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seema patidar
बहुत मित्र कभी नहीं होते मित्र जीवन में कम ही हो सकते है पहचान बहुतों से हो सकती है सहजता बहुतों से हो सकती है पहचान दुनिया से हो सकती है उससे कम लोगो से संबंध हो सकते है उससे और कम लोगो से मित्रता हो सकती है उससे और कम लोगो पर विश्वास हो सकता है उससे भी और कम लोगो से प्रेम हो सकता है ऐसा प्रेम स्थायी और अनंत होता है जो जीवन की किसी परिस्थिति में समाप्त नहीं होता । ©seema patidar आनंद पथ
आनंद पथ
read moreShailendra Anand
White रचना दिनांक,,10,,,10,,,2024,, वार,, गुरुवार समय,, सुबह ्््पांच बजे ्््निज विचार ््् ्््मां चामुण्डा से प्रार्थना मेरी ््् मैं जलचर रजनीचर तल वितल , रसातलमें पहुंच चुकी हूं,, मां भवानी नरमुंडधारिणी मां चामुण्डेश्वरी , जीव चराचर इस जगत में, ।। 1।। मनोहारणी आनंदकरणी जाने अंजाने, मां शब्द में मैं तेरा अनौखा सा खिलौना हूं।। 2।। मैं मिथला की जनकनंदिनी मां जगदिश्वरी, त्रैलोक्य विजय प्राप्त मर्यादा पुरुषोत्तम दशरथनंदन नाम है,,, सुंदर करुणा निधान अवधेश नरेश सदग़ंन्थ में है ।। 3।। मैं रथसारथी मन की फिरकनी फैरते, पल क्षण क्षणिका के एहसास से तू ही जिंदगी है,, और मैं मिट्टी का एक पूतला हूं।। 4।। मांं तेरी श्वासो में मै रचता बसता हूं, शब्दों की प्रेम सुधा में लिपटा , जीवन रस के पल प्रतिपल में ,, प्रेम गान संगीत पान अमृत बरसाता जीवन में,,।।5 ।। प्रेम रस माधुर्य मै रस गंध सुंगन्ध ,लेकर आयी,, मां तेरे जयकारे लगाते है मांई के व्दारे व्दारे।।6 ।। मन उदास है मांई मेरा तो हे मांई,, कुछ तो करो,ये अरज हमारी पहचान है मेरी,।। 7 ।। मां पहाड़ों वाली मेरी अग्नि परीक्षा मेंप्रेम श्रद्धा प्यार समर्पण में,, तुम रचती बसती मेरे दिलो में , तुम मेरे कारज पूर्ण करो।। 8।। मां तेरी रगो से बहता वो रक्त मेरी रग रग में रचा बसा हुआ,, मस्ती खुशी आनंद लें जो कोमल सी अपनी रूह में समा गई ,।।9 ।। तस्वीर तुम्हारी मां ऐं ध्वनि से स्वहोम में,आया तेरे दर पे, मन्नत मांगने वाली,बात नहीं है जो तेरा है, वो दुसरे का वो हो नहीं सकता ।। 10 ।। दर्शन करने वाले तेरे रुप अनेक निराले हैं,, किस अंन्दाज में वो तुम बखुबी से मिल जाती हो,, ओ मांई तेरे उन शब्दों के भाव से ,तुम मन प्रसन्न कर जाती हो ।। 11।। तेरे कहे ख्याल में मां छुपे स्वपन हमारे है पूर्ण करो मांई मेरी,, तेरे हवाले हैं मेरी कश्ती पार लगा देना दो मेरी बस्ती,।। 12।। मेरा जीवन क्षण भर का कब हवा निकल जाय पता नहीं,, मां विंध्यवासिनी देवी मेरी कूलदेवीऔरभैरवमहाराज नामली रतलाम में हो,। 13।। तुम्हारी मधुर मुस्कान मन्द मन्द अधर पर,, वाणी लिये खुद ही मेरी जिंदगी में आशीष दो मां ।। 14।। गन्धर्व की नगरी देवास में मां चामुण्डा माता से सजाया गया है,, यह सपना हो पूरा प्यारा सा फूलों सा निर्रमाल्य है,।। 15 ।। यह जीवन का सारतत्व है जो गंगा,गौरी शंकर,रुद्राक्ष माला में,, रचना संवरचना की गंगा गौरी है जो वो सार है,।। 16 । ्््््कवि शैलेंद्र आनंद ््् 10,,,,,10,,,,2024,,, ©Shailendra Anand #sad_quotes भक्ति सागर कवि शैलेंद्र आनंद
