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sarita Kumari mahato
मैं तेरे लिए सब सेह जाऊंगी तू कहे तो भूखे रेह जाऊंगी कोने में पड़े रहने दो मुझे वृघा आश्रम में अपनी ममता कहा लुटाऊगी अपनी बाई समझ रख ले बेटा अपने पोतो से भी नहीं बताऊंगी तूझे तेरी ममता की सौगंध बेटा रहम कर मुझ पे मैं वृधा आश्रम नहीं जाऊंगी। बुढ़ी अम्मा अपनी दुख व्यक्त करते हुए
बुढ़ी अम्मा अपनी दुख व्यक्त करते हुए
read moreRicha Mishra
हे आर्य पुत्रों ... मैं अब नहीं सहन कर सकती ! इस संसारी माया को ... मैं नहीं वहन कर सकती ! इस कुरुपता की छाया को ... ग्लेशियर का भी अनुकूलन नहीं रहा ! वनों का भी अनुकूलन नहीं रहा !! पता नहीं क्यों मुझे तुम सब की .. चिंता होती है .. वनों को तो काटे डाले ! क्योंकि ...! बिना वन के मैं खो जाऊंगी.. अफसोस ! बिना धरती मां के तुम सब का क्या होगा !!! #napowrimo में आज 22वाँ दिन है। आज Earth Day धरती दिवस मनाया जा रहा है। धरती तो मूक है इशारों में अपना दुख व्यक्त करती है। किंतु एक लेखक हर
#NAPOWRIMO में आज 22वाँ दिन है। आज Earth Day धरती दिवस मनाया जा रहा है। धरती तो मूक है इशारों में अपना दुख व्यक्त करती है। किंतु एक लेखक हर
read moreAnita Saini
मूक हूँ अंधी और बधिर नहीं छोटी छोटी बातों से होती अधीर नहीं। अब मेरे सब्र का बाँध टूटा है इंसान की ज्यादातियों का कहर जबसे टूटा है। उसी ने अर्थ पे अनर्थ किया, जिसको हर तरह से समर्थ किया। महामारी ने धरती को एक राहत दी एक कसक थी बरसों से वो चाहत दी। #napowrimo में आज 22वाँ दिन है। आज Earth Day धरती दिवस मनाया जा रहा है। धरती तो मूक है इशारों में अपना दुख व्यक्त करती है। किंतु एक लेखक हर
#NAPOWRIMO में आज 22वाँ दिन है। आज Earth Day धरती दिवस मनाया जा रहा है। धरती तो मूक है इशारों में अपना दुख व्यक्त करती है। किंतु एक लेखक हर
read moreJyotshna Rani Sahoo
अगर मुकम्मल है जिम्मेदार उसकी औलाद के बेबकुफी है। #napowrimo में आज 22वाँ दिन है। आज Earth Day धरती दिवस मनाया जा रहा है। धरती तो मूक है इशारों में अपना दुख व्यक्त करती है। किंतु एक लेखक हर
#NAPOWRIMO में आज 22वाँ दिन है। आज Earth Day धरती दिवस मनाया जा रहा है। धरती तो मूक है इशारों में अपना दुख व्यक्त करती है। किंतु एक लेखक हर
read moreRicha Mishra
हे आर्य पुत्रों ... मैं अब नहीं सहन कर सकती ! इस संसारी माया को ... मैं नहीं वहन कर सकती ! इस कुरुपता की छाया को ... ग्लेशियर का भी अनुकूलन नहीं रहा ! वनों का भी अनुकूलन नहीं रहा !! पता नहीं क्यों मुझे तुम सब की .. चिंता होती है .. वनों को तो काटे डाले ! क्योंकि ...! बिना वन के मैं खो जाऊंगी.. अफसोस ! बिना धरती मां के तुम सब का क्या होगा !!! #napowrimo में आज 22वाँ दिन है। आज Earth Day धरती दिवस मनाया जा रहा है। धरती तो मूक है इशारों में अपना दुख व्यक्त करती है। किंतु एक लेखक हर
#NAPOWRIMO में आज 22वाँ दिन है। आज Earth Day धरती दिवस मनाया जा रहा है। धरती तो मूक है इशारों में अपना दुख व्यक्त करती है। किंतु एक लेखक हर
read moreSuman Rakesh Shah
