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DR. LAVKESH GANDHI
सुशिक्षा शिक्षा तब तक बेलगाम रहती है जब तक उसमें नैतिकता और अध्यात्म की लगाम ना हो आज देश को सुशिक्षा की आवश्यकता है न कि सिर्फ किताबी शिक्षा की #सुशिक्षा # #शिक्षा नैतिकता की # #yqeducation #yqhuman#
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read moreDeepanshi Srivastava
मनुष्य की अंत:प्रज्ञा में ही शुभता का प्रत्यय निहित है, वह अशुभ का चयन अज्ञानता या विकल्प हीनता की स्तिथि मे ही करता है । अर्थात मनुष्य अपने संज्ञान में सदैव नैतिक ही बने रहना चाह्ता है। अत: हमें मानवतावाद से कभी विमुख नही होना चाहिये और मानव सेवा को ही अपना प्रथम धर्म समझ कर उसका पालन करना चाहिये । -दीपांशी श्रीवास्तव #नैतिकता
Sabir Khan
आजादी हर जगह अच्छी नहीं होती, जब नैतिक मूल्यों का अवमूल्यन होने की संभावना हो। नैतिकता
नैतिकता
read morePraveen Jain "पल्लव"
76th Mahatma Gandhi Punyatithi पल्लव की डायरी डरे हुये हम सब बाबा सब कुछ अब मिट जाना है चौखट लोकतंत्र की घायल करके सियासी पैतरे वादी करते है लूट रहे है भर भर कर जनता को दहशत पैदा करते भारी है वोट करना अब बेमानी हो गया चार सौ पार करने के लिये एजेंसियों का इस्तेमाल जारी है गाँधी के दर्शन को मिटाकर फांसीवादी ताकत हावी है अहिँसा की ताकत नैतिकता थी जिसमे हर कौम भाषा जीवित रहती थी वोटो की ताकत दम तोड़ती फजीहत लोकतंत्र की होती है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #76thMahatmaGandhiPunyatithi अहिंसा की ताकत नैतिकता थी #nojotohindi
#76thMahatmaGandhiPunyatithi अहिंसा की ताकत नैतिकता थी #nojotohindi
read morePraveen Jain "पल्लव"
पल्लव की डायरी मन में उठे मनन की होड़ भुजबल से झंडे सफलता के गाड़ दो सतत प्रवाह की बांध डोर पर्वत पहाड़ लाँघ दो यात्रा विजय की हर ओर हो जीवन अपने सुधार लो माना बारूद बिछी है जमाने मे हर ओर गूंज बमो की,दहशत फैलाती है कुछ आकाओ के दांव के कारण मानव जाति कराहती है बनो निर्भय धीर वीर, पताका नैतिकता की फहरानी है अंधेरो को चीरकर रोशनी सूर्य की हर दर पर फैलानी है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #travelogue पताका नैतिकता की फहरानी है #nojotohindi
#travelogue पताका नैतिकता की फहरानी है #nojotohindi
read moreAditya Awasthi
नैतिकताओं के इस भँवर में सही नैतिकता अपने आप को समझ के आती है । जीवन की हर नयी परिस्थिति के लिए बने बनाए नियम नहीं हो सकते हर नयी परिस्थिति में क्या सही करने के लिए सतत ध्यान की आवश्यकता होती है। ©Aditya Awasthi #नैतिकता #जीवन
Ek villain
बिना नैतिकता के व्यक्ति कुछ भी नहीं हो सकता पर मानव नहीं सत्य निष्ठा ईमानदारी सबीन सीनता नैतिकता के आधार हैं यह उन गुणों का व्यक्ति में अभाव हो जाता है तो वह अपने चरित्र से पारित हो जाता है सही गलत का विवेक खो बैठता है ऐसे व्यक्ति सभ्य समाज के लिए घातक होते हैं वह निजी स्वास्थ्य की पूर्ति के लिए किसी भी हद तक जा सकता है रावण कंस हिरण नर्क छुपा आदि की स्वास्थ्य प्रति नैतिक पतन की कहानी हमें खूब पढ़ी और सुनी है रावण ने सारी मर्यादा और धर्म को ताक पर रखकर माता सीता का हरण किया कंस ने अपनी बहन की संतानों का वध करने में हाथ तक नहीं कापे हिरण का सोफा ने तो अपने ही पुत्र के प्राण लेने में कोई कसर नहीं छोड़ी वर्तमान में भी ऐसे उदाहरण पर्याप्त मिल जाते हैं जहां निजी स्वास्थ्य के लिए हर तरह की मर्यादा को किनारे कर दिया जाता है ऐसी नैतिकता वहीं का परिवेश हमें कल क्या ₹2 का क्या हम पाठ्य पुस्तकों में स्वास्थ्य पर आता बेईमानी भ्रष्टाचार की गाथा अपनी भावी पीढ़ी को पढ़ाएंगे बढ़ती भौतिक और कुछ पा लेने की आधी दौड़ में वैसे भी नैतिक मूल्य की भूमिका नहीं रह गई है उपलब्ध की अनुभूति से व्यक्ति यहां नहीं देखना चाहता कि रास्ते सही गलत है या नहीं किंतु गलत मार्गो से बहुत दूर तक ले जा सकते हैं इस सृष्टि में किसी समय तमोगुण हावी भले ही हो जाए सतोगुण के अस्तित्व को समाप्त नहीं कर सकता भोग विलास का और भौतिक सुख-सुविधाओं के ऊपर आम होकर एक दिन वापस सत्य के पद पर आना ही होगा क्योंकि सत्य के पथ पर चले बिना मुक्ति नहीं मिलेगी शांति पाना चाहते हो तो प्रभु नाम के रस में लीन हो जाओ आत्म तत्व की प्राप्ति जिज्ञासु होना पड़ेगा बिना नैतिक आत्म भाव के मानव जीवन का कोई अस्तित्व नहीं है ©Ek villain # नैतिकता #MerryChristmas
# नैतिकता #MerryChristmas
read moreनैतिक INDIA
अब बन्द करो कोरोना-कोरोना। न यह अब जाने वाला । हमे ही चलना होगा साथ इसके। रखना होगा अपना ध्यान चारो ओर स्वस्थ रहे , जहाँ बार बार हाथ को धोना है, मुह पर मास्क लगाना है। अपनों के संग भौतिक दुरी रखनी है। लेकिन दिल की दूरियों कम ना हो, फिर लौट ,पारंपरिक संस्कृति और परंपरा की और अब न हो सके प्रकृति का शोषण। हमे प्रकृति के साथ जीना होगा। आओ मिलकर चले एक नैतिक राह पर अपनों के संग ,अपनों के साथ।।।।।। #एक कदम नैतिकता की ओर, #नैतिक भारत अभियान।
vinay vishwasi
आज का दोहा नैतिकता को छोड़कर,चलें अनैतिक राह। ईश्वर के भी दंड का, कौन करे परवाह।।१४३।। अर्थ उपार्जन के लिए,चलते कितने चाल। पल भर में कौआ बने,पल में बने मराल।।१४४।। #दोहे #नैतिकता #विश्वासी