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Khushi Kandu
White (दोहा) जिन्ह मन तजि कुटिलाई, जीवन सुखमय होय। मन की माया से मुक्त, तन आनंदित होय।। ©Khushi Kandu #GoodMorning #khushikandu #doha #दोहा #छंद #जीवन
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read moretripti agnihotri
White तृप्ति की कलम से दोहा छंद 17 जुड़ा भाव का कारवाॅं, लिया शब्द ने रूप। शब्द - शब्द मुखरित हुआ,ज्यों सरदी की धूप।। स्वरचित मौलिक तृप्ति अग्निहोत्री लखीमपुर खीरी उत्तर प्रदेश ©tripti agnihotri दोहा छंद
दोहा छंद
read morekavitri vibha prabhuraj singh
#कुड़लियां छंद #राधा तकती श्याम की #मन के भाव अपनी कविता #कावित्री विभा प्रभुराज सिंह
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Satish Kumar Meena
स्त्री की परिभाषा सही मायने में यह है कि अपने सामर्थ्य से सहनशीलता के साथ अपनों के सेवाभाव में प्रगति के पथ पर लक्ष्मी जी की तरह परिवार का उत्थान करें वो स्त्री है। ©Satish Kumar Meena स्त्री की परिभाषा
स्त्री की परिभाषा
read moreMAHENDRA SINGH PRAKHAR
कुण्डलिया :- आती होंगी राधिका , सुनकर वंशी तान । मुरलीधर अब छोड़ दो , अधरो की मुस्कान ।। अधरो की मुस्कान , बढ़ाये शोभा न्यारी । मुख मण्ड़ल के आप , नही सोहे लाचारी ।। कैसे तुमसे दूर , कहीं राधा रह पाती । सुन कर वंशी तान , दौड़ राधा नित आती ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR कुण्डलिया :- आती होंगी राधिका , सुनकर वंशी तान । मुरलीधर अब छोड़ दो , अधरो की मुस्कान ।। अधरो की मुस्कान , बढ़ाये शोभा न्यारी । मुख मण्ड़ल के
कुण्डलिया :- आती होंगी राधिका , सुनकर वंशी तान । मुरलीधर अब छोड़ दो , अधरो की मुस्कान ।। अधरो की मुस्कान , बढ़ाये शोभा न्यारी । मुख मण्ड़ल के
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कुण्डलिया :- आती होंगी राधिका , सुनकर वंशी तान । मुरलीधर अब छोड़ दो , अधरो की मुस्कान ।। अधरो की मुस्कान , बढ़ाये शोभा न्यारी । मुख मण्ड़ल के आप , नही सोहे लाचारी ।। कैसे तुमसे दूर , कहीं राधा रह पाती । सुन कर वंशी तान , दौड़ राधा नित आती ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR कुण्डलिया :- आती होंगी राधिका , सुनकर वंशी तान । मुरलीधर अब छोड़ दो , अधरो की मुस्कान ।। अधरो की मुस्कान , बढ़ाये शोभा न्यारी ।
कुण्डलिया :- आती होंगी राधिका , सुनकर वंशी तान । मुरलीधर अब छोड़ दो , अधरो की मुस्कान ।। अधरो की मुस्कान , बढ़ाये शोभा न्यारी ।
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