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Parasram Arora
White कुछ पलो के लिए ही सही प्यार जहा से भी मिले उसे लेलो अगर उधार भी लेना पड़े तों उससे . परहेज़ मत करना इसके बावजूद भी अगर वो प्यार नही मिलता तुम्हे तों उसे पुकारो वो जहा भी होगा तुम्हारी आवाज़ वो जरूर सुनेगा ©Parasram Arora प्यार के लिए पुकार
प्यार के लिए पुकार
read moreF M POETRY
White तेरी दुनियाँ संवारने के लिए.. अपनी हस्ती मिटा दिया मैंने.. यूसुफ आर खान... ©F M POETRY #तेरी दुनियाँ संवारने के लिए.....
#तेरी दुनियाँ संवारने के लिए.....
read moreRinkesh
White दोस्ती दिल से करो। वरना मतलब के लिए तो सब दोस्त बन जाते हैं। ©Rinkesh #Sad_Status दोस्ती के लिए शायरी
#Sad_Status दोस्ती के लिए शायरी
read moreहिमांशु Kulshreshtha
White बहकते हैं हर रोज़ ये कदम, तुम्हारे पास आने के लिए, न जानें कितने फासले, अभी तय करने हैं तुम्हें पाने के लिए....!! ©हिमांशु Kulshreshtha तुम्हें पाने के लिए..
तुम्हें पाने के लिए..
read moreANSARI ANSARI
White जवानी मे खुन पसीना बहा था परिवार के हर खुशी के लिए। जीवन भर की कमाई लुटा देता है इन्सान बुढ़ापे मे दो वक़्त रोटी के लिए। नासमझ है ओ बुढ़ापे मे ठुकरा देते है मा बाप को दौलत के लिए। ©ANSARI ANSARI दौलत के लिए।
दौलत के लिए।
read moreM R Mehata(रानिसीगं )
White जय माता दी 🌼🌼🌼 अपने और पराये का भेद सिखाया है जीवन में कैसे रखे दोनो से मेल.... मीठा हो बोल परायो के लिए केवल अपनापन तो अपनो के लिए ही है केवल अच्छे से समझाया है.... 😪💔 ©M R Mehata(रानिसीगं ) #teachers_day अपनापन हो अपनो के लिए
#teachers_day अपनापन हो अपनो के लिए
read moreAnand Kumar Ashodhiya
पर्यावरण - नई हरयाणवी रागनी तूं कितना ए जतन लगाले बन्दे वो पल में प्रलय करता है तूं भाज भाज कै थक लेगा, वो एक पग में योजन भरता है तनै पेड़ अर पौधे काट काट कै, जंगल नदी उजाड़ दिए पर्वत घाटी काट काट कै, खनिज और पत्थर काढ़ लिए उनै बाढ़ के पंजे गाड़ दिए, इब क्यूं ज्यान बचाए फिरता है तनै सारी ए धरती बंजर करदी, मार कै खाद दवाई खान पान सब जहरी कर दिया, जहरी ए हवा बणाई तनै अपनी शामत आप बुलाई, वो तौल तौल कै धरता है धरती थोथी करकै नै तनै, सारा पाणी खींच लिया पीवण नै भी छोड़या ना तनै, आंगण बाड़ी सींच लिया उनै दया का पंजा भींच लिया इब, बूंद बूंद नै मरता है कई कई मंजिल भवन बणा लिए, कितै बारा कितै ठारा पहाड़ दरकगे नदी उफणगी, तेरा कुछ ना चाल्या चारा कदे सुनामी कदे हल्लण आरहया, फिर कुदरत से क्यूं डरता है गुरु पालेराम नै पकड़ आंगली कथना रचना सिखा दिया के आच्छा के बुरा जगत में शीशे की ज्यूं दिखा दिया उनै कड़वा मीठा चखा दिया वो जीवन के दुख हरता है कॉपीराइट©️आनन्द कुमार आशोधिया 2024-25 ©Anand Kumar Ashodhiya #पर्यावरण नई हरयाणवी रागनी पर्यावरण कविता कोश कविताएं प्रेरणादायी कविता हिंदी कविता हिंदी कविता
#पर्यावरण नई हरयाणवी रागनी पर्यावरण कविता कोश कविताएं प्रेरणादायी कविता हिंदी कविता हिंदी कविता
read morepriyanshu
White पल पल तरसे जिस पल के लिए वो पल भी आया कुछ पल के लिए सोचा रोक लू इस पल को कुछ पल के लिए कमबख्त वो पल भी रुका कुछ पल के ही लिए ©priyanshu अपने प्यार के लिए
अपने प्यार के लिए
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