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Pushpendra Pankaj
भाग फिरंगी,अब तू भाग ---------------------------- कैसे भूलें अंग्रेजी शासन, और ये जलियांवाला बाग, आँखे खुल गई, स्वाभिमानी, सोया शेर गया फिर जाग । सिहर उठा था बच्चा-बच्चा, धधक उठी आजादी-आग । भारत माँ ने कहा क्रोध मे, भाग फिरंगी,अब तू भाग ।। पुष्पेन्द्र "पंकज" ©Pushpendra Pankaj #JallianwalaBagh भाग फिरंगी अब तू भाग
#JallianwalaBagh भाग फिरंगी अब तू भाग
read morepradeep shakya
सोचा था तड़पायेंगे हम उन्हें, किसी और का नाम लेके जलायेगें उन्हें, फिर सोचा मैंने उन्हें तड़पाके दर्द मुझको ही होगा, तो फिर भला किस तरह सताए हम उन्हें..... ©pradeep shakya #for #loV€fOR€v€R #Foggy #फिरंगी #loV€fOR€v€R❤️ #fog
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shamawritesBebaak_शमीम अख्तर
आज मन ने लिखने से मना किया है,पर कलम नहीं मानी,के जिस बेबाकी से लिखते है हम.... तो फिर क्यूं हरबार हक बात कहने,लिखने,बोलने से डरते है हम...... ये तमाशा_ए _मदारी यूंही नहीं देखते हैं हम... के मदारी ए_डुगडुगी तले कई ऐबो हुनर दबाते हैं हम.. याद है न,फिरंगी से एकजुट होके लड़ते थे हम ,तो फिर अब आपस में क्यूं तास्सूब करते है हम... अरे हां"शमा" वो इसलिए के अब कायम हो चुके जंगलराज के साए से भी डरते है हम.... sjamawritesBebaak ©shamawritesBebaak_शमीम अख्तर #Nojoto आज मन ने लिखने से मना किया है,पर कलम नहीं मानी, के "शमा जिस बेबाकी से लिखते है हम.... तो फिर क्यूं हरबार हक बात कहने,लिखने,बोलने से
आज मन ने लिखने से मना किया है,पर कलम नहीं मानी, के "शमा जिस बेबाकी से लिखते है हम.... तो फिर क्यूं हरबार हक बात कहने,लिखने,बोलने से
read moreSonu Jaat
क्या बुझोगे जनाबे आली बस बुरी तरह बर्बाद हूँ मैं मेरी मां का नाम तो आजादी उस का बेटा आजाद हूँ मैं 1 इस भारत माँ को दुखी देख दुख भारी मेरे त
read moreMili Saha
// राणा अमर सिंह // जिनकी वीरता और साहस ने, अकबर तक को विचलित किया, उस वीर दयालु और राष्ट्र प्रेमी, राणा अमर सिंह की है यह कथा, बचपन से ही सुनते आ रहे थे जो, अपने पूर्वजों की गौरव गाथा, पौत्र महाराणा उदय सिंह के और महारानी अजबदे पंवार माता, शिशोदिया राजवंश मेवाड़ के शासक पिता वीर महाराणा प्रताप, पिता की भांति ही अमर सिंह में कूट-कूट कर था देशभक्ति भाव, न्याय भावना, नेतृत्व, वीरता, दयालुता और बहादुरी का सम्मान, मुगलों के समक्ष महाराणा अमर सिंह को मिला चक्र वीर उपनाम, महाराणा प्रताप सदैव समझते, अमर सिंह आलस से है ग्रसित, किन्तु उन्होंने साहस से, अपनी वीरता को कई बार किया सिद्ध, राष्ट्र से प्रेम था अमर सिंह को, पूर्वजों के इतिहास से था लगाव, शौर्य और प्रताप का संगम था वो, था उसमें देशभक्ति का भाव, संग्राम और प्रताप का वंशज फिरंगीयों के आगे कभी न झुका, अपनी रगों में बहते हुए लहू का, सदैव अमर सिंह ने मान रखा, मृत्यु से पूर्व महाराणा प्रताप ने उत्तराधिकारी था किया घोषित, मेवाड़ वंश परंपरा अनुसार, अमर सिंह हुए शासक स्वीकारित, न्याय प्रियता, कृपाशिलता गुण इनके, प्रजा करती थी आदर, राष्ट्र-हित के लिए अमर सिंह ने, निर्माण करवाया बढ़-चढ़कर, प्रतापेश्वर महादेव मंदिर, महाराणा प्रताप के नाम से बनवाया, सिसोदिया राजवंश का इतिहास, ग्रंथ अमरसार में लिखवाया, मुगलों से कभी न मानी थी हार, हर अनुबंध को पैरों तले रौंदा, राष्ट्रभक्ति दिल में लिए मर मिटा था वो अमर सिंह वीर योद्धा। ©Mili Saha राणा अमर सिंह जिनकी वीरता और साहस ने, अकबर तक को विचलित किया, उस वीर दयालु और राष्ट्र प्रेमी, राणा अमर सिंह की है यह कथा, बचपन से ही सुन
राणा अमर सिंह जिनकी वीरता और साहस ने, अकबर तक को विचलित किया, उस वीर दयालु और राष्ट्र प्रेमी, राणा अमर सिंह की है यह कथा, बचपन से ही सुन
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