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RAVI PRAKASH
White नसीब के आगे किसी की नहीं चलती, लेकिन इतना याद रखना , बाहों में चाहे कोई भी आए, महसूस वही होगा जो रूह में समाया होगा ©RAVI PRAKASH #GoodMorning नसीब के आगे किसी की नहीं चलती
#GoodMorning नसीब के आगे किसी की नहीं चलती
read moreF M POETRY
White तुम्हारे प्यार में मैं दिल जला कर बैठ जाऊंगा.. चले आना जहाँ तक रौशनाई तुमको ले आये.. यूसुफ़ आर खान... ©F M POETRY #चले आना जहाँ तक रौशनाई.....
#चले आना जहाँ तक रौशनाई.....
read moreShashi Bhushan Mishra
एक-एक कर चले गए, बारी बारी छले गए, दो पाटन के बीचों-बीच, जितने थे सब दले गये, गर्म तेल से भरी कराही, गिरे तो समझो तले गये, शोक और दुःख से यारों, फ़ुरसत लेकर भले गये, वक्त रेत सा फिसल गया, हाथ अंत में मले गये, अपनी आंखों के आगे, टूटा भ्रम दिलजले गये, संभल नहीं पाया 'गुंजन', दल-दल में मनचले गये, -शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' प्रयागराज उ०प्र० ©Shashi Bhushan Mishra #एक-एक कर चले गए#
#एक-एक कर चले गए#
read moreUrmeela Raikwar (parihar)
White बस अब तुम चले आओ ,,,, ©Urmeela Raikwar (parihar) #sad_quotes tum चले आओ
#sad_quotes tum चले आओ
read moreUrmeela Raikwar (parihar)
White आओ चले अब उन घरौंदों की और, जहाँ से हम कुछ पाने की चाह लिए निकले थे, बचपन लिये चले थे बुढ़ापा लेकर लौटे है , कुछ करने का ज़ज्बा लिये चले थे, फिर अब खाली हाथ लिये लौटे है, by Urmee ki Dairy ©Urmeela Raikwar (parihar) #Sad_Status आओ लौट चले
#Sad_Status आओ लौट चले
read moreParasram Arora
White मैं अच्छे से जानना चाहता हू कि आखिर इस जगत मे मेरा क्या हश्र होने वाला है आगे तभी एक आवाज़ मेरे कानो से आकर टकराई को कह रहीं थी. तुमारे साथ भी वही होगा जो हर इंसान की जिंदगी मे आज तक होता आया है ©Parasram Arora आगे क्या होने वाला. है
आगे क्या होने वाला. है
read moreVandana Rana
White बस आगे बढ़ते चलते रहिए मंज़िल मिल जाएगी। ©Vandana Rana बस आगे बढ़ते चलते रहिए मंज़िल मिल जाएगी।
बस आगे बढ़ते चलते रहिए मंज़िल मिल जाएगी।
read moreMohan Sardarshahari
White दिन तीस सितंबर के शांति से निपटाय शीत ज्यों ही आयसी खाकर शरीर सुस्ताय। अभी नीले का दौर है आगे पतझड़ आय जब तक बिस्तर छोड़िये तब तक सूरज ढल जाय। नीर आज लगे मनमोहन लूं शरीर से लिपटाय जैसे ही सितंबर जायसी निकालूं इससे नजर चुराय। शीत में जिनकी शादी होयसी वह घोड़ी चढ़ जाय मार्च आये आंख खुले असली मंजर दिख जाय। ©Mohan Sardarshahari सितंबर के आगे
सितंबर के आगे
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