#sad_quotes भक्ति सागर कवि शैलेंद्र आनंद
read moreShailendra Anand
रचना दिनांक छ,,10,,,10,,2024 वार,,, गुरूवार समय सुबह ्््पांच बजे ््््निजं। विचार ्््् ्््शीर्षक ्््् छायाचित्र में चल और अचल संपत्ति मान कर चल सकें,, अकूत संपत्ति में वृद्धि सम्रद्धि चाहता हो,, प्यारा सा जीवन में मिला है,यह अनोखा आनंद जो मानवता पर जीना चाहता है ्््् मां का अष्टम भाव में स्थित निश्चल भाव से, शारदीय नवरात्र पर्व काल में अश्विन मासे शुक्ल पक्ष अष्टमी तिथि पर शरद रीतु श्रीमुख से निकलने वाली,, अग्नि परीक्षा प्रेम श्रद्धा प्यार समर्पण में सिर्फ, त्वमेव त्वमेव माता महागौरी शाक्म्बरी दैवीय , शक्ति दिव्यता कोटीश्यं नमन वन्दंनीय है।। मां महागौरी में महालक्ष्मी का दर्शन पा जाऊं यही मेरी कामना है , जो धरती पर साकार लोक सेवा भाव समर्पित करिष्यामि,, एकादश भाव में निश्चल सत्य अदृश्य शक्ति दिव्यता में , एकादशी सुफल दायनी करिष्यामि नमन वन्दंनीय है।।। मां यशोधरा यश तेजोमय दिव्य ज्योति प्रकट हो,, अखण्ड दिव्य चक्षु खुल कर देख रही है।। प्रेम मूर्ति प्रेम भूषण अज अनादि अनंत परिपूर्ण शब्दयोग, महान शब्द शिल्पी शिल्पकार मन मोह लेती हैं।।। तुम जगत में एक स्वर में प्रेम गान में एक स्वर में कहा है,, सबमें अनूठा प्रभावी है, जो धरती से अपनी रूह में वक्त और हालात में,, जिससे हम जीवन में कुछ लगन से कार्य करने वाले , अच्छे से अच्छे संबंध से जुड़ा हुआ महसूस होने लगे तो एक बार एक सार्थक प्रयास कर रहे हैं।। मैं मां का स्वरूप में स्थित सोच में खोकर सपनो में,, प्यार में डुब चुका हूं अन्तर्मन से मां आप मेरे को सहारा देकर आत्म निर्भर बना सकती हो, मैं निर्धन व्यक्ति हूं।। मां आपके श्रीचरणों में मुझे सीधे से आप अपने आप, कोई ऐसा काम कर मेरे कारज पूर्ण करो।। तूम मैं निर्रामूर्रख हूं, मां आप की शक्ति ही मेरी ताकत बन सके।। ऐसा कोई अभिप्राय ईश्वर से प्रार्थना मां मेरी चिंता आप दूर करो ,, जो भी है वह सब कुछ तुम्हारे हवाले हैं।। यह कथन सच्चाई है जिसे मैं जानता नहीं यह चुनौती हमारी, अपनी रूह में गुजर रही है जो राह बनाई है।। जिसमें मुझे सीधे से कोई राह दिखाई दे नहीं रही है ,, आप ही जिंदगी में हो मेरी पहचान है यही आज है ,, कल भी आपके श्रीचरणों में हूं काल के भाल पर जिंदगी है ,, तुम्हारे हवाले श्री शैलेन्द्र आनंद जो चाहो,, वो करो आप मा में तेरा लाल हूं।। ्््भावचित्र ्् ्््््कवि शैलेंद्र आनंद 10,,,,10,,,2024,,, ©Shailendra Anand #navratri भक्ति संगीत कवि शैलेंद्र आनंद
#navratri भक्ति संगीत कवि शैलेंद्र आनंद
