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Ayush kumar gautam
सैकडो़ं जंग जीतने के बाद बादशाह को फिर से गुरूर हो गया हमने शर्त दिल जीतने की रख दी पूरी बादशाहत का नशा चूर हो गया बेदम शायर आयुष की कलम से बादशाहत का नशा चूर हो गया
बादशाहत का नशा चूर हो गया
read moreprayag raj
कह देना उसे उसकी खुशियों की खातिर उसे छोड़ना भी मंज़ूर हो गया है पहले किसी ने निकाल के फैका था तो सिर्फ टुकड़े हुए थे दिल के और आज उसने निकाला है तो दिल चूर चूर हो गया है चुर चूर हो गया है
चुर चूर हो गया है
read moreJunaid rana
Nojoto टूट कर चूर हो गया हूँ उसकी याद में वो पत्थर बना बैठा हैं मेरे सामने ©Junaid rana टूट कर चूर हो गया हूँ उसकी याद #WForWriters #Nojoto saloni toke alfazon ki khumari Riya Soni Ajay Sharma Shrawan Bhargav Suman7296
टूट कर चूर हो गया हूँ उसकी याद #WForWriters saloni toke alfazon ki khumari Riya Soni Ajay Sharma Shrawan Bhargav Suman7296
read moreRishabh Soni
टूटे हुए काँच की तरह चकना-चूर हो गया हूँ किसी को चुभ न जाऊँ इसलिए सबसे दूर हो गया हूँ। ©Rishabh Soni "टूटे हुए काँच की तरह चकना-चूर हो गया हूँ!" #rishabhsoni #meri_ashiqi_tumse_hi #shyari #Dark
"टूटे हुए काँच की तरह चकना-चूर हो गया हूँ!" #rishabhsoni #meri_ashiqi_tumse_hi #shyari #Dark
read moreHimanshu Singh
Trust me ग़म इस बात का नहीं की वो स्कूल बदल चुका है. टूट के चूर हो गया है दिल जब खबर मिली वो यार बदल चुका हैं. -दोस्ती ग़म इस बात का नहीं की वो स्कूल बदल चुका है. टूट के चूर हो गया है दिल जब खबर मिली वो यार बदल चुका हैं.
ग़म इस बात का नहीं की वो स्कूल बदल चुका है. टूट के चूर हो गया है दिल जब खबर मिली वो यार बदल चुका हैं.
read moreविशाल मुंतज़िर
खदु टूट कर लबों पर मुस्कान दे गया यूं समझो गिरे वक्त में बस काम दे गया आया खामोशी से और घर का हिस्सा बन गया शीशे सा था बदन मेरा गिरा और च
खदु टूट कर लबों पर मुस्कान दे गया यूं समझो गिरे वक्त में बस काम दे गया आया खामोशी से और घर का हिस्सा बन गया शीशे सा था बदन मेरा गिरा और च
read moreManju (Queen)
*** इच्छा *** सपनों को लगे हैं पंख मुझे अब उड़ने दो रोको न, टोको न मुझे हवा के संग बहने दो तोड़ कर झूठी चाहत की जंजीरे अब हुई हूँ मैं आज़ाद जीना तो मैं भूल चुकी थी बस करती रही मैं फरियाद लहुलूहान होती रही मन में विश्वास की जगाती रही मैं ज्योत चूर -चूर हो गया भरम जब जाना उसके लिए हो चुकी है मेरी मौत ऐसे रिश्तों का अर्थ ही क्या ज़िसमें न हो प्यार की महक बस बसती हो अंगारों और अंगारों की दहक तोड़ दिया मैंने समाज की रश्मों को तोड़ दी झूठे वादे औ कसमों की दीवार चली हूँ किस्मत का लिखा बदलने अपने होंसलों से ए ज़िन्दगी अब छेड़ दी है मैने तुझसे रार जीत के दिखाऊँगी मंजील को पाऊँगी *** इच्छा *** सपनों को लगे हैं पंख मुझे अब उड़ने दो रोको न, टोको न मुझे हवा के संग बहने दो तोड़ कर झूठी चाहत की जंजीरे अब हुई हूँ मैं आज़ा
*** इच्छा *** सपनों को लगे हैं पंख मुझे अब उड़ने दो रोको न, टोको न मुझे हवा के संग बहने दो तोड़ कर झूठी चाहत की जंजीरे अब हुई हूँ मैं आज़ा
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