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Datta Dhondiram Daware
जबरदस्त,भारदस्त,मदमस्त...! तुझी अदा,करी फिदा होतो मी माझा ऊध्वस्त...! तुझ्या नयनात,तुझ्या यौवनात गाफिल मी,शामिल मी होतो माझा अस्त...! एकटक,टकमक,कावरी बावरी, थोडीसी लाजरी,थोडीसी हसरी.., धुंदी,बेधुंदी मनस्वच्छंदी, आहेस तु मनमुराद आनंदी.., आहेस तुझ्यात ते समस्त...! खरच;मदनिके,मेनके ऊर्वशी,गुलहौशी तुझी जादू,कस मन मनात शोधू, मन नाही काबू,चल प्रीतीचे नवे बंध बांधू तुझा डाव,मला ना ठाव, ओठावर नाव,ह्रदयी घाव..! जीवन केलस तु ग अस्ताव्यस्त...! पाहून तुझ, सखे आज, जबरदस्त,भारदस्त,मदमस्त...! *सम्राट दत्ता डावरे* ९७३००३७०५३ मेनका
मेनका
read moreDatta Dhondiram Daware
जबरदस्त,भारदस्त,मदमस्त...! तुझी अदा,करी फिदा, होतो मी माझा ऊध्वस्त...! तुझ्या नयनात,तुझ्या यौवनात, गाफिल मी,शामिल मी, होतो माझा नकळत अस्त...! एकटक,कशी टकमक, कावरी बावरी,साजरी लाजरी, धुंदी बेधुंदी मन स्वच्छंदी, आहे तुझ्यात समस्त...! खरच मदनिके,मेनके ऊर्वशी,गुलहौशी तु आहेस जबरदस्त,भारदस्त,मदमस्त...! *सम्राट दत्ता डावरे* ९७३००३७०५३ मेनका
मेनका
read moreVikas Jagtap
तूच माझी मेनका, तूच माझी रंभा... तुझ्यातच गुंतला आहे , माझ्या जीवनाचा खोळंबा.. असतील कितीही संकटे , नको करू तू कशाचीही चिंता.. तुझी स्वप्ने पूर्ण करणे , हाच माझ्या जीवनाचा अजिंठा.. (लेखक- विकास जगताप) मेनका ❤️
मेनका ❤️
read moreSavita Nimesh
हे देवांगना हे सुरांगना क्या देवकन्या हो तुम सोमरस से मधुर अधर दाड़ीमअद्भुत रूप तेरा नयन लोचन मृग सामान जीव कन्या हो या देवकन्या अप्सरा जैसी हो यह होता है भान है कामना एक लालसा मैं बन जाऊं ऋषि तुम बनो मेनका जन शून्य पर जाकर मिले केशकुंतल ग्रीवा सुराही दार कल्पक कस्तूरी पुष्पधन्वा कृतज्ञ हूं मैं तुम्हारा बनप्रिया श्यामा हे चंद्रिका है ज्योत्सना तरुण उमंगों की तृष्णा को अपने अनुराग से, मन की वाटिका को प्रसुमन सा महका जाइए ©Savita Nimesh मेनका #Flower
मेनका #Flower
read moreHindi poem the heart of nation
विश्वामित्र आगमन राक्षश जन से चिन्तित होकर, विश्वामित्र पधारे राम संग ले जाने का, दशरथ को वचन सुनाए। महामुनी ये बालक हैं अभी, इनपर कृपा करो राक्षश वध के खातिर संग में, मुझको ले चलो। दोनों अनुज चले संग मुनि के, सबसे आशिर्वाद लिया जंगल पथ पर ही दोनों ने, कितनों का संहार किया। मारीच बिन फर बाण से जाकर ,सौ योजन के दूर गिरा एक ही बाण में रामचन्द्र ने, ताड़का का उद्धार किया। विश्वामित्र समर में, जो उचित लगा वह काम किया बल की नहीं जरुरत हो तो, माया का उपयोग किया। पत्थर बनी महामुनी पत्नी,को चरणों से स्पर्श किया हुई सचेत फिर झुककर उसने, भगवन का सत्कार किया। विश्वामित्र आगमन
विश्वामित्र आगमन
read morePrashant Mishra
दूर दूर भागता रहा मैं जिस बालिका से, उसका स्वभाव कैसे मेरा मित्र हो गया दूर रहना मैं चाहता था मोह-माया से परन्तु खेल किस्मत का विचित्र हो गया सोचता हूँ जब कभी होता है यकीन नहीं,छिन्न भिन्न कैसे ये मेरा चरित्र हो गया एक रात्रि स्वप्न में आई थी मेनका सी तुम,ब्रह्मचारी हृदय मेरा विश्वामित्र हो गया --प्रशान्त मिश्रा विश्वामित्र हो गया
विश्वामित्र हो गया
read moreMr. Adarsh Sahu
"कथा वीरों की" सुनो ध्यान से भारतवासी, कथा सुनाता वीरों की। उन वीरों की, महावीरों की, जो हमें दिला गए आजादी॥ कोई लड़ा था दम-खम से, तो कोई लड़ा था अनशन से। कोई खेला था खून की होली, कोई झेला था बम और गोली। कोई चढ़ा था फंदे पर, तो कोई चला था कंधे पर॥ देख कर उत्साहा वीरो का, कोहराम मचा था लंदन में। अंग्रेजों की नींव झुका दी, भारत मां के नंदन ने। हम सब को स्वाधीन बना गऐ, भारत मां के नंदन रे॥ ©Mr. Adarsh Sahu "कथा वीरों की"
"कथा वीरों की"
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