read moreShailendra Anand
रचना दिनांक,,,,9,,,,,10,,,,2024,,, वार,,,, बुधवार,,,, समय,,,, सुबह,,, पांच बजे,, ््््निज विचार ््् ,,,्््भावचित्र ्््् ््््््शीर्षक ््््् छाया चित्र में दिखाया गया शारदीय नवरात्र, के पर्व अश्विन मासे शरद काले रीतु में सतम दिवस,, मां कालरात्रि श्च चित्र में दिखाया गया,, रौद़स्वरुप में अखिल विश्व में, अदभुद चित्र ही मानव जीवन में भी निखार आ रहा है मृत्युलोक में कर्मलीला कर्मशील में, नायक बम्हदेव ने मां भगवती दुर्गा पूजा चरण, सातवे दिन में कालरात्रि में आत्माओं का,, विचरण अनेक निराले अंदाज में वायुमंडल में,, वीभत्स रूप से मां कौशकी दैवीय शक्ति, दिव्यता में रक्ताम्बरी असूरमंर्दृनी मां शब्द के रुप श्रंगार में, स्वर्ण रजत कांस्य प्रतिमा पर माल्यार्पण मुण्डमालाधारणीके, किया गया ईश्वर दैवीय शक्तियों में कालिकायै नमः के जयकारे लगाते मय्या तेरे व्दारे व्दारे ्््भावचित्र है रणभूमि में आंखें तेज प्रचण्ड अग्नि सी ज्वाला सी,, सकल जगत में दूरात्माओ के भयमुक्ति में, संत समागम भक्ति भाव में दर्शन करने वाले, रुप स्वरुप में आकाश लोक से सप्तम श्रृषी मुनि , संन्यासी के तंत्र मंत्र यंत्र तंत्र तंत्रिकाओं से, सजाया गया साधक साधना तपस्या खुद से खूद में, खोकर हासिल सिध्दियां सिध्दि में मंत्रशक्ति ही, आनंद करणी माता च पारवती देवी गन्धर्व नगरी, मध्यप्रदेश देवास में मां कालरात्रि मां चामुण्डा देवी के रूप में, एक जीवंत कलाकृति को परखना ही मां के दर्शन में , शैलेंद्र आनंद के निज विचार श्रीचरणों में अर्पित करते हुए, जीवन सफल बनाएं।। यही कामना है।। मेरी स्वरचित रचनाएं में मानव मात्र में जीवन यापन सफल बनाएं ,, जीवन फूलों पर जिंदगी में एक स्वर पुकार , नाद ऐं क्लीं चामुण्डायै विच्चै नमः।। ््।। ्््््कवि शैलेंद्र आनंद ््् 9,,,10,,,2024,,, ©Shailendra Anand #navratri भक्ति संगीत कवि शैलेंद्र आनंद
#navratri भक्ति संगीत कवि शैलेंद्र आनंद
read moreShashi Bhushan Mishra
जज़्बातों की खाई में, फिसल गए चिकनाई में, उऋण नहीं हो पायेंगे, उम्र कटी भरपाई में, अपनापन का अंदेशा, फिसलन है इस काई में, प्रेम प्यार सब भूल गए, झूठी मान बड़ाई में, फैशन के युग में यारों, फर्क़ न चाचा ताई में, लालच लोभ बढ़े इतने, प्रेम न भाई भाई में, 'गुंजन' ये महसूस हुआ, सुख आनंद भलाई में, --शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' प्रयागराज ©Shashi Bhushan Mishra #सुख आनंद भलाई में#
#सुख आनंद भलाई में#
read moreShailendra Anand
