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kumarउमेश

#Flute "सर" (SIR ) शब्द का अर्थ

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Shravan Goud

स्वार्थ शब्द का एक और अर्थ है, स्व+अर्थ यानी स्वयं का अर्थ लगाना। --अज्ञात

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स्वार्थ शब्द का एक और अर्थ है, 
स्व+अर्थ यानी स्वयं का अर्थ लगाना।
               --अज्ञात स्वार्थ शब्द का एक और अर्थ है, 
स्व+अर्थ यानी स्वयं का अर्थ लगाना।
               --अज्ञात

Neer1909

शब्द श्रृंगार ✍️✍️🖤

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 शब्द श्रृंगार ✍️✍️🖤

Neer1909

शब्द श्रृंगार ✍️✍️🖤

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 शब्द श्रृंगार ✍️✍️🖤

कलीम शाहजहांपुरी (साहिल)

शायरी ( इल्हाम का अर्थ होता है अल्लाह,ईश्वर का शब्द)

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उसकी रंगत है जैसे कोई खिलता गुलाब,
उसकी बातों से टपके इल्हाम की बारिश.!

©कलीम शाहजहांपुरी (साहिल) शायरी ( इल्हाम का अर्थ होता है अल्लाह,ईश्वर का शब्द)

L.S.KEER

धरती का श्रृंगार

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Rohit Saini

श्रृंगार प्रकृति का

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श्रृंगार प्रकृति का जित देखूँ तीत पाऊँगा,
शब्दों की माला में कैसे इसको लाऊँगा ।

कही घने है मेघ बड़े कही सूरज की लाली है,
कही भोले का सावन कही कान्हा की होली है ।

एक छोर है हिम का आलय दूजा रेगिस्तान दिखे ,
तीन खण्डों पर नीर भरा एक पर सारा जहान दिखे ।

कही मिटाता अँधकार को शुक्लपक्षि चाँद दिखे,
करती हरण प्रकाश का अमावस्य काली रात दिखे । 

ऊपर चमकता सूरज चाँद सितारों से नील गगन विशाल दिखे,
नीचे सिंधु के आँगन में क्रीडा करती धरा उपवन समान लगे ।

श्रृंगार प्रकृति  तेरा मै कैसे गाऊँगा,
शब्दों की माला में कैसे इसको लाऊँगा ।



                       $रोहित सैनी...@$ श्रृंगार प्रकृति का

पंकज कुम्हार

श्रृंगार दिल का

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श्रृंगार कर दिल का, रखना परदे में

लेने आएंगे हम तेरे सजदे में श्रृंगार दिल का

Amit Singhal "Aseemit"

Ajay Keshari

सावन का श्रृंगार

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सावन में #श्रृंगार सजन कर,
तुझको खूब रिझाऊं,
धानी चुनर पहनकर,
मेहंदी पुरी हाथ लगाऊं,
हरे रंग की चुड़ी पहनूं,
 खन-खन मै खनकाऊं,
बालों में गजरा लगाऊं,
अंखियों में कजरा,
नयन चलाऊं तिरछी तुझपे,
घायल करदूं आज,
पांवों में पाज़ेब मै पहनूं
छम-छम नाचूँ आज,
अंग से अंग लगाऊं तुझको,
बरसों भरी-भरी आज.!!
#अजय57 सावन का श्रृंगार
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