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ASHISH KUMAR TIWARI
सब चोर नहीं हैं, ये मालूम है, पर ये बता ईमानदार कौन- कौन है, फरिश्ते आज भी हैं कुटुंबों में, जरा अपनों के बीच देख के बता, सच्चाई का झूठा मुखड़ा लगाए बैठा कौन- कौन है| आशीष तिवारी समाज में संस्कृति का बूंदों की तरह बिखरना #raindrops
समाज में संस्कृति का बूंदों की तरह बिखरना #raindrops
read morepower of poetry
White बूंदों की आस.... आज फिर कोई आस लगाए आसमा की तरफ सुबह से देखता रहा की बारिश की बूंदों से मेरी खेत की फसले फिर हरियाली होके गीत गुनगुनाएंगी बेबस फिर सुबह से शाम हो गई आस की उम्मीद टूट गई और वो बारिश की बुंदे किसी का भरोसा तोड़ के कही और बरस गई ©power of poetry #cg_forest बूंदों की आस
#cg_forest बूंदों की आस
read moreराजकुमार टेलर
उसकी दो बूंदों की प्यास , समंदर भर दुआएँ देती है दो बूंदों की प्यास
दो बूंदों की प्यास
read moreRajshi Raj
तेरे बिन जीने की आदत तो डाल ली हमने पर कम्बख्त तेरी यादें जीने नहीं देती तू जो बारिश की बूंदों सा बसा है मेरे रोम रोम में ये मुझे मरने भी नहीं देती। #बारिश की बूंदों सा
#बारिश की बूंदों सा
read moreलक्ष्मण दीपक
स्वतंत्र रहो विचारों से लेकिन बंधे रहो संस्कारो से संस्कृति की पहचान
संस्कृति की पहचान
read more𝓪𝓻𝓶𝔂 𝓲𝓼 𝓯𝓪𝓷 𝓪𝓻𝓶𝔂 𝓲𝓼 𝓯𝓪𝓷
बड़े से बड़े डिग्री किसी काम की नहीं मेरे भाई अगर तुम्हारे पास इंसानियत की डिग्री नहीं है ©𝓪𝓻𝓶𝔂 𝓲𝓼 𝓯𝓪𝓷 𝓪𝓻𝓶𝔂 𝓲𝓼 𝓯𝓪𝓷 समाज की संस्कृति
समाज की संस्कृति
read moreAmit vadgama
यह भारत की संस्कृति है, जहां रोज माता-पिता पूजे जाते हैं, हर गली हर मोहल्ले में लोग हैं अपने, जहां खबर अंतर पूछे जाते हैं, सुख में जहां सब पीछे रहते हैं, यहां दुख के आंसू लूछे जाते हैं, हाथ मिलाना अपनी संस्कृति नहीं, यहां गले मिलने से रिश्ते अच्छे हो जाते हैं, ----- अमित वडगामा "अटल" ©Amit vadgama भारत की संस्कृति......
भारत की संस्कृति......
read morePragya Amrit
Mumbai Rains बारिश की बूंदे होती ना कभी अजनबी, बचपन की किलकारी से बुढ़ापे की दहलीज तक। मिलती हर बरस उसी अंदाज में , मनचली, अल्हड़ सी कोई सहेली। भिगोती नहीं सिर्फ काया को, रूह तक जज्ब हो बूंदों से। आती और यादों का कारवां बनाती, हर बरस कुछ लम्हा जीने को , नहीं ये तो संदेश लाती , तुम भी बरसो झूम के ना बनो अजनबी, बचपन से बुढ़ापे तक समभाव लाओ, मिलो उसी अंदाज में, मनचली,अल्हड़ सी तुम भी सखी, रिश्ते जोड़ो तुम सदा बस रूह से, दिल तो भर जाएगा ये तो झील हैं, रूह के रिश्ते जुड़े वहीं मील हैं। #संदेश बारिश की बूंदों का।
#संदेश बारिश की बूंदों का।
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