White रचना दिनांक,,, 02,,, अक्टूबर,,,,2024,,,, वार। ,,, बुधवार,,,, समय काल सुबह पांच बजे,,,, ््््निजविचार ््् ्््््शीर्षक ््् ््््छाया चित्र में दिखाया गया है आज चेहरे पर जिंदगी को बेहतर समझना जरूरी है ््् रहा सवाल इन्सान का जो मानवता पर जिंदगी में जन्म दिवस और सर्व पितृ पक्ष मोक्ष अमावस्या की उपस्थिति होना आज के दिन 00,,,2 ,,,, 0,,,अक्टूम्बर,,,0,,,2024,,, अपने आप में महत्वपूर्ण भूमिका में आ गया है ््््् ्््््भावचित्र ््््् मानवता का पूजारी एवं लोकतंत्र का प्रहरी का जन्म दिवस सर्वश्री लाल बहादुर शास्त्री जी और राष्ट्र पिता महात्मा गांधी जी का जन्म दिवस 0 2 देश की विभुतियों का जन्म चरित्र सत्य और अहिंसा के रूप में पूज्य से पूज्यनीय बना दिया गया है ।। देश की दो ऐसी शख्सियत को परखना समझना आज के परिवेश माहौल में ्् देश में अवाम में खुशहाली और सपना पूरा करना और देश में धर्म और जाति सम्प्रदाय पर जिंदगी में , जाति और धर्म से प्रेम को बाटना और काटने का, दूर्लभ कृत्य को परखना समझना बहुत जरूरी है।। महात्माओ का जीवन दर्शन मार्गदर्शन करें , जनसेवा ही मानव सेवा में नज़र आ रही प्राणपण लफ्ज़ और उसकी उत्पत्ति में ,, अवतार जन्म मृत्यु सत्य असत्य पर जिंदगी का आयना मजमा लगा हुआ,, सर्व धर्म समभाव निष्ठ का स्वरूप सर्व पितृ अमावस्या में , आंखें डालकर देख रहा आज का वास्ता उसका वर्तमान समय का परिवार , राष्ट्रभक्त संस्कारित परिवार शास्त्री और महात्मा गांधी का परिवार , और सकलराष्ट्र ही सुन्दर मेरा परिवार जिंदगी है।। चित्र में भाव सुझाव श्रद्धा सूमन हर्ष और उल्लास और,, खादी ग्रामोद्योग और खादी का वास्ता राजतंत्र के खिलाफ , जन आंदोलन का वास्ता हैवान और शैतान को समझना ही सच्चा गांधी दर्शन है।। यही सब धर्मों में समरुपता और जन्म दिवस और स्वतंत्रता सेनानीयों का स्वरूप ही लोकनायक गांधीजी का अलख जगाने वाले अच्छे लगते है कथन सच्चाई और ईमानदारी कर्म सिपाही महापुरुष को पढ़कर अभ्यास कर नवपीढी में , का दोहन शोषण हीसूविचार का प्रणेता ही आनंद है ।। यही आज का दौर है और महामना श्री शास्त्रीजी और महात्मा गांधीजी का मौलिक सिद्धांत का स्मरण समर्पण भाव देवत्व प्राप्त कलात्मक अभिव्यक्ति श्रद्धांजलि अर्पित सर्व पितृ मोक्ष कारकं अमावस्या पर गंगा स्नान अंजलि तर्पण विधि करहु अजपा श्रैष्ठ अस्थि कलश में जल प्रवाहित करें जनसेवा ही मानव सेवा है।। ््््भावचित्र ््््् ्््््कवि शैलेंद्र आनंद ््् ,,02,, अक्टूबर 2024,,, ©Shailendra Anand #gandhi_jayanti अनमोल विचारक कवि शैलेंद्र आनंद
#gandhi_jayanti अनमोल विचारक कवि शैलेंद्र आनंद
read moreUbaida khatoon Siddiqui
dosti ka rishta bahut khaas hota hai, gehra hota hai aapki baat ho na ho, chahe jitna dur ho phir bhi dosti zinda rehti hai dil mein, koi bhoolta nahi kisi dost ko, par Kisi ne toh hume pehchaanne se hi inkaar kar diya. 🤣 5/9/24 ⏰2:17 p. m. (Ubaida khatoon S S) ✍️ ©Ubaida khatoon Siddiqui "dosti" #Ubaidakhatoon #ubaidawrites #Dosti
"dosti" #Ubaidakhatoon #ubaidawrites #Dosti
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