धरती का दुख कौन समझेगा, धरती का दुख वो तो सब सह लेगी यही सोचकर, हमनें उसके बारे में सोचना ही छोड़ दिया मगर कब तक...कब तक चलता ये सब आखिर तो सहनशक्ति की सीमा आनी थी और नतीजा हमें ही भुगतना था मगर क्या अब भी हम समझ पा रहे है धरती का बोझ, उसकी यातना, पर्वतों से लेकर, आसमान की ऊचाईयों तक जंगलों से, समुंद्र की गहराईयों तक कुछ भी तो अछुता नही र्ह जहाँ कोई प्राणी निर्भय रह सके, जीने की शर्ते भी कितनी अजीब हर ओर धक्का मुक्की जीतना ही इक मात्र लक्ष्य बन गया है ए मानव, अब तो संभल जरा अब धरती की पुकार सुन जो शायद हम से कह रही है कुछ तो धीरज धर ए मानव, नही तो नतीजा तुझे ही भुगतना है..सुमन #napowrimo में आज 22वाँ दिन है। आज Earth Day धरती दिवस मनाया जा रहा है। धरती तो मूक है इशारों में अपना दुख व्यक्त करती है। किंतु एक लेखक हर
#NAPOWRIMO में आज 22वाँ दिन है। आज Earth Day धरती दिवस मनाया जा रहा है। धरती तो मूक है इशारों में अपना दुख व्यक्त करती है। किंतु एक लेखक हर
read moreAnil Sharma
उस मां के जैसे है जिसने अपनी पूरी जिंदगी अपने बच्चों की खुशियों के लिए कुर्बान कर दी तब भी ऊफ तक ना की और उस पिता के जैसे है जो अपने बच्चों की जरूरतों को पूरा करते करते खत्म होने को है फिर भी उनके साथ खड़ा है ।। #napowrimo में आज 22वाँ दिन है। आज Earth Day धरती दिवस मनाया जा रहा है। धरती तो मूक है इशारों में अपना दुख व्यक्त करती है। किंतु एक लेखक हर
#NAPOWRIMO में आज 22वाँ दिन है। आज Earth Day धरती दिवस मनाया जा रहा है। धरती तो मूक है इशारों में अपना दुख व्यक्त करती है। किंतु एक लेखक हर
read morekavi manish mann
धरती के दुख का सबसे बड़ा कारक है इंसान। सारे बुरे कर्मों का संचालक है इंसान। भोगी है लोभी है विदारक है इंसान। पापों का स्रोत और विस्तारक है इंसान। छीन ली उड़ान परिंदों की उजाड़ा नशेमन। वृक्षों को काट काट बना लिया भवन। बच्ची हो, जवान हो या उम्र हो पचपन। ख़तरे में सभी की आबरू है भगवन। जानवर से बदतर हैं कुछ न काबू में है मन। भगवान ने इंसान के लिए क्यूं किया था चयन। #napowrimo में आज 22वाँ दिन है। आज Earth Day धरती दिवस मनाया जा रहा है। धरती तो मूक है इशारों में अपना दुख व्यक्त करती है। किंतु एक लेखक हर
#NAPOWRIMO में आज 22वाँ दिन है। आज Earth Day धरती दिवस मनाया जा रहा है। धरती तो मूक है इशारों में अपना दुख व्यक्त करती है। किंतु एक लेखक हर
read moreKumar Deprive
जिसे हम पालते-पोसते, वही हमें जी भर कोसते।। अधिक पाने की चाहत में, अपनी लालच नहीं रोकते।। मेरी सीना छेदकर के लोग, अनियंत्रित पानी निकालते।। फैक्ट्रियों से धुआं उड़ाकर, वातावरण को प्रदूषित करते।। जमीन पर कचरा उड़ेलकर, उपजाऊ जमीन बंजर करते।। पेड़-पौधे काटकर धरती को, हरियाली चादर विहीन करते।। रासायनिक उर्वरक डाल के, लाभदायक मित्रों को मारते।। जब देखें मानव अत्याचार, वह धरती को दुखी कर दे।। #napowrimo में आज 22वाँ दिन है। आज Earth Day धरती दिवस मनाया जा रहा है। धरती तो मूक है इशारों में अपना दुख व्यक्त करती है। किंतु एक लेखक हर
#NAPOWRIMO में आज 22वाँ दिन है। आज Earth Day धरती दिवस मनाया जा रहा है। धरती तो मूक है इशारों में अपना दुख व्यक्त करती है। किंतु एक लेखक हर
read moremanoj kumar jha"Manu"
धरती का दुःख क्यों, समझते नहीं तुम। यदि धरा न रही तो, रहोगे नहीं तुम।। #napowrimo में आज 22वाँ दिन है। आज Earth Day धरती दिवस मनाया जा रहा है। धरती तो मूक है इशारों में अपना दुख व्यक्त करती है। किंतु एक लेखक हर
#NAPOWRIMO में आज 22वाँ दिन है। आज Earth Day धरती दिवस मनाया जा रहा है। धरती तो मूक है इशारों में अपना दुख व्यक्त करती है। किंतु एक लेखक हर
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