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kavi Dhananjay (dhanuj) Sankpal
संवेदनशील व्यक्ती प्रेमाचा आणि मायेचा भूकेला असतो. या दोनच गोष्टींची अपेक्षा त्याला समोरच्या व्यक्तीकडून अपेक्षित असते. बाकी त्याच्यासाठी सर्वकाही मोहमाया आहे. त्याला या दोनच गोष्टी देता येतात किंवा घेता येतात. प्रेम आणि माया ही संवेदनशील व्यक्तीची गुणवैशिष्ट्ये समजली जातात. संवेदनशीलता हि मानवांच्या वस्तीला नाही तर देवाच्या गाभाऱ्यात अनुभवायला मिळते जिथे प्रेम, माया, विश्वास, आपलेपणा व काळजी यांचा निस्वार्थ सहवास नकळत तुम्हाला कस्तुरीच्या अत्तरासवे स्पर्शून जाईल. फक्त अट एवढीच आहे तो सुगंधित स्पर्श तुमच्या सवे तुमच्या बरोबर गाभाऱ्याच्या बाहेर ही यायला हवा आणि तो जेव्हा तुमच्या सवे येईल तेव्हा तुम्ही माणूस म्हणून स्वतःला अनुभवायला शिकाल. ©Dhananjay(dhanuj) Sankpal #संवेदनशीलता
THE EVENT IN EVERY STREET (R K C)
बेरपाह है लोग ,जीवन जीने की आस लिए; पहली वाली ही जिंदगी लग रही,सोच रहे अपने लिए। मानव अपने को स्वाभिमान में दे डाली चुनौती समय को; मगर घूम रही है उनकी जिंदगी, वही समय संसार में। मौत की सच्चाई भी,माया में भूल गई,लौट के फिर जाती फिर वही घर परिवार में। मोह ऐसा की मौत के आखिरी सांस भी दम तोड़ दी;परिवार के आपसी प्रेम इतना गहरा की सब छोड़ चले सँसार को। क्रमशः...................; #संवेदनशीलता
Parasram Arora
कितने अच्छे थे वे दिन .....जब हर छल मुझसे दूर था .....अधरों पर किलकारी चेहरे पर उल्लासमय नूर था .....लड़खड़ाते थे कदम किन्तु इरादों में उत्साह. भरपूर था .....आज वो अबोध. शिशु पक कऱ प्रौढ़ता का दामन थाम चुका है .....और जीवन के प्रपंचो में उलझ. कर. अपनी सौम्य संवेदन. शीलता खो चुका है ...., संवेदनशीलता .....
संवेदनशीलता .....
read morePeeyush Bajpai
संवेदनशीलता ही सारे कष्ट की जड़ है.. यदि आप संवेदनशील होंगे ,दूसरे का दर्द समझने की चेष्टा करेंगे तो आप जीवन भर दुखी रह सकते हैं.. #prb #नमो #संवेदनशीलता #सत्य
Ek villain
भगवत कथा में उल्लेख है कि गिरिराज विजेंद्र जब नदी में पानी पीने गए तो मगरमच्छ ने उनका पैर दबोच खींचना शुरू कर दिया तब उसने भगवान नारायण से गुहार लगाई भगवान सर दौड़ पड़े और उसकी रक्षा की अतः नवरात्रि में मां दुर्गा की कृपा के लिए हाथी के उक्त गुणों को भी आत्महत्या करना चाहिए उपासक की आंखो का पानी सूख ना नहीं चाहिए आंखो का पानी जब सूख जाता है तो व्यक्ति हृदय हीन और पत्थर दिल हो जाता है परिवार से लेकर समाज से अलग-थलग पड़ जाता है ©Ek villain #दूसरों की पीड़ा पर द्रवित हो ना संवेदनशीलता का लक्षण है #Navraatra
#दूसरों की पीड़ा पर द्रवित हो ना संवेदनशीलता का लक्षण है #Navraatra
read moreEk villain
धर्म ग्रंथों के अनुसार जब नवरात्रि में मां दुर्गा हाथी पर बैठकर आती है तो उसे अत्यंत शुभ माना जाता है मनुष्य और जानवर में बड़ी समानता यह है सिर्फ विचार शक्ति और उसकी अभिव्यक्ति के साथ-साथ उसके किरिया वाहन के कारण ही मानव तन श्रेष्ठ है अन्यथा कार्य करने में तो पशु भी सदस्य होते हैं जब अपराधिक घटनाएं होती हैं तो तब पुलिस अधिकारी स्वासन की मदद लेते हैं स्वासन आगे आगे चलता है पुलिस के लिए पीछे पीछे चलते हैं उसी दृष्टि से देवी-देवताओं के सभी वाहनों में कुछ ना कुछ विशेषता होती है हाथी को ही लिए जाए तो है अत्यंत संवेदनशील जानवर है उसकी आंखों में आंसू बहते देखा जा सकता है आंसू आंखों में आंसू के रूप में पानी संवेदन का सूचक है दूसरों की पीड़ा परिवेदा होना संवेदनशीलता का लक्षण है हाथी के कान बड़े होते हैं बड़ा कान सुधर जाता से मुक्त होना है वरना निंदा और गली में इंसान का समय अधिक व्यर्थ हो जाता है हाथी रहा चलता है तो अपनी सूर्य से धरती की धूल कणों को साफ करता हुआ चलता है महात्माओं ने कहा है कि स्वच्छता में पालनकर्ता विष्णु निवास करते हैं साथ साफ सुथरा परिवेश मन को प्रफुल्लित करता है इसलिए मां दुर्गा के उपासक को भी चाहिए कि वे जहां रहे स्वच्छ वातावरण बनाए इस समय बीमारियों से दूर ©Ek villain #मां दुर्गा के प्रति संवेदनशीलता #Navraatra
#मां दुर्गा के प्रति संवेदनशीलता #Navraatra
read moreVinay Suryawanshi (Tej Vinay)
सृष्टि में जितना महत्वपूर्ण स्थान इंसान का है, ठीक उतना ही महत्वपूर्ण स्थान सभी जीव,जंतुओं,पशु,पक्षी और प्राणियों का भी है। विश्व में एक चिटी,और हाथी का स्थान भी उतना ही महत्वपूर्ण है,जितना इंसान का। "अगर इंसान ही विवेक बुद्धि होकर भी जानवरो के प्रती विवेक्शून्य व्यवहार करेगा,तो इंसान का यह व्यवहार उसे जानवरो से भी निम्न श्रेणी में लाकर खड़ा कर देगा"। "शिक्षित होने से कहीं ज्यादा महत्वपूर्ण है संवेदनशील होना"। "संवेदनशीलता संस्कारो से आती है शिक्षा से नहीं"। #संवेदनशीलता #संस्कार #अनुभव की कलम से
#संवेदनशीलता #संस्कार #अनुभव की कलम से
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