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Uttam Bajpai

हिंदी शायरीसच्चे प्रेम की परिभाषा

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Uttam Bajpai

हिंदी कॉमेडीफनी दिल की परिभाषा क्या होती है

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ऋतु गुलाटी ऋतंभरा

माता कालरात्रि पर तांटक छंद मे आवाहन

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Khushi Kandu

White (दोहा)
जिन्ह मन तजि कुटिलाई,‌ जीवन सुखमय होय।
मन की माया से मुक्त, तन आनंदित होय।।

©Khushi Kandu #GoodMorning 
#khushikandu 
#doha 
#दोहा 
#छंद 
#जीवन

tripti agnihotri

दोहा छंद

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White तृप्ति की कलम से
दोहा छंद 17

जुड़ा भाव का कारवाॅं, लिया शब्द ने रूप।
शब्द - शब्द मुखरित हुआ,ज्यों सरदी की धूप।।

स्वरचित मौलिक
तृप्ति अग्निहोत्री 
लखीमपुर खीरी
उत्तर प्रदेश

©tripti agnihotri दोहा छंद

kavitri vibha prabhuraj singh

#कुड़लियां छंद #राधा तकती श्याम की #मन के भाव अपनी कविता #कावित्री विभा प्रभुराज सिंह

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kavitri vibha prabhuraj singh

#अपनी कविता #मन के भाव #विधाता छंद @kavitri VibhaPrabhu Raj Singh

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Satish Kumar Meena

स्त्री की परिभाषा

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MAHENDRA SINGH PRAKHAR

कुण्डलिया :- आती होंगी राधिका , सुनकर वंशी तान । मुरलीधर अब छोड़ दो , अधरो की मुस्कान ।। अधरो की मुस्कान , बढ़ाये शोभा न्यारी । मुख मण्ड़ल के

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कुण्डलिया :-

आती होंगी राधिका , सुनकर वंशी तान ।
मुरलीधर अब छोड़ दो , अधरो की मुस्कान ।।
अधरो की मुस्कान , बढ़ाये शोभा न्यारी ।
मुख मण्ड़ल के आप , नही सोहे लाचारी ।।
कैसे तुमसे दूर , कहीं राधा रह पाती ।
सुन कर वंशी तान , दौड़ राधा नित आती ।।

महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR कुण्डलिया :-

आती होंगी राधिका , सुनकर वंशी तान ।
मुरलीधर अब छोड़ दो , अधरो की मुस्कान ।।
अधरो की मुस्कान , बढ़ाये शोभा न्यारी ।
मुख मण्ड़ल के

MAHENDRA SINGH PRAKHAR

कुण्डलिया :- आती होंगी राधिका , सुनकर वंशी तान । मुरलीधर अब छोड़ दो , अधरो की मुस्कान ।। अधरो की मुस्कान , बढ़ाये शोभा न्यारी ।

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कुण्डलिया :-

आती होंगी राधिका , सुनकर वंशी तान ।
मुरलीधर अब छोड़ दो , अधरो की मुस्कान ।।
अधरो की मुस्कान , बढ़ाये शोभा न्यारी ।
मुख मण्ड़ल के आप , नही सोहे लाचारी ।।
कैसे तुमसे दूर , कहीं राधा रह पाती ।
सुन कर वंशी तान , दौड़ राधा नित आती ।।

महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR कुण्डलिया :-


आती होंगी राधिका , सुनकर वंशी तान ।

मुरलीधर अब छोड़ दो , अधरो की मुस्कान ।।

अधरो की मुस्कान , बढ़ाये शोभा न्यारी ।
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