Nojoto: Largest Storytelling Platform

New पीतल का दीपक Quotes, Status, Photo, Video

Find the Latest Status about पीतल का दीपक from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, पीतल का दीपक.

Rahul Mishra

पीतल पीतल कर देंगे 💯

read more

Naveen Kumar

दिवाली का दीपक

read more

Jay Divedy

आशा का दीपक

read more

Shashi Bhushan Mishra

#दीपक जलाने का#

read more
अमावस हो रात फिर दीपक जलाने का,
समय हो प्रतिकूल कान्हा को बुलाने का, 

मन लगा गोपाल में तन हो गया गोकुल, 
बस यही तरक़ीब है  दुनिया  भुलाने का,

मिला खेवनहार  दरिया पार  कर  लूँगा, 
ज़िस्म में ताकत नहीं  गोता  लगाने का,

पुराने ज़ख़्मों को बे-मतलब कुरेदो मत, 
जो नहीं अपना उसे फ़िर भूल जाने का,

जन्म से आखिर तक संघर्ष का आलम, 
बांसुरी की  तान पर  झूला  झुलाने का,

ज्ञान के पानी से बुझती प्यास जन्मों की, 
हृदय  है  प्यासा  उसे  पानी  पिलाने  का,

बात जिसकी समझ में है आ गई 'गुंजन',
मिल गया अवसर उसे भवपार जाने का,
    ---शशि भूषण मिश्र 'गुंजन'
             प्रयागराज उ॰प्र॰

©Shashi Bhushan Mishra #दीपक जलाने का#

Jainendra Thakur

उम्मीदों का दीपक

read more

Kamlesh Ahuja

#आस का दीपक

read more

रजनीश "स्वच्छंद"

तमद्वार का दीपक।।।

read more
तमद्वार का दीपक।।

मैं तमद्वार का दीपक,रौशन कुछ हिस्सा तो कर जाऊंगा।
रवि-रश्मि का तेज लिए,अमर कुछ किस्सा तो कर जाऊंगा।

तू मूक रहा, कर बांधे खड़ा,निजशब्दों में तेरा हुंकार भरूंगा।
कंपित से तेरे अधरों पर,बन शब्द, नेपथ्य से पुकार करूँगा।

धीर है तू हीमवर सा अडिग,शोणित में धार समेटे यमुना गंगा की।
प्रसार तेरा बटवृक्ष सा है,ऊंचाई, अम्बर छूती कंचनजंगा सी।

त्वरित गति, असाध्य बल,भुजाओं में फड़कता, असीमित सागर अनंत।
तू अनजान, हनुमान है,मैं ले लेखनी बाल्मीक, शब्दों को बना दूँ जामवंत।

तू महज़ मनुज का भेष नही,राम सा शील, अल्हड़ कृष्ण सा, दधीचि का अनुयायी है।
एटलस सा है कंधा तेरा,तू इस जग के उत्थान-पतन उदय-अस्त का उत्तरदायी है।

तू इस कवि की धृष्टता,एक बागी, स्वजन का रखवाला है।
मेरी कविता भी जिसपे नाज़ करे,तू मदमस्त, बेखौफ, एक मतवाला है।

©रजनीश "स्वछंद" #NojotoQuote तमद्वार का दीपक।।।

Er Ajay Serpura

क्रांति का दीपक........

read more

"Kumar शायर"

#साजिशों का दीपक

read more
हर किसी को देखो यहाँ कुछ ना कुछ छुपाता है,                                                  गुमनाम अंधेरो में साजिशों का दीपक जलाता है,                                          डूबती है नईया ज़िन्दगी की जब तो तुफानो में क्यों छटपटाता है,                             बिना मल्लाह खुद को माझी समझ समंदर  में जो उतर जाता है,                             किनारों की राहे भी कही खो जाती है,      जब बीच भवर में खुद वो डूब जाता  है,     जो हो रहा है उसे होने दो सोते को क्यों जगाता है,                                            फिर मौका नही मिलता सँभलने का,          चंद सिक्को की आगोश में जो खुद को खुदा समझ इतराता है.✍️✍️✍️✍️    Written:- By Umesh kumar #साजिशों का दीपक

पवित्रा राजवंश

मन का दीपक

read more
मन का दीप घोर अंधेरा हो पर भी एक दीपक जलाए रखना हताशा निराशा ना उम्मीदों की दौर में भी मन का  आशाओं का दीपक जलाए रखना मन का दीपक
loader
Home
Explore
Events
Notification
Profile