Find the Latest Status about ज़ौक़-ए-नज़र from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, ज़ौक़-ए-नज़र.
Vk srivastav
White नज़र भर देखने ही की है ख्वाहिश रह गई बाकी शहर भी देख लेता पर नुमाइश रह गई बाकी।। ©Vk srivastav नज़र भर #Trending #viral #शायरी #SAD #Love #vksrivastav
नज़र भर #Trending #viral #शायरी #SAD Love #vksrivastav
read moreAzaad Pooran Singh Rajawat
White "गगन में जब सहस्त्रों सितारे दमकते हैं अमावस्या की अंधेरी रात में भी रास्ते मंजिल के रोशन नज़र आते हैं अंधेरा कितना भी गहरा हो खुदा ने चिराग भी जला रखे हैं बस एक पारखी नज़र चाहिए देखने के लिए।" ©Azaad Pooran Singh Rajawat #good_night# नज़र #
good_night# नज़र #
read morethe_poetic_soul.09
पहली नज़र में जब उसे देखा, न नाम पता, न कोई रेखा। वो अनजान था, मैं बेख़बर, पर दिल मेरा हो गया बेक़रार। फिर चुपके से उसकी तस्वीरें देखी, हर हंसी, हर ख़्वाब में बसी वो एक झलक। न जाने वो कौन, न जाने कहाँ, मगर दिल ने चुनी वही राह अनजानी। एक तरफ़ा था ये प्यार का सफर, न उसे पता, न उसने कभी किया ज़िक्र। मैं उसकी तस्वीरों में ढूँढती हूँ सुकून, पर वो मेरी दुनिया से अब भी बहुत दूर। ©the_poetic_soul.09 #पहली नज़र का एहसास
#पहली नज़र का एहसास
read moreBINOदिनी
White कुछ बातों को भूलाना , कुछ लम्हों को गुजारना, आसान नहीं होता। चुभते हुए लफ़्ज़ों के खंजर, बिन पौधों के जमीन यह बंजर। सहना आसान नहीं होता।। ©BINOदिनी दर्द-ए-बयान
दर्द-ए-बयान
read moreहिमांशु Kulshreshtha
White मन तो बावरा है अटकता है कभी तो भटकता है कभी.. विरक्त है कभी तो आसक्त है कभी... धूप है प्रेम की तो छाह यादों की कभी!! डूबता उतरता सा मचलता, भटकता सा कभी, कितने रंग समेटे खुद में हो रहा बदरंग कभी रे मन.. कैसे पाऊँ थाह तेरी है तू आस कभी तो तू है निर्लिप्त कभी ©हिमांशु Kulshreshtha ए दिल..
ए दिल..
read moreDeepak "New Fly of Life"
रोते रोते मुस्कुराने का, हुनर सीख लेते हैं, ये औरतें हैं जनाब, सब कुछ सह लेते हैं। न जाने कहाँ से मिली, इन्हें ये ताकत है, जिसे बस रोने में जाया कर देते हैं। अगर पहचान लें ये, और समझ लें, खुद के अपने ज़ज़्बात को, तो ये काली माँ से कम नहीं होते हैं। रोते रोते मुस्कुराने का, हुनर सीख लेते हैं, ये औरतें हैं जनाब, सब कुछ सह लेते हैं। ©Deepak "New Fly of Life" शक्ति ए औरत
शक्ति ए औरत
read moreDeepak "New Fly of Life"
White बचपन से तैयारी कर लो, लक्ष्मी, सरस्वती संग, दुर्गा, काली बनने की भी दीक्षा ले लो। लाचारी, कोमलता, सहारा, सब छोड़ो, मन, हृदय, देह को अब, वज्र कर लो। भूलो मत, तुम नारी हो, जन्म है तुम में समाया, वक़्त है, अब मृत्यु को भी धारण कर लो। कब तक सहोगे हिंसा, बलात्कार, बन के वीरांगना सर को धड़ से, अलग करने की कला सीख लो। बचपन से तैयारी कर लो, लक्ष्मी, सरस्वती संग, दुर्गा, काली बनने की भी दीक्षा ले लो। ©Deepak "New Fly of Life" #तैयारी ए हिफाज़त
#तैयारी ए हिफाज़त
read more