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shashi kumar saha
बरखा रे बरखा बरखा रे बरखा तपती है मिट्टी प्यासी है धरती बादल सज कर गरज गरज कर मत इतना तरसा बरखा रे बरखा बरस बरस गये गीत सरस गये आंखों में अब तक वही कहानी ज्यों चातक ढूंढें हर शाख पानी और न प्यासे दिल को तड़पा बरखा रे बरखा बरखा रे बरखा #NojotoQuote बरखा रे बरखा
बरखा रे बरखा
read moreKumar Manoj Naveen
***बरखा में मिलन की आस *** आईल ई बरखा के बहार हो , पिया अईले ना घरवा। निमन ना लागे ई फुहार हो पिया बिन मोर अंगनवा । आईल इ कईसन बैरन बिपतिया, बसवो न चले ,ना चले रेल गड़िया, बीती जाई का सावन के खूमार हो, निक लागे ना अंगनवा। आईल ई बरखा के बहार हो , पिया अईले ना घरवा। जब- जब बरसे ई बैरन बदरिया , तब -तब याद आवे पिया के सुरतिया, दिनवा त कट जाला कटे ना रतिया, अब कैसे जियायी दिन -रात हो, बीतल जाला बरखा के महिनवा। आईल ई बरखा के बहार हो , पिया अईले ना घरवा। बरसे ला बदरा त भीगे बदनवा, उपर से पुरूवा सिहरावेला तनवा , टूटेला देहिया, काटे दौरे बिछवनवा , कब अईहे सजना हमार हो, अब ई दरद ना सहाता। आईल ई बरखा के बहार हो , पिया अईले ना घरवा। **नवीन कुमार पाठक ** #बरखा में मिलन की आस #
#बरखा में मिलन की आस #
read moreराघव रमण
झहरैत पैनक एक अछार डुमि गेल खेत आ खरिहान पोखैर इनार सबतरि भरलै हवा बसातक करू गुणगान ©Raghav Raman #बरखा
Ayush kumar gautam
क्या सावन,बसंत और बरखा बहारों की हमने तो तुम्हे बे मौसम ही पुकारा है दरख्त ओ दीवारों पर लिखा नाम सिर्फ तुम्हारा है कहने को तो बहुत आशिक हैं जमाने में तुम्हे तो मोहब्बत के हर पहलू से रुबरू कराने वालो मे नाम सबसे पहले हमारा है आयुष कुमार गौतम क्या सावन,बसंत बरखा बहार की.........
क्या सावन,बसंत बरखा बहार की.........
read moreParasram Arora
रेगिस्तान की रेतीली भूमि से कोई नदी आकर निकल जाए तो इस खबर को स्वप्नगत कहा जाएगा लंका की रननभूमि मे राम से युद्ध करके अगर रावण फतेह हासिल कर ले तो इस खबर को अति कल्पनीय कहा जाएगा प्यासे के पास अगर कुवा स्वयं चल कर आ जाए तो इस खबर को अतिश्योक्ति कहा जाएगा बांस कि पोंगरी को अगर आग मे फूंक दिया जाय तो उस बांसुरी का सच उजागर हो जाएगा खबर की सच्चाई.....
खबर की सच्चाई.....
read moreneerajsinghmadra
मोरनी पंख फैलाए पग-पग रिझा रही है | बिजली चमक कर बरखा बुला रही है || डाली झुमकर नव राग गा रही है | प्रीतम अब तो आओं भीगी उम्मीद जल रही है || ✍अजेय बरखा बहार
बरखा बहार
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