगले के गुल-बूटे हम भी हैं, हमें शिकायतें सिर्फ़ उन से ही नही हैं रूठी रूठी ज़िंदगी से तो रूठे हम bhi hai ©बेजुबान शायर shivkumar किसी कि #महफ़िल में लूटे हम भी हैं किसी कि #कहानी में झूटे हम भी हैं, ये ना सोचो कि सिर्फ़ #बर्बाद तुम्हीं हो इस #हादसे से तो न छूटे
Asad_Poetry_25
कभी जो तुमको फुर्सत मिले,,, ज़माने से इजाजत मिले,, जुबान पे मेरा नाम फिसले,,प्रेम का फिर कहीं दिया जले,, निगाहों से जब दरिया निकले,,या मेरे जैसा कोई न मिले,, तो लौट आना तुम मुहब्बत की अपनी दुनिया में... जहाँ निगाहों में मेरी सिर्फ ख्वाब तुम्हारा था,, साँसों की माला पे सिर्फ नाम तुम्हारा था,, लबों ने सिर्फ तुम्हे ही पुकारा था,, गैरों की महफ़िल में तू ही हमारा था,, वक़्त गुजरा,, उम्र गुजरी, खत्म न कभी इंतजार हुआ,, कुछ भी नहीं बदला,, बदला सिर्फ जमाना है.. है वही पुरानी मुहब्बत,, चाहत का वही फ़साना है.. निगाहे जिन्हें पल पल ढूंढे,, इनका आज भी तू ही निशाना है.. तेरे घर की गलियों में,, आज भी आना जाना है.. जीत हुई मुहब्बत की मेरी,, हरा देखो जमाना है.. कभी जो तुमको फुर्सत मिले....... ©Asad_Poetry_25 सब्र रखते है बड़े ही सब्र से हम... वरना तेरे इंतेजार के लम्हे जानलेवा है... #asad_poetry_25 #ishq #Shayari poetry
सब्र रखते है बड़े ही सब्र से हम... वरना तेरे इंतेजार के लम्हे जानलेवा है... #asad_poetry_25 #ishq Shayari poetry
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